बाजार समिती का चुनावी बिगूल बजा
13 अक्तूबर से 12 फसल मंडियों में शुरू होगी निर्वाचन प्रक्रिया
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प्रशासन ने दिये सहकार विभाग को तैयारी करने के आदेश
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23 फरवरी से पहले कराये जायेंगे चुनाव
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तब तक नामधारी रहेगा संचालक मंडल, नीतिगत फैसले लेने से मनाही
अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 – कोविड संक्रमण के चलते विगत एक वर्ष के दौरान लगातार तीन बार समयवृध्दि प्राप्त कर चुकी कृषि उत्पन्न बाजार समितियों में चुनाव करवाने का मुहूर्त अंतत: निकल आया है और सरकार द्वारा सहकार विभाग को जिले की 12 फसल मंडियों के चुनाव 23 जनवरी 2022 से पहले करवाने के आदेश दिये है. तब तक मौजूदा संचालक मंडल के पास ही कामकाज का प्रभार रहेगा. हालांकि यह संचालक मंडल पूरी तरह से नामधारी रहेगा. जिसके द्वारा कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लिया जा सकेगा. वहीं दूसरी ओर आगामी 23 अक्तूबर से फसल मंडी के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
बता दें कि, अमरावती जिले में 12 फसल मंडियां हैं. जिसमें से 9 फसल मंडियों के संचालक मंडल का कार्यकाल काफी पहले खत्म हो चुका है और इन संचालकों को कोविड संक्रमण के चलते एक वर्ष की समयावृध्दि दी जा चुकी है. वहीं इन 9 में से नांदगांव खंडेश्वर व धामणगांव रेल्वे बाजार समिती में प्रशासक की नियुक्ति की जा चुकी है. साथ ही सितंबर 2021 में दर्यापुर, अंजनगांव सुर्जी, चांदूर रेल्वे व अचलपुर इन चार फसल मंडियों का कार्यकाल खत्म हुआ. साथ ही जारी अक्तूबर माह में अमरावती, चांदूर बाजार, तिवसा इन तीन फसल मंडियों की कार्य अवधि खत्म होने जा रही है. ऐसे में इन सभी फसल मंडियों में संचालक मंडल का चुनाव कराने का आदेश सहकार पणन व वस्त्रोद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है. जिसके चलते इन सभी फसल मंडियों में आगामी 23 अक्तूबर से निर्वाचन प्रक्रिया शुरू की जायेगी. साथ ही आगामी तीन माह के भीतर निर्वाचन प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए नये संचालक मंडल का चयन किया जायेगा. इस दौरान मौजूदा संचालक मंडल को ही पद पर कायम रखा जायेगा. हालांकि यह संचालक मंडल अब कार्यवाहक होगा और उनके पास किसी भी तरह के नीतिगत निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं रहेगा. ऐसा सहकार विभाग एवं सरकारी की ओर से स्पष्ट किया गया है.
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कब किसका कार्यकाल हुआ खत्म
जिले की सभी 12 फसल मंडियों के संचालक मंडल का नियमित कार्यकाल इससे पहले ही खत्म हो चुका है. पश्चात सभी संचालक मंडलों को कोविड संक्रमण खतरे के मद्देनजर अलग-अलग समय पर समयावृध्दि दी गई. जानकारी के मुताबिक 12 अक्तूबर 2020 को अमरावती, 18 अगस्त 2020 को नांदगांव खंडेश्वर, 19 सितंबर 2020 को चांदूर रेल्वे, 25 अक्तूबर 2020 को धामणगांव रेल्वे, 12 अक्तूबर 2020 को चांदूर बाजार, 8 अक्तूबर 2020 को तिवसा, 16 सितंबर 2020 को दर्यापुर, 20 सितंबर 2020 को अंजनगांव सूर्जी, 1 सितंबर 2020 को अचलपुर, 12 अप्रैल 2020 को धारणी व मोर्शी तथा 15 अप्रैल 2020 को वरूड बाजार समिती का कार्यकाल खत्म हुआ. किंतु वर्ष 2020 के दौरान कोविड संक्रमण का खतरा एवं लॉकडाउन रहने की वजह से सभी फसल मंडियों के संचालक मंडलों के कार्यकाल को समयावृध्दि दी गई और विगत एक वर्ष के दौरान अब तक तीन बार समयावृध्दि दी जा चुकी है तथा अब और अधिक समयावृध्दि देने की कोई गुंजाईश नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार एवं सहकार, पणन व वस्त्रोद्योग विभाग द्वारा सभी फसल मंडियों में संचालक मंडल के चुनाव करवाये जाने को लेकर आदेश जारी किया गया है. साथ ही चुनाव से संबंधित तमाम तैयारियां पूर्ण करते हुए 23 अक्तूबर से निर्वाचन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है. जिसके तहत स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, आगामी 23 जनवरी 2022 से पहले सभी फसल मंडियों में चुनाव करवा लिये जाये.
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प्रचलित पध्दति से ही होगा चुनाव
राज्य में इससे पहले सरकार द्वारा 13 जून 2017 को बाजार समिती अधिनियम में संशोधन करते हुए किसानों को भी मताधिकार दिया गया था और संचालक मंडल में किसान प्रतिनिधि का समावेश किया गया था. इसके लिए ग्राम पंचायत निर्वाचन क्षेत्र से चुने जानेवाले संचालक पद को रद्द किया गया था. किंतु इसके बाद राज्य की मौजूदा महाविकास आघाडी सरकार द्वारा इस फैसले को रद्द करते हुए पुरानी प्रचलित पध्दति से ही फसल मंडी के चुनाव करवाये जाने का निर्णय लिया गया है. ऐसे में फसल मंडी के आगामी चुनाव में किसानों को मतदान करने का अधिकार नहीं होगा और किसान प्रतिनिधि का पद रद्द करते हुए एक बार फिर ग्राम पंचायत निर्वाचन क्षेत्र से ही एक संचालक चुना जायेगा.