मराठा आरक्षण आंदोलन को समर्थन नहीं

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होने वाले राजनीतिक आंदोलन को विदर्भ के मराठाओं का विरोध
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मराठा क्रांती मोर्चा के अग्रसर सदस्यों ने ली पत्रकार वार्ता
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२२ – मराठा आरक्षण के नाम के पीछे हर सरकार परेशानी में रहने वाले पश्चिम महाराष्ट्र व विदर्भ के नेताओं व्दारा किये जाने वाले राजनीतिक आंदोलन को विदर्भ के मराठाआें का विरोध हैं. उन्होंने मराठा आरक्षण आंदोलन को समर्थन नहीं है, ऐसी जानकारी आज आयोजित पत्रकार वार्ता में अमरावती मराठा क्रांती मोर्चा में अग्रसर रहने वाले पदाधिकारियों ने दी. पत्रकार वार्ता में राहुल माटोडे, समीर जवंजाल, नितीन मोहोड, संजय शेटे, दिलीप वर्हाड, एड.राजेश देशमुख आदि उपस्थित थे.
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आगे उन्होंने बताया कि विदर्भ ९० प्रतिशत खेती व्यवसाय पर निर्भर हैैं. किसानों के गारंटी दाम व आत्महत्या यह सबसे गंभीर समस्या विदर्भ की है. शुरुआत में किसानों के हित के स्वामीनाथन आयोग की शिफारिश पर अमल का मुद्दा, क्रांती मोर्चा में होने के कारण उन्होंने विदर्भ में भी मोर्चे में सक्रीय भाग लिया था. मगर यह मुद्दा इस तथाकथित व स्वयंघोषित मराठा नेताओं ने एकतरफ रखकर विदर्भ के मराठे केवल आरक्षण के लिए ही इस आंदोलन में शामिल होने के इच्छूक होंगे, मगर ऐसा नहीं है. विदर्भ के ९० प्रतिशत से अधिक मराठे कुनबी इस ओबीसी प्रवर्ग में शामिल हैं. इसलिए ओबीसी कोटे में उनको आरक्षण है ही. ऐसा बताते हुए उन्होेंने कहा कि संभाजी भोसले, उदयन भोसले, शिवेंद्र भासले, विनायक मेटे, पुरुषोत्तम खेडकर, कोंढरे आदि भाजपा की ओर जाकर मराठाओं को उकसाकर इस सरकार को मुसिबत में लाने की सोच रहे है, ऐसा आरोप भी पत्रकार वार्ता में लगाया. उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया कि कई आंदोलन किये गए, निवेदन दिये, मोर्चे भी निकाले मगर घोषणाएं करने के बाद मराठा की सहायता के लिए भाजपा सरकार सामने नहीं आयी, ऐसा भी आरोप लगाते हुए