अमरावतीमुख्य समाचार

नैशनल केमिकल फैक्टरी में भीषण अग्निकांड

एमआयडीसी परिसर में जबर्दस्त हडकंप

  • रात 1.30 बजे हुई आग की शुरूआत

  • पूरी रात चलता रहा आग बुझाने का प्रयास

  • दर्जनों दमकल कर्मी लगाये गये काम पर

  • अन्य पालिका क्षेत्रों से भी दमकल दस्ते बुलाये गये

  • केमिकल रहने के चलते पानी की बजाय फोम से हो रहा आग बुझाने का प्रयास

  • नैशनल केमिकल के ठीक बगल में श्री वल्लभ गैसेस का कारखाना

  • आसपास मायानगर का रिहायशी इलाका भी

  • पूरा समय किसी बडे हादसे की बनी हुई थी संभावना

  • जिला पालकमंत्री, जिलाधीश, निगमायुक्त, महापौर व सभागृह नेता भी मौके पर पहुंचे

  • खुद निगमायुक्त रोडे ने नैशनल केमिकल के भीतर घुसकर किया दमकल दस्ते का मार्गदर्शन

  • केमिकल व पेस्टीसाईड के जलने से चहुंओर फैला जहरीला धुआं

  • विशेष मास्क पहनकर दमकल दस्ते ने किया आग बुझाने का काम

अमरावती/दि.28 – स्थानीय एमआयडीसी के प्लॉट नंबर सी-8 पर स्थित नैशनल केमिकल्स् नामक कारखाने में बीती रात अज्ञात वजहों के चलते आग लग गई. जिसने देखते ही देखते बेहद भीषण और विकराल रूप धारण कर लिया. इस अग्निकांड की जानकारी मिलते ही दमकल दस्ता तुरंत मौके पर पहुंचा, लेकिन सबसे बडी समस्या यह थी कि, इस कारखाने में कई तरह के केमिकल्स् रहने की वजह से यहां पर आग बुझाने के काम हेतु पानी की बौछार नहीं मारी जा सकती थी. ऐसे में अग्निरोधी फोम मारते हुए इस आग को बुझाने का प्रयास करना शुरू किया गया. साथ ही साथ विभिन्न तरह के केमिकल जलने की वजह से यहां पर चहुंओर जहरीला धुआं भी फैल गया था. ऐसे में अग्निशमन विभाग के फायर फाईटर को विशेष तरह के मास्क पहनकर काम करना पडा. वहीं चूंकि इस कारखाने के ठीक बगल में अमरावती जिले सहित समूचे संभाग को ऑक्सिजन की आपूर्ति करनेवाले श्री वल्लभ गैसेस का कारखाना भी स्थित है. साथ ही यहां से थोडी ही दूरी पर मायानगर व शोभानगर का रिहायशी इलाका भी शुरू हो जाता है. ऐसे में इस आग पर जल्द से जल्द काबू पाया जाना बेहद जरूरी हो चला था. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए शनिवार की सुबह खुद जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, जिलाधीश पवनीत कौर, महापौर चेतन गावंडे, निगमायुक्त प्रशांत रोडे व मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय मौके पर पहुंचे. जिन्होंने यहां पर चल रहे राहत कार्य का जायजा लेने के साथ-साथ आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी किये. साथ ही निगमायुक्त रोडे ने खुद फायर फाईटर्स के साथ आग की लपटों में घिरी नैशनल केमिकल फैक्टरी के भीतर घुसकर वहां के हालात का जायजा लिया तथा आग बगल में ही स्थित ऑक्सिजन प्लांट की ओर न बढ पाये, इस हेतु तमाम जरूरी दिशानिर्देश भी दिये.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक एमआयडीसी परिसर के प्लॉट नं. सी-8 में विनीत श्रीराव नामक उद्योजक का नैशनल केमिकल्स् नामक कारखाना है. जहां पर पेस्टीसाईड यानी किटनाशक सहित फसलों पर छिडकाव किये जानेवाले माईक्रो ऑर्गेनिक्स जैसे रायायनिक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है. इस कारखाने में लाया जानेवाला अधिकांश कच्चा माल प्लास्टिक के ड्रमों में भरकर रखा जाता है. साथ ही कारखाने द्वारा उत्पादित किये जानेवाले उत्पादन भी प्लास्टिक के जार व पैकेट में भरकर रखने जाते है. चूंकि हाल-फिलहाल खरीफ फसलों का सीझन चल रहा है और आगे रबी फसलों का सीझन आना है. ऐसे में इस कारखाने में काफी स्टॉक रखा हुआ था. यह फैक्टरी अमूमन रात के समय बंद रहती है. हालांकि यहां पर इक्का-दूक्का कर्मचारी व सुरक्षा गार्ड रात के वक्त भी रहते है. वहीं इस फैक्टरी के ठीक बगल में श्री वल्लभ गैसेस का कारखाना है. जहां पर चौबीसों घंटे तीन शिफ्टों में काम चलता रहता