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कहीं हवा-हवाई न साबित हो मनपा का बजट

  •  घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने वाली है स्थिति

  •  कोविड काल में मनपा की आय और आर्थिक स्थिति है डावांडौल

  •  बजट में बडे-बडे खर्च को लेकर किये गये है प्रावधान

अमरावती/प्रतिनिधि दि.23 – स्थानीय महानगरपालिका द्वारा अक्सर ही किसी भी तरह के विकास कामों को लेकर दयनीय आर्थिक स्थिति का रोना रोया जाता है. इसी कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते वेतन और भत्तों के लिए मनपा के कर्मचारियों द्वारा अनेकों बार आंदोलन किये जा चुके है. वहीं विकास कामों का भुगतान बकाया रहने के चलते ठेकेदारों द्वारा नये टेंडर उठाने और नये काम शुरू करने को लेकर अपने हाथ खडे कर दिये गये है. रहींसही कसर पिछले एक साल से कोविड महामारी के संक्रमण ने पूरी कर दी. जब महानगरपालिका को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को लेकर बडे पैमाने पर पैसा खर्च करना पडा, वहीं दूसरी ओर मनपा की आय का एकमात्र स्त्रोत रहनेवाली संपत्ति कर की वसूली बुरी तरह से प्रभावित हुई. ऐसे हालात में गत रोज महानगरपालिका की आमसभा में वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया गया. जिसमें शहर के विकास कामों हेतु काफी बडी-बडी रकम का प्रावधान किया गया है. जिसमें प्रमुख रूप से शहर में सीसीटीवी कैमेरे लगाने हेतु 5 करोड रूपये, झोन कार्यालयों के कंप्यूटराईजेशन हेतु 5 करोड रूपये, पार्षदों की वार्ड विकास स्वेच्छा निधी हेतु 25-25 लाख रूपयों का प्रावधान करने के साथ ही वॉर्ड विकास निधी को 15 करोड से बढाकर 46 करोड करने की बात कही गयी है. इसके अलावा अंगनवाडी सेविकाओें के वेतन में प्रतिमाह एक हजार रूपये की वृध्दि करने और कोरोना संक्रमित व कोविड मुक्त हो चुके मरीजों को नि:शुल्क विटामिन गोलियां वितरित करने एवं हृदयरोग, कर्करोग व ब्रेनट्युमर जैसी गंभीर बीमारियों से पीडित मरीजों को दी जानेवाली सहायता राशि को 5 हजार से बढाकर 10 हजार रूपये करने का भी प्रावधान किया गया है. इसके अलावा कर वसूली हेतु झोन अथवा प्रभागनिहाय स्थायी कार्यालय बनाने के लिए भी निधी का प्रावधान किया गया है. स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु किये गये प्रावधानों को बेहद जरूरी व आवश्यक माना जा सकता है. किंतु आर्थिक स्थिति डावांडौल रहते समय सीसीटीवी कैमरों के लिए 5 करोड, डिजीटलायजेशन के लिए 5 करोड और वॉर्ड विकास निधी में 31 करोड का अतिरिक्त प्रावधान जैसे खर्चों को कुछ हद तक अनावश्यक कहा जा सकता है. चूंकि इस समय मनपा के पास आय का एकमात्र स्त्रोत संपत्ति कर की वसूली है और इन दिनों इस वसूली का काम भी सही ढंग से नहीं हो रहा है. ऐसे में मनपा की स्थिति ‘घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने’ वाली दिखाई दे रही है.
गत रोज बजट पर चर्चा करने और इसे मंजुरी देने हेतु मनपा की विशेष आमसभा बुलाई गयी थी. जिसमें बजट के कई प्रावधानों को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने का प्रयास किया. साथ ही सत्तापक्ष ने अपने द्वारा बनाये गये बजट के पक्ष में विभिन्न तरह की दलीले देते हुए इसे सर्वसमावेशक व संतुलित बजट बताया. लेकिन फिलहाल सत्ता पक्ष सहित मनपा प्रशासन के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि, आखिर इन तमाम प्रावधानों के लिए खर्च करने हेतु निधी की व्यवस्था कैसे होगी और मनपा की आय बढाने के लिए क्या विशेष प्रयास किये जायेंगे. उल्लेखनीय है कि, जारी आर्थिक वर्ष अब खत्म होने में ही है. किंतु मनपा की आय का एकमात्र स्त्रोत रहनेवाले संपत्ति कर की अब तक केवल 55 प्रतिशत ही वसूली हो पायी है और शेष 45 प्रतिशत की वसूली 31 मार्च से पहले हो पाना बिल्कुल भी संभव नहीं है. वहीं दूसरी ओर बाजार परवाना विभाग से इस समय मनपा को कोई आय नहीं हो रही, क्योंकि होर्डिंग्ज पर लगनेवाले विज्ञापन शुल्क का मसला इस समय अदालत में प्रलंबित है, तो सारा दारोमदार संपत्ति कर की वसूली पर ही है. जिसमें फिलहाल किसी तरह की बढोत्तरी होने की कोई गूंजाईश दिखाई नहीं दे रही. ऐसे में सबसे बडा सवाल यहीं है कि, बजट में शामिल किये गये तमाम कामों के लिए आखिर मनपा द्वारा खर्च हेतु रकम का प्रावधान कहां से और कैसे किया जायेगा.

