पुणे/दि.3- प्रकृति से एकरुप होकर काव्य लेखन के कारण प्रसिद्ध मराठी साहित्यकार ना. धो. महानोर का आज सुबह यहां रुबी अस्पताल में लंबी बीमारी पश्चात निधन हो गया. जिससे मराठी साहित्य जगत में शोक व्यक्त किया जा रहा है. उनका अंतिम संस्कार औरंगाबाद जिले के पलसखेडे इस पैतृक गांव में होगा. अनेक पुस्तकों के रचयिता महानोर को रानातल्या कविता, पही, गांधारी आदि पुस्तकों हेतु राज्य सरकार के पुरस्कार प्राप्त हुए. उसी प्रकार काव्य लेखन हेतु प्रतिष्ठित गरिमा सम्मान से भी नवाजा गया था. उन्हें 1978 में विधान परिषद पर मनोनीत किया गया था.
नामदेव धोंडो महानोर का जन्म 16 सितंबर 1942 को हुआ. उनकी शिक्षा पिंपलगांव, शेंदुरनी, जलगांव में हुई. उनके प्रसिद्ध साहित्य में रानातल्या कविता (1967), वही (1970) एवं पावसाळी कविता (1982) ऐसे और दो काव्यसंग्रह प्रसिद्ध हुए.