पिंपरी /दि.8– महाराष्ट्र एकजूट न रह सके इस हेतु कुछ राजनीतिक दलों व न्यूज चैनल सहित सोशल मीडिया पर एक्टीव रहने वाले लोगों द्वारा दिन-रात प्रयास किये जा रहे है तथा जानबूझकर मराठा व ओबीसी विवाद पैदा किया जा रहा है. जिसके चलते किसी समय राज्य का कारभार चलाने वाला मराठी समाज आज एक-दूसरे से झगडने में व्यस्त है. इस आशय के शब्दों में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने 100 वें नाट्य सम्मेलन के व्यासपीठ से मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर अपने विचार व्यक्त किये.
वहीं इस समय राज ठाकरे ने यह भी कहा कि, देश की आजादी के बाद सन 1952 में पहली बार आम चुनाव हुआ था और आज 75 साल बाद भी हम सडक-रास्ते, बिजली व पानी जैसे मुद्दों पर ही चुनाव लडते है. इसे प्रगति नहीं कहा जा सकता, बल्कि अब इन मुद्दों पर चुनाव लडने में भी शर्म आती है. ऐसे में चाहिए कि, हम जात-पात के चक्कर में फंसने की बजाय समग्र विकास की ओर ध्यान दें. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, कलाकारों है. इस वजह से अराजकता दिखाई नहीं देती. फिल्म, टीवी सिरियल, नाटक व संगीत आदि माध्यमों से कलाकारों ने काफी बडा काम किया है. ऐसे में कलाकारों ने भी एक-दूसरे के सम्मान का ख्याल रखना चाहिए, अन्यथा जनसामान्यों द्वारा कलाकारों का कोई सम्मान नहीं किया जाएगा.