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४९ रूपये का मास्क बिक रहा १२५ रूपये में

  • खुलेआम हो रहा सरकारी आदेश का उल्लंघन

  • पुराना स्टॉक निकालने के बहाने दोगुने दामों पर हो रही बिक्री

 अमरावती/प्रतिनिधि दि.३१ – सरकारी निर्णयानुसार एन-९५ मास्क की कीमत १९ से ४९ रूपये, तीन पदरी मास्क की कीमत ४ रूपये तथा दो पदरी मास्क की कीमत ३ रूपये तय की गई है, लेकिन इसके बावजूद शहर में कई दवा विक्रेताओं के यहां एन-९५ मास्क आज भी १०० से १२५ रूपये की दर पर बिक रहा है. इसी तरह तीन पदरी व दो पदरी मास्क भी कई गुना अधिक कीमत पर बेचे जा रहे है. जिसकी ओर स्थानीय औषधी प्रशासन विभाग का कोई ध्यान नहीं है. वहीं दूसरी ओर ग्राहकों द्वारा इन कीमतों पर आक्षेप लिये जाने पर दूकानदारों द्वारा कहा जाता है कि, उनके पास पुराने कीमत का स्टॉक पडा हुआ है.
जिसकी वे पुरानी एमआरपी पर बिक्री कर रहे है और नया स्टॉक आने पर नये नियमों का पालन किया जायेगा. वहीं किसी भी मेडिकल स्टोर के सामने मास्क की कीमतों का कोई रेटचार्ट नहीं लगा हुआ है. ऐसे में मेडिकल स्टोर के संचालकों द्वारा बोली गयी कीमत अदा करना ग्राहकों की मजबूरी बन जाती है. उल्लेखनीय है कि, इन दिनों कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु हर कोई घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाता है. साथ ही प्रशासन द्वारा मास्क नहीं लगानेवाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है. ऐसे में अलग-अलग तरह के मास्क की बिक्री काफी बडे पैमाने पर हो रही है. इस बात का फायदा उठाते हुए मास्क उत्पादक कंपनियों द्वारा मास्क की कीमतें अनाप-शनाप ढंग से बढा दी गई है और किसी समय चार-पांच रूपये में मिलनेवाला साधा मास्क इस समय २५-३० रूपये की दर पर बिक रहा है. वहीं एन-९५ व केएन-९५ जैसे विशेष तरह के मास्क की कीमते तो मानो आसमान छू रही है. इस समय एन-९५ मास्क १०० से १२५ रूपये, केएन-९५ मास्क ५० रूपये, थ्रीलेयर मास्क ३० रूपये और टूलेयर मास्क १० रूपये प्रति नग से बिक रहा है. जबकि सरकार की ओर से एन-९५ मास्क की कीमत १९ से ४९ रूपये, थ्रीलेयर मास्क की कीमत ४ रूपये तथा टूलेयर मास्क की कीमत ३ रूपये प्रति नग तय की गई है. जिसके संदर्भ में स्थानीय विक्रेताओं का कहना है कि, उनके पास पुरानी कीमत व एमआरपी का स्टॉक पडा हुआ है. जिसकी बिक्री होने के बाद वे नये स्टॉक को नई कीमत पर बेचेंगे. लेकिन सर्वाधिक उल्लेखनीय बात यह है कि, इन दिनों शहर के मेडिकल स्टोर में बेचे जा रहे किसी भी तरह के मास्क के पैकेट पर एमआरपी जैसी किसी बात का  कोई उल्लेख नहीं है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, मास्क के मामले में ‘हम बोले सो कायदा‘ वाली स्थिति है.

यदि एन-९५ मास्क की बिक्री ज्यादा कीमत में हो रही होगी, तो वह निश्चित तौर पर पुराना स्टॉक होना चाहिए. सरकारी आदेश में केएन-९५ का उल्लेख नहीं रहने के चलते हमे इसे लेकर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है. इस समय मास्क को जीवनावश्यक वस्तुओं की श्रेणी में रखा गया है. जिसका नियंत्रण वैधमापन विभाग के अख्तियार में आता है.  – मनीष गोतमारे औषधी निरीक्षक, अमरावती.

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