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आऊट सोर्सिंग ठेके पर मनपा रख रही फूंक-फूंक कर कदम

 गुरूवार को स्थायी समिती के सामने रखा जाना है प्रस्ताव

  • ईटकॉन्स ई-सोल्यूशन्स के सभी दस्तावेजों को बारीकी से दुबारा खंगाला जा रहा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – मनपा में प्रति माह सेवानिवृत्तोें की संख्या बढती जा रही है. ऐसे में कई पद रिक्त पडे है. जिसकी वजह से मनपा का कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. अत: इन पदों पर ठेका पध्दति के जरिये कर्मचारियों की नियुक्ति करने हेतु मनपा द्वारा आऊट सोर्सिंग के काम हेतु निविदा प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसमें करीब 8 एजेंसियों द्वारा हिस्सा लिया गया और सभी कंपनियों के प्रस्तावों व दस्तावेजों की जांच-पडताल करने के बाद मनपा प्रशासन द्वारा नोएडा स्थित ईटकॉन्स ई-सोल्युशन्स् नामक कंपनी को इस आऊट सोर्सिंग के काम हेतु लगभग तय कर लिया गया है. किंतु पता चला है कि, मनपा के विपक्ष सहित सत्ता पक्ष द्वारा भी इस एजेेंसी को काम का ठेका दिये जाने को लेकर काफी हद तक नासंदगी है और प्रशासन द्वारा लिये गये निर्णय में दोनोें पक्ष अडंगा डालने का प्रयास कर सकते है, ताकि इस निविदा प्रक्रिया को नये सिरे से दुबारा शुरू किया जाये. ऐसे में अब मनपा प्रशासन द्वारा बेहद फूंक-फूंक कर कदम आगे बढाये जा रहे है. साथ ही इटकॉन्स ई-सोल्यूशन कंपनी की ओर से पेश किये गये प्रस्ताव एवं दस्तावेजों की एक बार फिर बारीकी से जांच-पडताल की जा रही है, क्योंकि आगामी गुरूवार 15 जुलाई को मनपा प्रशासन की ओर से स्थायी समिती के सामने यह प्रस्ताव मंजुरी हेतु रखा जाना है.
बता दें कि, विगत दो सप्ताह से आऊट सोर्सिंग ठेके को लेकर मनपा के राजनीतिक गलियारों में जबर्दस्त गहमागहमीवाली स्थिति है और मनपा की सत्ता में शामिल एक घटक दल सहित पूरे विपक्ष द्वारा इस निविदा प्रक्रिया का एक हद तक विरोध किया जाना शुरू किया गया, जब आठ एजेेंसियों के प्रस्तावों की स्कू्रटनी करने के बाद पांच एजेेंसियों के नामों को रेस से बाहर कर दिया गया. लेकिन जैसे ही शेष तीन कंपनियों के प्रस्तावोें में से मनपा प्रशासन द्वारा दो अन्य नामों को बाहर करते हुए नोएड की एजेन्सी का नाम इस ठेके के लिए फाईनल किया गया. वैसे ही अब सत्ता पक्ष की ओर से भी प्रशासन के इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया गया है. इसके पीछे वजहें चाहें जो हो, लेकिन अब यह तय है कि, प्रशासन की ओर से स्थायी समिती के समक्ष मंजुरी हेतु आनेवाले प्रस्ताव की राह में सत्ता पक्ष द्वारा निश्चित तौर पर अडंगे डाले जायेंगे और इस प्रस्ताव को खारिज करने का प्रयास भी किया जायेगा, ताकि नये सिरे से निविदा प्रक्रिया शुरू करनी पडे. वहीं दूसरी ओर मनपा प्रशासन रि-टेंडरिंग की स्थिति से बचना चाहता है. ऐसे में प्रशासन द्वारा अपना हर कदम बेहद फूंक-फूंक कर उठाया जा रहा है, ताकि प्रस्ताव में किसी तरह की कोई त्रृटि या चूक न रह जाये. ताकि यह प्रस्ताव स्टैण्डींग कमेटी के सामने स्टैण्ड कर सके.

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