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पर्यावरण हानि के लिए मनपा को अदा करने होंगे ४७ करोड रूपये

  • राज्य प्रदूषण मंडल जारी करेगा नोटीस, केंद्रीय हरित प्राधिकरण ने दिया आदेश

  • मनपा को सुकली कंपोस्ट डिपो में जमा होनेवाले घनकचरा व जैव वैद्यकीय कचरा का त्वरित निस्सारण करने का निर्देश

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२४ – केंद्रीय हरित प्राधिकरण के समक्ष अमरावती मनपा क्षेत्र में पर्यावरण के हो रहे नुकसान और लगातार बढ रहे प्रदूषण को लेकर गणेश अनासाने द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय हरित प्राधिकरण ने पर्यावरण के लिए अब तक हुए नुकसान हेतु केंद्रीय प्रदूषण मंडल व महाराष्ट्र प्रदूषण मंडल द्वारा किये गये मूल्यांकन की ४७ करोड २३ लाख ४५ हजार रूपये वसूल करने हेतु महाराष्ट्र प्रदूषण मंडल की ओर से अमरावती मनपा को नोटीस जारी की जाये और जल्द से जल्द अमरावती मनपा द्वारा इस रकम का सेटलमेंट किया जाये. बता दें कि, गणेश अनासाने ने अमरावती मनपा क्षेत्र में पर्यावरण संबंधी नियमों के उल्लंघन और लगातार बढ रहे प्रदूषण के मद्देनजर अमरावती मनपा, महाराष्ट्र प्रदूषण नियामक मंडल व अमरावती के जिलाधीश को प्रतिवादी बनाते हुए राष्ट्रीय हरित लवाद में एक याचिका दायर की थी. जिस पर लवाद के विधिज्ञ सदस्य जस्टीस शिवकुमार qसह व विशेषज्ञ सदस्य डॉ. सत्यवान qसह गरब्याल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. जिसमें लवाद ने उपरोक्त आदेश देने के साथ ही कहा कि, सुकली के कंपोस्ट डिपो में जमा घनकचरे और रोजाना जमा होनेवाले कचरे का निस्सारण आगामी ४ नवंबर २०२० से पहले किया जाये. इसके साथ ही पीपीई कीटस् व अन्य जैविक वैद्यकीय कचरे का भी मुख्य वैद्यकीय अधिकारी की सहायता से योग्य निस्सारण किया जाये. लवाद ने घनकचरा निस्सारण में असक्षम रहने के लिए अमरावती मनपा को जिम्मेदार मानते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटीस जारी की है और जानना चाहा है कि,
अधिनियम २०१६ का उल्लंघन किये जाने को लेकर इन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों न की जाये. इसके साथ ही हरित लवाद ने आगामी ४ नवंबर को अपने समक्ष होनेवाली ऑनलाईन सुनवाई के समय अमरावती मनपा के आयुक्त को उपस्थित रहने और सुनवाई के समय कचरा व्यवस्थापन को लेकर भविष्य में किये जानेवाले कामों की रिपोर्ट लवाद के समक्ष रखने का भी आदेश दिया है. इस सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र प्रदूषण मंडल ने २२ जून को जारी आदेश का अनुपालन करते हुए पर्यावरण भरपाई रिपोर्ट प्राधिकरण के समक्ष पेश की. साथ ही मनपा व प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने मनपा द्वारा किये गये जैविक घनकचरा व्यवस्थापन कार्य की संयुक्त रिपोर्ट भी पेश की. इसके साथ ही याचिकाकर्ता गणेश अनासाने ने इसके जवाब में एक प्रतिज्ञापत्र पेश करते हुए प्राधिकरण को बताया कि, नये प्रस्तावित अकोली घनकचरा स्थल पर केवल पांच प्रतिशत काम हुआ है और सुकली में पहले से जमा कचरे में से केवल १० प्रतिशत कचरे के व्यवस्थापन का कार्य किया गया है.
साथ ही ९.३५ हेक्टेयर क्षेत्र के अस्तित्व क्षेत्र में से केवल ९ हजार ४५० वर्ग मीटर क्षेत्र में ही यह काम हो पाया है. इसके अलावा कोरोना का संक्रमण शुरू होने के बाद से सुकली के घनकचरा डिपोवाले स्थान पर लगातार ही पीपीई किटस् व जैव वैद्यकीय कचरा लाकर डाला जा रहा है, जिसके लिए महाराष्ट्र प्रदूषण मंडल द्वारा मनपा को दो बार नोटीस जारी की गई है. इन सभी बातों की वजह से म्युनिसिपल सॉलीड वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम २०१६ तथा जैव वैद्यकीय कचरा व्यवस्थापन अधिनियम २०१६ का उल्लंघन किया गया है. इसके अलावा विगत अनेक वर्षों से अमरावती मनपा के स्वच्छता विभाग में विभिन्न घोटालों का सिलसिला चल रहा है. जिसमें फाईबर शौचालय घोटाला, मल्टीयुटीलीटी वाहन घोटाला, एक कन्स्ट्र्नशन कंपनी द्वारा किया जानेवाला कचरा ढुलाई घोटाला और हाल ही में उजागर हुए निजी शौचालय घोटाला का समावेश है. दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद केंद्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा अपना आदेश जारी करते हुए संबंधितों को जरूरी दिशानिर्देश दिये गये है.

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