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मनपा अधिकारियों ने ही बनाया था नकली ठेकेदार

  • शौचालय घोटाला मामले में धरे गये मेहरे ने दी पुलिस को जानकारी

  • अब कई मनपा अधिकारी भी पुलिस के रिकॉर्ड पर

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१० – गत रोज निजी शौचालय घोटाला मामले में लिप्त रहने की वजह से हिरासत में लिये गये प्रणय सुभाष मेहरे नामक आरोपी ने आर्थिक अपराध शाखा पुलिस द्वारा की गई पूछताछ मेें बताया कि, स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाये जानेवाले निजी शौचालयों का बजट काफी भारी भरकम रहा करता था और खुद मनपा के ही कुछ अधिकारियोें ने इस योजना के तहत रकम का अपहार करने के लिए उसके सहित अन्य आरोपियों को नकली ठेकेदार बनने की सलाह दी थी और जब वे ठेकेदार बनकर इस काम में शामिल हुए तो उनके बैंक खातों में इस योजना की राशि ट्रान्सफर की गई. मेहरे द्वारा दिये गये बयान के बाद अब मनपा के कई अधिकारी आर्थिक अपराध शाखा पुलिस के निशाने पर आ गये है. जिन्हें बहुत जल्द पूछताछ के लिए उठाया जा सकता है. बता दें कि, इस पूरे मामले का भंडाफोड कब हुआ था, जब जून माह के दौरान निगमायुक्त प्रशांत रोडे के पास बडनेरा झोन अंतर्गत बनाये गये निजी शौचालयों के निर्माण से संबंधित बिलों की फाईल मंजूरी हेतु रखी गयी, लेकिन फाईल में लगाये गये कुछ दस्तावेजों पर संदेह होने के चलते जब निगमायुक्त ने इस मामले में पडताल की तो पता चला कि, करीब ७४ लाख रूपये की रकम से संबंधित तमाम बिल पूरी तरह से फर्जी व नकली है. पश्चात इस मामले को लेकर कोतवाली थाना पुलिस मे शिकायत दर्ज करायी गयी थी और मामले की जांच के बाद पता चला कि, इससे पहले भी ऐसी १२ फाईले मंजूर कराते हुए मनपा की सरकारी तिजोरी से करीब सवा दो करोड रूपयों का अपहार किया जा चुका है.
पश्चात मामले में जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गयी और आर्थिक अपराध शाखा ने मनपा के बडनेरा झोन के कंप्यूटर ऑपरेटर संदीप राईकवार व लेखा विभाग के कनिष्ठ लिपीक अनुप सारवान सहित इस मामले के मास्टर माइंड योगेश कावरे को हिरासत में लिया था. साथ ही मनपा की सरकारी तिजोरी से निकाली गयी रकम जिन लोगों के खाते में ट्रान्सफर की गई, उन सभी लोगों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया था. इन्हीं लोगों में से एक रहनेवाले आरोपी प्रणय सुभाष मेहरे को गत रोज पुलिस ने मध्यवर्ती बस स्थानक परिसर से गिरफ्तार किया. जानकारी के मुताबिक प्रणव मेहरे के खाते में मनपा की तिजोरी से २८ लाख ७३ हजार रूपये शौचालय निर्माण की ऐवज में ट्रान्सफर किये गये थे. इस संदर्भ में पूछताछ किये जाने पर प्रणय मेहरे ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि, यह पूरा फर्जीवाडा करने के लिए मनपा के कुछ अधिकारियों ने उसे व उस जैसे कुछ लोगों को नकली ठेकेदार बनाया था और इस योजना में शामिल किया था. बाद में सभी के बैंक खातों में मनपा से पैसे ट्रान्सफर किये गये. जिसमें हर एक का अपना-अपना हिस्सा था. प्रणय मेहरे द्वारा आर्थिक अपराध शाखा को एक बेहद महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है. जिसके आधार पर आर्थिक अपराध शाखा ने अब मनपा के कई अधिकारियों को अपने राडार पर लिया है.

किसके खाते में कितनी रकम हुई ट्रान्सफर

आरोपी का नाम    शौचालय      बिल      रकम

ऋषिकेश चांगोले       १३४                १       २२,७८,०००

सुशांत निमकर्डे         १४९                १       २५,३५,०००

पवन शेंडे                  १६५                १        २८,०५,०००

निलेश गुडधे             ११७                १         १९,८९,०००

प्रणय मेहरे               १५९                १        २८,७३,०००

गजानन ढोले            ५४५              ५        ९२,६५,०००

पराग तोष्णीवाल       १८७               २        ३१,७९,०००

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