 

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  • संपत्ति कर की वसूली में होगी बढोतरी

इससे पहले वार्ड विकास के लिए पार्षदों को केवल 20-20 लाख रूपयों की निधी मिली. वहीं पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते कोई निधी प्राप्त नहीं हुई. बल्कि इस वर्ष 15-15 लाख रूपयों की निधी देने की बात की गई थी. ऐसे में वार्डों के प्रलंबित विकास कामों के लिए विकास निधी में बढोतरी करना जरूरी था. जहां तक मनपा की आय का सवाल है, तो बकाया संपत्ति कर की मूल राशि तो माफ नहीं होनी है. इसका भूगतान संपत्ति धारकों को करना ही होगा. इसी तरह मनपा के व्यापारिक संकुलों के किराये का भी पुनर्निधारण होना तय है. मनपा की आर्थिक स्थिति को हमने काफी हद तक सुधारा है. जिस वक्त हम सत्ता में आये, तब मनपा पर 90 करोड रूपयों का कर्ज था, जो आज घटकर 40 करोड रह गया है. यानी हमने तमाम विपरित हालात से जूझने के बावजूद 50 करोड रूपयों के बकाये का भुगतान किया. इस बार भी हम बजट के तमाम प्रावधानों को पूरा जरूर करेंगे.
– चेतन गावंडे
महापौर, अमरावती मनपा

 

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  • एकदम खाली हाथ भी नहीं है मनपा

हमारे पास अच्छीखासी प्रारंभिक शिल्लक है और आनेवाले साल में बकाया वसूली के साथ-साथ नियमित वसूली को भी पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है. जिसके आधार पर खर्च हेतु प्रावधान किये गये है. पिछले साल किसी को कोई फंड नहीं मिला था और शहर में कहीं पर कोई विकास काम नहीं हुए थे. ऐसे में विकास कामों को भी गतिमान करना जरूरी है. जिसके मद्देनजर हमने कई खर्चों में कटौती भी की है और कई नये व अत्यावश्यक कामों के लिए प्रावधान भी किये है. इस जरिये हमने सभी कामों के बीच बेहतरीन संतुलन बनाने का प्रयास किया है.
– सचिन रासने
सभापति, स्थायी समिती

 

 

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  •  उपलब्ध निधी का सही जगह विनियोग

