मनपा के पास अभी भी जर्जर इमारतों की सूची नहीं
राजेंद्र लॉज की इमारत ढहने की घटना को बीत गए 6 माह
* कार्यकारी अभियंता का कहना अभी भी पांचों जोन में सर्वेक्षण जारी
* बेमौसम बारिश का कहर जारी रहने के बावजूद अब तक नहीं कोर्ई उपाययोजना
अमरावती/दि.4- अमरावती शहर समेत संपूर्ण जिले में मई माह में भी बेमौसम बारिश का कहर जारी है. शहर में प्रभात चौक स्थित राजेंद्र लॉज की तिमंजिला इमारत ढहने को 6 माह पूर्ण हो गए हैं. इसके बावजूद मनपा प्रशासन कुंभकरणी नींद में है. मनपा क्षेत्र के पांचों जोन में कुछ दिनों तक जर्जर इमारतों को ढहाने की कार्रवाई की गई. लेकिन अभी यह कार्रवाई ठप पड़ी हुई है. इस संबंध में मनपा के निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता का कहना है कि राजेंद्र लॉज की घटना के बाद अभी भी जर्जर इमारतों के सर्वेक्षण का काम जारी है और उनके पास जर्जर तथा अति जर्जर इमारतों की सूची नहीं पहुंची है. वहीं दूसरी तरफ जिन इमारतों को ढहाने संबंधित नोटीस दी गई है, उस पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. इस कारण मनपा की उदासीन कार्यप्रणाली उजागर होती है या मनपा फिर कोई बड़ी घटना घटित होने का इंतजार कर रही है? ऐसा सवाल अब निर्माण होने लगा है.
अमरावती शहर के प्रभात चौक में रविवार 30 अक्तूबर 2022 को राजेंद्र लॉज की तिमंजिला इमारत ढह गई थी. इस इमारत के मलबे के नीचे दबने से राजेंद्र लॉज के मैनेजर रवि परमार समेत पांच मजदूरों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने आनन फानन में शहर की जर्जर और अति जर्जर इमारतों पर कार्रवाई करने के निर्देश पांचों जोन के अभियंताओं को दिए थे. लेकिन कुछ दिनों तक यह कार्रवाई चली. उस समय मनपा क्षेत्र में 82 जर्जर और अति जर्जर इमारतों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. इनमें सर्वाधिक राजापेठ जोन की 47 और भाजीबाजार जोन की 18 इमारतों का समावेश था. वर्तमान में राजापेठ जोन में 32 और भाजीबाजार जोन में 15 अति जर्जर इमारतों को जमींदोज करने की कार्रवाई करना शेष है. इसमें सराफा बाजार का बरसैया मार्केट खाली हो जाने के बावजूद अब तक नहीं ढहाया गया है. इसी तरह राजापेठ चौराहे के महालक्ष्मी मेडिकल और न्याहारी रिफ्रेशमेंट नामक प्रतिष्ठान की ऊपरी मंजिल को जमींदोज नहीं किया गया है. जबकि इस इमारत को डेंजर जोन बताकर वहां फलक भी लगाया गया है. लेकिन मनपा द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वर्तमान में बेमौसम बारिश का कहर जारी है. ऐसे में कोई भी अप्रिय घटना घटित होने से इनकार नहीं किया जा सकता. क्या मनपा अभी भी राजेंद्र लॉज के जैसी घटना की पुनरावृत्ति होने के इंतजार में है? यह सवाल उपस्थित हो रहा है. राजकमल चौक के खापर्डे वाड़ा को सुप्रीम कोर्ट ने ढहाने के निर्देश दिए है. यह निर्देश मिलने के बाद मनपा आयुक्त के निर्देश पर इस अति जर्जर इमारत की नापजोख भी की गई और इसमें रहने वाले किराएदारों के बिजली कनेक्शन भी काटने के निर्देश महावितरण कंपनी को दिए गए. लेकिन किराएदारों की बिजली के कनेक्शन काटे नहीं गए और ना ही इमारत ढहाने की कार्रवाई की गई है. अमरावती शहर में ऐसी अनेक इमारतें और संकुल है, जो काफी जर्जर हो गए हैं. मनपा प्रशासन की तरफ से केवल उन्हें नोटीस थमाए गए हैं. लेकिन बाद में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस संबंध में मनपा के बांधकाम विभाग के कार्यकारी अभियंता-1 रविंद्र पवार से पूछे जाने पर उनका कहना था कि अभी सर्वेक्षण जारी है और उन्हें जर्जर और अति जर्जर इमारतों की सूची प्राप्त नहीं हुई है. राजेंद्र लॉज इमारत ढहने की घटना के बाद अभी भी शहर में सर्वेक्षण जारी है. ऐसा उनका कहना था.
भिवंडी की घटना के बाद मुंबई व नाशिक मनपा जागी
एक सप्ताह पूर्व भिवंडी में पांच मंजिला इमारत ढहने से मलबे के नीचे दबकर आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस घटना के बाद नाशिक व मुंबई मनपा जाग गई. लेकिन 6 माह पूर्व अमरावती शहर के राजेंद्र लॉज की इमारत ढहने के बावजूद अमरावती मनपा सुस्त बैठी है. क्या फिर कोई इमारत ढहने का इंतजार मनपा कर रही है. ऐसा सवाल भी निर्माण होने लगा है.
कुछ दिन पूर्व ही निगमायुक्त ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
बेमौसम बारिश का कहर जारी रहते और आगामी माह से मानसून की शुरुआत होने वाली रहने से मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने हर सोमवार को होने वाली साप्ताहिक बैठक में शहर की जर्जर इमारतों को गिराने के निर्देश पांचों जोन के उप अभियंता को दिए थे. लेकिन मुंबई और नाशिक समेत अन्य बड़ी मनपा में यह अधिकार आयुक्त के रहते हैं. उनके निर्देश पर जर्जर इमारतों को ढहाने की कार्रवाई की जाती है. लेकिन अमरावती में पांचों जोन के उप अभियंताओं को यह निर्देश दिए जाने के बाद राजनीतिक दबाव में यह कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई है.
एक सप्ताह में सर्वेक्षण की सूची होगी तैयार
राजेंद्र लॉज की घटना के बाद जर्जर और अति जर्जर इमारतों को ढहाने संबंधी नोटीस संबंधित मालिकों को दी गई थी. इनमें से कुछ इमारतें ढहाई गई और कुछ संचालकों ने खुद यह प्रक्रिया की. लेकिन उसके बाद नया सर्वेक्षण पांचों जोन में किया जा रहा है. यह सूची एक सप्ताह में तैयार हो जाएगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.
– रविंद्र पवार, कार्यकारी अभियंता-1 मनपा