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किसान हित में कलेक्टर मैडम के आग्रह पर मार्केट शुरु

मामला कृषि केंद्र संचालक पर हमले का

* अध्यक्ष इंगोले द्वारा कार्रवाई की मांग कायम
अमरावती/दि.23-यूरिया नहीं होने और उसकी कथित रुप से कालाबाजारी करने की बात पर ऑटो चालक संगठन के नितिन मोहोड और कार्यकर्ताओं द्वारा गुरुवार को की गई कृषि समृद्धि केंद्र के संचालक रीतेश राठी से मारपीट के मामले में शुरु की गई हड़ताल किसान हित में जिलाधिकारी महोदया की अपील तथा निर्देश पर स्थगित किए जाने की जानकारी अध्यक्ष मिलिंद इंगोले ने दी. उन्होंने बताया कि लड़ाई खत्म नहीं हुई है. कृषि केंद्र संचालक से मारपीट करने के आरोपी पर कार्रवाई होने तक संघर्ष जारी रहेगा. इंगोले के अलावा कृषि साहित्य विक्रेता संगठन के पदाधिकारियों ने भी किसान हित में दूकानें शुरु कर देने की बात कहते हुए पुलिस प्रशासन से दोषियों पर कार्रवाई की मांग बुलंद की है.

* हम किसान हित में बैकफुट पर
अध्यक्ष इंगोले ने कहा कि सीजन को देखते हुए कास्तकारों के हित में हड़ताल गत शाम ही स्थगित कर दी गई. अपराधियों पर कार्रवाई शुरु हो गई है. उन पर अपराध दर्ज किए गए है. पुलिस प्रशासन ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. हम किसान हित में बैकफुट पर आये हैं. कास्तकारों को इस भर सीजन में कोई तकलीफ न हो, उनकी समस्या कम करने के लिए ही जिलास्तर की हड़ताल नहीं की गई और कदम फिलहाल पीछे लिए गए हैं. जिलाधीश महोदया ने किसान हित में बुआई के सीजन को देखते हुए हड़ताल रोक देने कहा था. अध्यक्ष इंगोले ने कहा कि आरोपियों पर कार्रवाई न होने की स्थिति में डीसीपी से मिलेंगे.

मनोबल कम हो जाता
अग्रवाल एग्रो के राजेश अग्रवाल ने कहा कि कल जो घटना हुई, उस पर संगठन को कड़ा कदम उठाना ही था, अन्यथा हमारे दूकानदारों के साथ मारपीट करने के बाद भी आवाज नहीं उठाते तो साथियों का मनोबल कम हो जाता. इसलिए बड़ा निर्णय लेना पड़ा. जहां तक आरोपियों का संबंध है, पुलिस प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा. उसी प्रकार कृषि केंद्र संचालक से कोई भी शिकायत है तो महकमा बैठा है. यंत्रणा है. जो कार्रवाई करने में सक्षम है. बीजाई, खाद अथवा कोई भी शिकायत रहने पर कृषि विभाग कार्रवाई करता है. उसने कभी संगठन ने अड़ंगा नहीं लगाया. किन्तु कृषि केंद्र संचालक पर हाथ उठाना ठीक नहीं. किसानों को बराबर बीज और अन्य जरुरी सामग्री उपलब्ध है. वह मिलना भी चाहिए. पूरे वर्ष का सायकल है. किसान हित में संगठन ने हड़ताल स्थगित करने का निर्णय किया.

जो हुआ, गलत हुआ, हमारी दूकानें कास्तकारों के लिए
कृषि साहित्य विक्रेता संगठन के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि कल जो हुआ, वह गलत हुआ. कृषि केंद्र संचालक किसानों के लिए है. हम हमेशा उनके साथ है. इसीलिए दूकानें कुछ ही घंटों बाद खोल दी गई. वर्षभर कास्तकारों के साथ ही काम करना है. हम एक-दूसरे के पूरक है. संगठन स्तर पर जो किया जाना है, वह करेंगे. संचालक पर हाथ उठाना, कानून को हाथ में लेना ठीक नहीं. कृषि महकमा मौजूद है. उसके पास शिकायत की जा सकती है. कार्रवाई होती है. अभी हाल में कुछ केंद्रों पर कृषि विभाग द्वारा कार्रवाई की गई. किसी ने उसमें अड़ंगा नहीं लगाया.


दूकानदार को मारने का धिक्कार
संगठन के सचिव दिनेश कडू ने कहा कि हमारे साथी दूकानदार के साथ मारपीट की गई. इस बात का हम कड़ा धिक्कार करते हैं. एफआइआर रजिस्टर हो गई है. पुलिस प्रशासन कार्रवाई करेगा, इसका भरोसा है. कलेक्टर मैडम की अपील पर दूकानें पूर्ववत् शुरु की गई है. एक बात जरुर है कि हमारी गलती नहीं है. ऐसी घटना से बचना होगा.

हाथ नहीं उठाना चाहिए
चेतन सीड्स कार्पोरेशन के संचालक चेतन बेले ने कहा कि हाथ नहीं उठाना चाहिए. कृषि केंद्र संचालक अपने कास्तकारों के हित में सदैव काम करते आए हैं. कोरोना महामारी के समय भी कास्तकारों के साथ भरपूर सहयोग किया गया. रात-बेरात दूकानें खोलकर उन्हें जरुरी मटेरियल उपलब्ध करवाया गया. स्टॉक का बोर्ड लिखा है. उसे प्रत्येक केंद्र संचालक मेंटेन करता है. उस पर रेट भी लिखे होते हैं.

सरप्लस माल है, कौन मना करेगा
दत्त कृषि के संचालक गोपाल सोनी ने मारपीट की घटना का निषेध किया. उन्होंने कहा कि मार्केट में बड़ी स्पर्धा है. माल भी भरपूर है. कोई माल देने से क्यों मना करेगा? इसी प्रकार उन्हें भी कृषि अधिकारी का फोन आया था और माल रहने पर क्यों नहीं देंगे?

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