यह कहना पूरी तरह गलत है कि, मनपा की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इसे लेकर विपक्षी पार्षदों द्वारा बिना वजह का हंगामा मचाया जाता है. हम लोग मनपा के पास उपलब्ध निधी का सही जगह पर सही ढंग से विनियोग कर रहे है. जिसके तहत अमरावती शहर में सीसीटीवी कैमेरे लगाने हेतु पांच करोड रूपये की निधी का प्रावधान किया गया है और अंगणवाडी सेविकाओें के वेतन में एक-एक हजार रूपये की वृध्दि की गई है. इसके साथ ही टैक्स से होनेवाली आय नियमित हो, इस हेतु शहर में जगह-जगह पर टैक्स वसूली के लिए स्थायी जगह बनायी जायेगी. जिन लोगों का यह आरोप है कि, मनपा के पास पैसा नहीं है और ठेकेदार बकाया भुगतान की वजह से काम नहीं कर रहे, उन्हें पता होना चाहिए कि मनपा द्वारा बकाया संपत्ति कर के दंड में 80 प्रतिशत की छूट दिये जाने के बाद लोगबाग बडे पैमाने पर अपना संपत्ति कर जमा करा रहे है और ठेकेदार इस समय 25 से 30 प्रतिशत बिलों में काम करने के लिए तैयार है. क्योंकि फिलहाल कोरोना काल के दौरान केवल मनपा के पास ही काम है. वहीें सीसीटीवी कैमरों के खर्च को गैर जरूरी बतानेवाले लोगों ने यह नहीं भूलना चाहिए कि, वे इससे पहले सीसीटीवी कैमरों के लिए आयी 1 करोड की निधी को किसी अन्य काम की तरफ मोड चुके है, जबकि इस समय राज्य में उनकी सरकार है और उन्होंने मनपा को निधी दिलायी जानी चाहिए थी. लेकिन इसकी बजाय मनपा की निधी पर नजर रखे हुए है. वो एक करोड लेकर भागे, तो हमने सीसीटीवी कैमेरे के लिए 5 करोड का प्रावधान कर दिया.
– तुषार भारतीय
सभागृह नेता, मनपा

 

 

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  •  जैसे-जैसे आय होगी, वैसे-वैसे निधी का आवंटन होगा

प्रशासन द्वारा आगामी वर्ष की संभावित आय एवं प्रस्तावित खर्चों को लेकर अपनी ओर से अंदाजीत बजट स्थायी समिती को सौंपा गया था. जिसमें कुछ आवश्यक संशोधन करने के बाद स्थायी समिती ने इस बजट को चर्चा व मंजूरी हेतु आमसभा के समक्ष पेश किया. जहां पर इस बजट को मंजूरी मिल गयी है. ऐसे में अब प्रशासन द्वारा आय के अपेक्षित लक्ष्य को पूर्ण करने का पूरा प्रयास किया जायेगा और जैसे-जैसे प्रशासन के पास निधी उपलब्ध होगी, वैसे-वैसे विभिन्न कामों के लिए निधी का आवंटन भी किया जायेगा. हमारी पूरी कोशिश रहेगी की बजट में प्रस्तावित किये गये सभी कामों के लिए आगामी आर्थिक वर्ष में निधी उपलब्ध करायी जाये.
– प्रशांत रोडे
आयुक्त, मनपा

 

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  •  झांसा देनेवाला है बजट

इस समय मनपा के पास पहले ही निधी का अभाव है और आय के स्त्रोत बढने का कोई पता नहीं है. बावजूद इसके बेसिरपैर के आंकडे पेश करते हुए अगले वर्ष होनेवाले चुनाव के मद्देनजर लोगों को झांसा देनेवाला बजट तैयार किया गया है. इस बजट में आय के स्त्रोत बढाने पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया और केवल खर्च को लेकर बडे-बडे आंकडे पेश किये गये. किंतु सत्ता पक्ष को यह नहीं
भूलना चाहिए कि, सारे सोंग जमते है, लेकिन पैसों का सोंग नहीं जमता. ऐसे में पूरी स्थिति अगले चार-पांच महिने में ही साफ हो जायेगी.
– बबलू शेखावत
नेता प्रतिपक्ष

 