है. श्री वल्लभ गैसेस द्वारा लिक्वीड ऑक्सिजन गैस का उत्पादन किया जाता है और यहां पर पूरा समय 20 हजार लीटर लिक्वीड ऑक्सिजन उपलब्ध रहता है. बीती रात 12 से 1 बजे के दौरान श्री वल्लभ गैसेस के ऑक्सिजन प्लांट में काम करनेवाले लोगों के ध्यान में यह बात आयी कि, बगल में स्थित नैशनल केमिकल फैक्टरी से धुएं और आग की लपटे उठ रही है. जिसके बाद तुरंत ही इसकी जानकारी पुलिस एवं दमकल विभाग को दी गई. साथ ही साथ वल्लभ गैसेस के संचालक हिमांशू वेद सहित नैशनल केमिकल के संचालक विनीत श्रीराव को भी इससे अवगत कराया गया. पश्चात आनन-फानन में तहसीलदार संतोष काकडे, नायब तहसीलदार बढिये, एमआयडीसी के प्रादेशिक अधिकारी राजाभाऊ भुतडे, राजापेठ पुलिस स्टेशन के थानेदार मनीष ठाकरे सहित दमकल अधिकारी सैय्यद अनवर अपने दल-बल सहित मौके पर पहुंचे और तुरंत ही हालात का जायजा लेते हुए आग बुझाने का काम शुरू किया गया. लेकिन सबसे बडी दिक्कत यह थी कि, कारखाने में विभिन्न प्रकार के केमिकल रखे हुए थे. ऐसे में आग बुझाने हेतु सीधे पानी का फव्वारा मारने की बजाय अग्निरोधी फोम का प्रयोग करना शुरू किया गया. आग बुझाने का काम पूरी रात चलता रहा और इस दौरान बडनेरा, चांदूर रेल्वे, मोर्शी व दर्यापुर पालिका क्षेत्रों के दमकल दस्ते भी यहां बुला लिये गये. आग बुझाते समय सबसे बडी दिक्कत प्लास्टिक व केमिकल से उठनेवाले जहरीले धुएं की थी. ऐसे में धुएं से भरे कारखाने के भीतर घुसकर आग बुझाने हेतु फायर फाईटर्स यानी दमकल कर्मियों को विशेष तरह के मास्क पहनने पडे.
वहीं इस मामले की जानकारी मिलते ही शनिवार की सुबह जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर, जिलाधीश पवनीत कौर, महापौर चेतन गावंडे, निगमायुक्त प्रशांत रोडे व सभागृह नेता तुषार भारतीय भी मौके पर पहुंच चुके थे. चूंकि नैशनल केमिकल फैक्टरी के ठीक बगल में श्री वल्लभ गैसेस का ऑक्सिजन प्लांट है. जहां पर हजारों लीटर लिक्विड ऑक्सिजन रहने के साथ-साथ ऑक्सिजन से भरे हजारों सिलेंडर भी रहते है और पूरा समय सिलेंडरों में ऑक्सिजन रिफीलिंग का काम चलता है. इसी श्री वल्लभ गैसेस के जरिये शहर सहित जिले व संभाग के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को ऑक्सिजन की आपूर्ति की जाती है और कोविड संक्रमण की दो लहरों के दौरान श्री वल्लभ गैसेस की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहीं. वहीं अब तीसरी लहर के आने का भी खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में इस ऑक्सिजन प्लांट का पूरी तरह से सुरक्षित बचे रहना बेहद जरूरी है. इस बात के मद्देनजर ही जिला पालकमंत्री, जिलाधीश, महापौर, निगमायुक्त व मनपा के सभागृह नेता जैसे तमाम गणमान्य अग्निकांड की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे.
जानकारी के मुताबिक पूरी रात आग बुझाने का प्रयास करने के साथ-साथ शनिवार की सुबह जेसीबी मशीन लाकर श्री वल्लभ गैसेस व नैशनल केमिकल्स के बीच स्थित वॉल कंपाऊंड को तोड दिया गया. ताकि उस ओर से भी दमकल वाहनों व दमकल कर्मियों को भीतर प्रवेश मिल सके. पता चला है कि, कारखाने के इस हिस्से में बडे पैमाने पर प्लास्टिक के खाली डिब्बे व पैकेट सहित अन्य कबाड साहित्य रखा हुआ था. यदि इस ओर आग की लपटे पहुंच जाती, तो स्थिति खतरनाक हो सकती थी. ऐसे में दमकल कर्मियों ने सबसे पहले इस हिस्से को पूरी तरह से खाली कराया, ताकि आग इस ओर ना आ सके. साथ ही साथ कारखाने के भीतर जिन हिस्सों में लगी आग को पानी मारकर बुझाया जा सकता था, उस पर तुरंत पानी की बौछारे मारी गई. साथ ही केमिकल स्टोरेजवाले हिस्से में लगातार अग्निरोधी फोम मारा जाता रहा. दोपहर तक यहां पर दमकल की 52 गाडियां तथा 40 फोमिंग सिलेंडर खाली किये जा चुके थे. इसके बावजूद इस आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका था.

