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मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया ‘एक्शन प्लान’

  •  मामला सुकली कंपोस्ट डिपो के प्रदूषण का

  •  सुप्रीम कोर्ट ने उपायोें को लेकर मांगी थी जानकारी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.12 – विगत दस वर्षों के दौरान सुकली कंपोस्ट डिपो की वजह से होनेवाले वायू प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित लवाद (एनजीटी) द्वारा वर्ष 2020 की शुरुआत में अमरावती महानगर पालिका पर केंद्रीय प्रदूषण मंडल तथा राज्य प्रदूषण मंडल के जरिये 47 करोड 23 लाख 45 हजार रुपए का जुर्माना ठोका गया था. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा लगाये गये जुर्माने की यह राशि भरने से बचने के लिए मनपा व्दारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विगत दिसंबर माह में इस दंड पर स्थगनादेश दिया था. साथ ही अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मनपा सेे सुकली कंपोस्ट डिपो के संदर्भ में दो महिने के अंदर जवाब तथा एक्शन प्लान उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे. जिसके चलते मनपा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपना एक्शन प्लान पेश किया जा चुका है. इस एक्शन प्लान में बताया गया है कि, प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित कामों को कब तक पूर्ण किया जायेगा.
बता दें कि, हाल की स्थिति में मनपा आर्थिक संकट से घिरी है. ऐसे में अगर मनपा पर ठोकी गई जुर्माने की राशि अदा करने की नौबत आती है तो मनपा की हालत और अधिक गंभीर हो जाएगी. इसलिए मनपा प्रयासरत है कि किसी भी प्रकार से इस जुर्माने की राशि से बचना है या फिर ज्यादा से ज्यादा जुर्माने की राशि में कटौती पर मंजूरी लाई जा सके. देखना यह है कि मनपा व्दारा दिये गए जवाब से सुप्रीम कोर्ट कितना संतुष्ट होता है, सब कुछ इसी पर निर्भर रहेगा. मनपा व्दारा दायर किये जाने वाले हलफनामे में अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और आगामी दिनों में किस तरह के कार्य किए जाने है, इसे लेकर जानकारी दी गई है.
इसके साथ ही मनपा द्वारा बायोमायनिंग के लिए निविदा जारी की जा चुकी है और जल्द से जल्द बायोमायनिंग का काम शुरू करने हेतु प्रयास किये जा रहे है. एनजीटी के निर्देशानुसार मनपा ने बायोमायनिंग सहित कचरा प्रक्रिया को लेकर पूरा कृति प्रारूप और एक्शन प्लान सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया है.

 

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सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किये जाने वाले जवाब में हमारी ओर से पूरा एक्शन प्लान बताया गया है. इस प्रस्तावित एक्शन प्लान के चलते कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान हमें क्या राहत मिलेगी, यह देखना है. साथ ही एनजीटी के निर्देशानुसार सुकली कंपोस्ट डिपो में कचरे के निस्सारण हेतु बायोमायनिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है. जिसके लिए निविदा जारी की जा चुकी है. साथ ही इस बारे में एनजीटी को जानकारी भी पेश की गई है.
प्रशांत रोडे, मनपा आयुक्त

 

  • सुकली कंपोस्ट डिपो में बनायी जायेगी पशु शवदाहिनी

शवविच्छेदन गृह भी बनाया जायेगा
जानकारी मिली है कि, सुकली कंपोस्ट डिपो परिसर में मनपा द्वारा जल्द ही पशु शवदाहिनी स्थापित की जायेगी. साथ ही पशुओं की मौत के मामलों की मिमांसा करने हेतु यहां पर शव विच्छेदन गृह भी बनाया जायेगा. जिसके जरिये अकस्मात मरनेवाले पशुओं के मौत की वजह की जांचपडताल करने के साथ ही पशुओं के शवों का योग्य तरीके से अंतिम संस्कार भी किया जा सकेगा.
बता दें कि, शहर में कहीं पर भी मृत होनेवाले जानवरों के शवों को कंपोस्ट डिपो परिसर में लाकर फेंक दिया जाता है. ऐसे में इस परिसर में शवों की दुर्गंध फैलने की वजह से परिसरवासियों को काफी तकलीफों का सामना करना पडता है. साथ ही यहां पर संक्रामक बीमारियां फैलने की संभावना भी होती है. किंतु अब इन सभी समस्याओं से परिसरवासियों को छूटकारा मिल जायेगा. क्योंकि मनपा द्वारा इस परिसर में डीजल गैस शवदाहिनी सहित शव विच्छेदन गृह स्थापित करने की शुरूआत की गई है. जिसके लिए विगत शुक्रवार को तमाम आवश्यक साहित्य पहुंच गया है और यहां पर इस प्रकल्प का काम भी शुरू हो चुका है. ऐसी जानकारी मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे द्वारा दी गई है. साथ ही उन्होंने बताया कि, सुकली कंपोस्ट डिपो में करीब 60 हजार चौरस फुट क्षेत्र में शवदाहिनी व पोस्टमार्टम गृह बनाया जायेगा.

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