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  • दिशाभुल करनेवाला बजट

मनपा द्वारा जो बजट पेश किया गया है, वह बिल्कुल भी वस्तुनिष्ठ नहीं है. हालांकि कोरोना काल के दौरान अमरावती मनपा द्वारा काफी अच्छा काम किया गया है, जिसमें बडे पैमाने पर मनपा का पैसा भी खर्च हुआ. चूंकि अब भी कोरोना का खतरा खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में आगे भी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं व सुविधाओं पर मनपा को काफी पैसा खर्च करना पड सकता है. वहीं दूसरी ओर कोरोना की वजह से लोगबाग तमाम तरह की आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे है और अधिकांश लोगों ने अब तक अपना संपत्ति कर भी अदा नहीं किया है. जिसकी वजह से मनपा की तिजोरी खाली है. ऐसे में मनपा ने बजट में जिन बडे-बडे कामों का उल्लेख किया है, उनके लिए पैसा कहां से आयेगा, इसका जवाब सत्ता पक्ष के पास नहीं है.
– विलास इंगोले
पूर्व महापौर व पार्षद

 

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  • कागजी बजट है यह

वर्ष 2017 में मनपा का चुनाव हुआ था. उस समय चुनकर आये नगरसेवकों को पहले साल कोई विकास निधी नहीं मिली. फिर जीएसटी का मसला आ गया. वहीं पिछले साल कोविड संक्रमण के चलते विकास निधी पर गाज गिरी. ऐसे में पूरे कार्यकाल के दौरान सभी नगरसेवक अपने-अपने वार्डों व प्रभागों में विकास कार्य करवाने को लेकर तरसते रहे. अत: इस बार बजट में विकास निधी व स्वेच्छा निधी को लेकर किये गये प्रावधान काफी हद तक सराहनीय है. लेकिन इसमें सत्ता पक्ष की कोई उपलब्धि नहीं है. बल्कि हमने स्थायी समिती में इस हेतु प्रावधानों को मंजुरी दी थी. वहीं खर्च को लेकर सत्ता पक्ष ने बडी हवा-हवाई घोषणाएं की है. जिनका पूरा होना काफी मुश्किल है. क्योंकि विकास कामों के साथ-साथ स्वास्थ्य सुविधाओं पर ही काफी अधिक खर्च होगा. ऐसे में इसे कागजी बजट कहा जा सकता है.
– अ. नाजीम
गुट नेता, एआईएमआईएम

 

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  • मनपा को अपनी आय बढाने पर ध्यान देना होगा

10 लाख की जनसंख्यावाले अमरावती शहर के विकास और सुरक्षा के लिए करोडों रूपये का खर्च होना कोई बडी बात नहीं है. साथ ही शहरवासियों का यह अधिकार भी है कि, उन्हें विभिन्न सुविधाओें का लाभ मिले. ऐसे में शहर को विकसित और सुरक्षित करने हेतु कई तरह के कामोें पर खर्च करना जरूरी है, लेकिन यह खर्च करने के लिए मनपा के पास पैसा भी होना चाहिए. अत: यह जरूरी है कि, फिलहाल 35 से 40 करोड का लक्ष्य रहनेवाले संपत्ति कर का जल्द से जल्द असेस्मेंट करवाया जाये, ताकि इस जरिये संपत्ति कर से होनेवाली आय को 100 करोड तक पहुंचाया जा सके. साथ ही मनपा के जिन व्यापारिक संकुलों की लीज खत्म हो चुकी है, उन सभी संकुलों में करार और किराये का जल्द से जल्द नूतनीकरण करवाया जाये, ताकि इस जरिये होनेवाली आय में भी इजाफा हो. 5 करोड से शहर में सीसीटीवी लगाने के काम में गलत कुछ भी नहीं है. यह शहरवासियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है. लेकिन यह काम अकेले मनपा का नहीं है, बल्कि इसमें शहर पुलिस विभाग का भी सहयोग लिया जाना चाहिए. जहां तक बजट में विभिन्न विकास कामों और खर्च का समावेश करने का मसला है, तो बजट हमेशा अंदाजीत ही होता है और बजट वर्ष में जैसे-जैसे आय होती है, वैसे-वैसे अलग-अलग कामोें और योजनाओं पर खर्च होता है. इस बार भी यहीं होगा. इसमें नया तो कुछ नहीं.
– चेतन पवार
गुट नेता, बसपा

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