शॉर्टसर्किट से आग लगने का अंदेशा

प्राथमिक अनुमान जताया जा रहा है कि, यह आग बिजली के तारों में हुए घर्षण से निकली चिंगारी यानी शॉर्टसर्किट की वजह से हुआ है. हालांकि राजापेठ थाना पुलिस एवं दमकल विभाग द्वारा अभी मामले की जांच की जा रही है.

फायर ऑडिट पर सवालिया निशान

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कुछ समय पूर्व गुजरात के सूरत स्थित ट्युशन क्लासेस में लगी आग तथा बाद में भंडारा स्थित सरकारी अस्पताल के बच्चा वॉर्ड में लगी आग के बाद सभी निजी व सरकारी इमारतों एवं औद्योगिक ईकाईयों के फायर ऑडिट कराये जाने को लेकर बडे जोर-शोर से शुरूआत की गई थी. किंतु कुछ दिन बीतने के साथ ही मामला फिर जस का तस हो गया. बीती रात जिस नैशनल केमिकल फैक्टरी में यह भीषण आग लगी, उसका मुआयना करने हेतु पहुंची जिलाधीश पवनीत कौर ने पहुंचते ही पहला सवाल फैक्टरी के फायर ऑडिट को लेकर उठाया. जिसका फैक्टरी संचालक के पास कोई जवाब नहीं था. ऐसे में अब सवालों के घेरे में खुद मनपा प्रशासन है कि, आखिर यह फैक्टरी बिना फायर ऑडिट के कैसे चल रही थी और यदि यहां पर कोई बडी जनहानी होती, तो इसका जिम्मेदार कौन होता. वहीं पता यह भी चला है कि, मनपा प्रशासन द्वारा इससे पहले इस फॅक्टरी मालिक को कई बार फायर ऑडिट के संदर्भ में नोटीस जारी की जा चुकी है, किंतु फैक्टरी मालिक की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तथा तमाम नोटीस की अनदेखी की गई. ऐसे में यह निश्चित है कि, आगामी वक्त में इस फैक्टरी मालिक के खिलाफ मनपा प्रशासन द्वारा कडी कार्रवाई की जा सकती है.

मिशन मोड पर किया जाये फायर ऑडिट

– पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने दिये निर्देश
वहीं घटनास्थल का मुआयना करने हेतु पहुंची पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने भी सभी महत्वपूर्ण इमारतों का फायर ऑडिट मिशन मोड पर करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सभी उद्योग, कारखाने व इमारतों का फायर ऑडिट करने को लेकर इससे पहले भी समय-समय पर दिशानिर्देश जारी किये गये है. जिन पर प्रभावी अमल होना बेहद जरूरी है.

Related Articles

Back to top button