अमरावतीमुख्य समाचार

सचिन रासने के हाथ आयी मनपा की तिजोरी

  •  स्थायी समिती के नये सभापति हुए निर्वाचित

  •  9-6 से जीता सभापति पद का चुनाव

  •  केवल दस माह का ही मिलेगा कार्यकाल

अमरावती/प्रतिनिधि दि.11 – महानगर पालिका के मौजूदा सदन के अंतिम वर्ष में स्थायी समिती के सभापति का चयन करने हेतु गुरूवार 11 मार्च को मनपा के स्व. सुदामकाका देशमुख सभागृह में 16 सदस्यीय स्थायी समिती की बैठक बुलायी गयी. जिसकी अध्यक्षता पीठासीन अधिकारी के तौर पर जिलाधीश शैलेश नवाल ने की. इस बैठक में सभापति पद हेतु भाजपा की ओर से ऐन समय पर पार्षद सचिन रासने का नाम आगे किया गया. वहीं विपक्ष की ओर से एमआईएम पार्षद अफजल चौधरी ने अपना नामांकन पेश किया. पश्चात हुए चुनाव में सचिन रासने ने 9 तथा अफजल चौधरी ने 6 वोट हासिल किये. जिसके बाद बहुमत के आधार पर पार्षद सचिन रासने को स्थायी समिती का नया सभापति निर्वाचित घोषित किया गया.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, 16 सदस्यीय स्थायी समिती में सभापति पद हेतु हुए चुनाव की मतदान प्रक्रिया में 15 सदस्यों द्वारा ही हिस्सा लिया गया. वहीं स्थायी समिती सदस्य व मनपा गुट नेता चेतन पवार इस बैठक में अनुपस्थित रहे.
बता देें कि, विगत दिनों विभागीय आयुक्त कार्यालय द्वारा मनपा स्थायी समिती सभापति पद के कार्यक्रम हेतु गुरूवार 11 मार्च की तारीख तय की गई थी. इसके साथ ही स्थायी सभापति पद को लेकर मनपा के सत्ता पक्ष व विपक्ष में इस पद के लिए जबर्दस्त लॉबींग व फिल्डींग शुरू हो गयी थी. हालांकि पहले से यह पद भाजपा के कब्जे में जाना तय माना जा रहा था, क्योंकि 16 सदस्यीय स्थायी समिती में भाजपा के 8 सदस्य निर्वाचित है, वहीं युवा स्वाभिमान पार्टी का भी समर्थन भाजपा गुट को हासिल है. युवा स्वाभिमान की सुमति ढोके स्थायी समिती में बतौर सदस्य शामिल है. ऐसे में भाजपा के पास जीत हेतु आवश्यक 9 वोटों का स्पष्ट बहुमत है. विगत दो-तीन दिनों से भाजपा खेमे की ओर से पार्षद सचिन रासने सहित पार्षद रीटा पडोले, गोपाल धर्माले, स्वाती कुलकर्णी व चंदू बोमरे के नाम चर्चा में चल रहे थे. जिसमें से गुरूवार की सुबह स्थायी समिती की बैठक में ऐन समय पर भाजपा की ओर से सभापति पद हेतु सचिन रासने का नाम प्रस्तावित किया गया. वहीं दूसरी ओर स्थायी समिती में महज दो सदस्य रहनेवाली एमआईएम ने पार्षद अफजल चौधरी का नामांकन पेश किया. ऐसे में सभापति पद हेतु जिलाधीश नवाल की देखरेख में मतदान की प्रक्रिया पूर्ण करायी गयी. जिसमें सचिन रासने को 9 तथा अफजल चौधरी को 6 वोट प्राप्त हुए. वहीं स्थायी समिती सदस्य रहनेवाले बसपा गुट नेता चेतन पवार इस बैठक और मतदान की प्रक्रिया में अनुपस्थित रहे.

  • तुषार भारतीय गुट का भाजपा व मनपा में दबदबा

बता दें कि, स्थायी समिती के नये सभापति सचिन रासने को पार्षद तुषार भारतीय गुट का समर्थक माना जाता है. वहीं इस पद की रेस में दो पूर्व पालकमंत्रियों प्रवीण पोटे व सुनील देशमुख के समर्थक गोपाल धर्माले व चंदू बोमरे भी थे. साथ ही संघ परिवार से नजदिकी रखनेवाले पार्षद स्वाती कुलकर्णी का नाम भी सभापति पद की रेस में था. लेकिन पार्षद तुषार भारतीय गुट ने एक बार फिर भाजपा सहित मनपा की राजनीति में अपना दबदबा दिखाया है. ज्ञात रहे कि, इस समय पार्षद तुषार भारतीय खुद भाजपा के गुटनेता है. वहीं उनके समर्थक चेतन गावंडे महापौर और कुुसुम साहू उपमहापौर पद पर आसिन है. साथ ही अब तुषार भारतीय गुट के समर्थक सचिन रासने स्थायी समिती सभापति निर्वाचित हुए है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, मनपा के सभी प्रमुख पदों पर इस समय तुषार भारतीय गुट का ही कब्जा है.

  • खुलते-खुलते रह गयी बंडू हिवसे की लॉटरी

इस संदर्भ में विश्वसनीय सूत्रों में मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा द्वारा सचिन रासने को सभापति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद भाजपा के दो स्थायी सदस्यों में भयंकर नाराजी दिखाई दी. यह बात पता चलने पर मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत तथा पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले ने कांग्रेस की ओर से बंडू उर्फ प्रदीप हिवसे को अपना उम्मीदवार बनाते हुए नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी. ऐसे में अंतिम समय पर पासा पूरी तरह से पलट भी सकता था, लेकिन सुबह 9 बजे बसपा गुट नेता चेतन पवार ने विलास इंगोले से कहा कि, तुम पहले अपनी संख्या 8 पर ले आओ, तब मेरा समर्थन तुम्हे रहेगा. लेकिन चेतन पवार के वोट को मिलाकर हिवसे के पक्ष में 7 वोट ही हो रहे थे और उन्हें जीत हेतु दो सदस्यों के समर्थन की जरूरत पड रही थी. इसी बीच 9 बजे के बाद चेतन पवार ने अपना मोबाईल स्वीच ऑफ कर दिया और यह मोबाईल दोपहर 12 बजे तक स्वीच ऑफ ही रहा. साथ ही चेतन पवार स्थायी समिती की बैठक में हिस्सा लेने हेतु भी नहीं आये. जिसकी वजह से पार्षद बंडू हिवसे के पक्ष में अंतिम समय तक माहौल नहीं बन पाया. वहीं दूसरी ओर एमआईएम ने ऐन समय पर अफजल चौधरी के रूप में सभापति पद हेतु दावेदारी पेश की और सभी विपक्षी सदस्यों के वोट भी हासिल किये.

Related Articles

Back to top button