सडक पर बिकनेवाले मास्क से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा
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लोगबाग सडक किनारे लगनेवाली दूकानों पर करते है मास्क का ट्रायल
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ट्रायल से मास्क के संक्रमित होने का होता है खतरा
अमरावती/प्रतिनिधि/दि.5 – कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने हेतु हर किसी के लिए चेहरे पर मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य किया गया है. ऐसे में इन दिनों शहर में जगह-जगह पर मास्क की बिक्री हो रही है और सडक किनारे भी मास्क की बिक्री हेतु अस्थायी दुकाने लग गयी है. लेकिन सडक किनारे बिकनेवाले इन मास्क की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा घटने या टलने की बजाय लगातार बढ रहा है. क्योंकि कई बार यहां पर मास्क खरीदने हेतु पहुंचनेवाले लोग अपने चेहरे के आकार और रंगों की पसंद के अनुरूप अलग-अलग मास्क को चेहरे पर लगाकर उसकी ट्रायल करते है. ऐसे में अलग-अलग लोगों द्वारा ट्रायल के तौर पर प्रयोग में लाये जा चुके इस तरह के मास्क से कोरोना संक्रमण के फैलने की काफी अधिक संभावना है.
उल्लेखनीय है कि, कोरोना संक्रमण काल के शुरूआती दौर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा एन-95 मास्क को कोरोना से बचाव हेतु बेहतरीन साधन बताया गया था. किंतु कोरोना संक्रमण का खतरा बढने के साथ ही एन-95 मास्क काफी महंगे होते चले गये. वहीं दूसरी ओर बाजार में स्थानीय उत्पादकों द्वारा बनाये जानेवाले अलग-अलग रंगों एवं आकार-प्रकार के मास्क बिक्री हेतु उपलब्ध होने लगे. पहले जहां केवल मेडिकल शॉप के जरिये ही मास्क की बिक्री हो रहीं थी, वहीं इन दिनों शहर के कपडा बिक्री प्रतिष्ठानों में भी अलग-अलग रंगों व आकार-प्रकारवाले मास्क बिक्री के लिए उपलब्ध होने लगे. साथ ही साथ शहर में सडकों के किनारे मास्क बिक्री की अस्थायी दुकाने भी सज गयी.जहां पर 10 रूपये से लेकर 100 रूपये कीमत तक मास्क बिक्री हेतु उपलब्ध कराये गये है. इनमें से अनेक स्थानों पर लोगबाग जब मास्क खरीदने के लिए पहुंचते है, तो अलग-अलग रंगों एवं आकार-प्रकार के मास्क अपने चेहरे पर लगाकर उसका ट्रायल लेते है. और यदि वह मास्क पसंद नहीं आया, तो उसे उतारकर दूसरा मास्क ट्राय किया जाता है. कई लोगों द्वारा ट्रायल के तौर पर प्रयुक्त में लाये जानेवाले मास्क को अन्य लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक कहा जा सकता है. ऐसे मास्क की वजह से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता.
वहीं दूसरी ओर इन दिनों शहर के सभी व्यापारिक क्षेत्रों में दीपावली की काफी भीडभाड है और व्यापारिक क्षेत्रों में सडक किनारे दूकानदारों द्वारा खुले में बिक्री हेतु मास्क लटकाकर रखे गये है, ताकि उनकी ओर ग्राहक आकर्षित हो सके. लेेकिन इन मास्क पर दिनभर के दौरान लोगों के छिंकने व खांसने की वजह से संसर्गजन्य विषाणु और वाहनों की आवाजाही की वजह से धुल व गर्दा उडकर जमा होता है और यदि ऐसे मास्क को कोई स्वस्थ व्यक्ति अपने बचाव के लिए खरीदता है, तो इसकी वजह से उसे अच्छेखासे व्यक्ति के कोरोना संक्रमित हो जाने का भी खतरा पैदा हो जाता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, जहां तक संभव हो, सडक किनारे बिकनेवाले मास्क की खरीदी न की जाये.