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दीवालिया हो चुकी है मनपा

महापौर की कार में पेट्रोल भरवाने के भी पैसे नहीं

  • नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने मांगा सत्ता पक्ष का इस्तीफा

  • कहा : भाजपा अपने नहीं, तो कम से कम शहर का तो सम्मान करें

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१० – गत रोज शहर के एक पेट्रोल पंप संचालक द्वारा महापौर के शासकीय वाहन में ये कहते हुए पेट्रोल भरने से इन्कार कर दिया गया कि, मनपा की ओर पहले ही काफी अधिक उधारी हो गयी है. अत: वह पेट्रोल देने में असमर्थ है. इस बात को लेकर मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत (Bablu Shekhawat) ने आरोप लगाया है कि, मनपा में सत्ता हासिल रखनेवाली भारतीय जनता पार्टी ने मनपा को पूरी तरह से दिवालिया कर दिया है. और जिस तरह से एक दिवालिया व्यक्ति को शहर में कोई भी खडा नहीं रखता, उसी तरह से मनपा को अब पेट्रोल पंप संचालक उधार नहीं दे रहे है.
इसके तहत शहर के प्रथम नागरिक की हैसियत रखनेवाले महापौर के वाहन तक को वापिस लौटा दिया गया है. यह एक तरह अमरावती शहर का अपमान है. जिसके लिए पूरी तरह से भाजपा नेता जिम्मेदार है. अत: भाजपा पार्षदों व पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए. बता दें कि, शहर के एक पेट्रोल पंप पर अमरावती मनपा का खाता चलता है. जहां पर मनपा की सेवा में रहनेवाले सभी वाहनों द्वारा पेट्रोल व डिजल भराया जाता है. गत रोज जब महापौर चेतन गावंडे के सरकारी वाहन का ड्राईवर महापौर की कार में पेट्रोल भरवाने हेतु पहुंचा, तो पेट्रोल पंप संचालक ने उसे यह कहते हुए पेट्रोल देने से इन्कार कर दिया कि, उसकी मनपा पर पहले ही काफी उधारी हो चुकी है तथा जब तक पुराना बकाया अदा नहीं किया जाता, तब तक वह मनपा के किसी भी वाहन को पेट्रोल या डिजल नहीं देगा.
इस बात का पता चलते ही मनपा के विपक्षी दलों ने सत्ता पक्ष को जमकर आडे हाथ लिया है. साथ ही इस मामले में मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, मौजूदा सत्तापक्ष केवल सत्ता की मस्ती में चुर है और उनका मनपा की आर्थिक स्थिति व शहर की जरूरतों की तरफ कोई ध्यान नहीं है. जिसके चलते गत रोज खुद महापौर के वाहन चालक को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पडा. यह केवल उस वाहन चालक का अपमान नहीं था, बल्कि यह समूचे शहर का अपमान है. जिसके लिए उक्त पेट्रोल पंप चालक बिल्कूल भी जिम्मेदार नहीं है. बल्कि इस अपमान के लिए पूरी तरह से खुद महापौर और मनपा का सत्ता पक्ष जिम्मेदार है. अत: शहर के इस अपमान के लिए सत्ता पक्ष के लोगों ने अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए. साथ ही शहर की जनता से माफी भी मांगनी चाहिए.

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