अमरावतीमुख्य समाचार

लॉकडाउन में सराफा बाजार का गणित गडबडाया

  • पांच से दस फीसदी ग्राहकी ही हो रही

  • २०० से अधिक सराफा व्यवसायियों का कामकाज प्रभावित

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१० – शहर के जवाहर गेट (Jawahar Gate)  परिसर के भीतर रहनेवाले सराफा बाजार में इन दिनों पहलेवाली रौनक पूरी तरह से नदारद है और इस समय बाजार में केवल पांच से दस प्रतिशत ग्राहकी दिखाई दे रही है. उल्लेखनीय है कि, लॉकडाउन काल के दौरान शहर का सराफा बाजार लंबे समय तक बंद रहा और इसी परिसर में शहर का पहला कंटेनमेंट झोन साकार होने के चलते यहां बेहद कडे प्रतिबंध लंबे समय तक लागू रहे. वहीं अब लॉकडाउन काल के बाद अनलॉक की प्रक्रिया के तहत दूकाने खोलने को लेकर पहले की तरह अनुमति दी गई है. लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा बदस्तूर जारी रहने के चलते बाजार में ग्राहकी नदारद है. ऐसे में यहां पर लाखों-करोडों रूपयों के व्यवहार ठप्प पडे है. उल्लेखनीय है कि, सराफा बाजार में मार्च, अप्रैल व मई माह के दौरान सोने-चांदी का व्यापार जमकर होता है. इस दौरान शादी-ब्याह का सीझन रहने के चलते सराफा बाजार में जबर्दस्त तेजी का आलम दिखाई देता है.
लेकिन इस वर्ष मार्च से जून माह तक ही कडा लॉकडाउन लागू रहा. जिसके चलते अन्य सभी व्यवसायों की तरह सराफा बाजार में भी चहुंओर सन्नाटा पसरा रहा और यहां के २०० से अधिक छोटे-बडे व्यवसायी खाली हाथ बैठे रहे. उल्लेखनीय है कि, सराफा बाजार पूरी तरह से खेती-किसानी की स्थिति पर निर्भर करता है. यदि फसलों की स्थिति अच्छी रहती है तो, बाजार में अपने आप शानदार ग्राहकी का माहौल दिखाई देता है. लेकिन इस वर्ष किसानों एवं खेतीहर मजदूरों के पास बिल्कूल भी पैसा नहीं है. जिसके चलते बाजार में बिल्कूल भी ग्राहकी नहीं है. इसमें भी विगत दिनों अनुमान जताया जा रहा था कि, इस बार सोने के भाव ६० से ७० हजार रूपये प्रति तोला की दरों तक जा सकते है. जिसके चलते कई व्यापारियों ने ५५ से ६० हजार रूपये प्रति तोला के भाव से सोने का स्टॉक कर लिया, लेकिन बाद में सोने के दाम गिरने लगे और इस समय सोने के दाम ५० हजार रूपये प्रति तोला के आसपास है. ऐसे में सोने का स्टॉक करनेवाले व्यापारियों का तो नुकसान हुआ ही है.
साथ ही उन लोगों को भी पिछले दिनों अधिक पैसा खर्च करना पडा. जिनके यहां इस समय शादी-ब्याह जैसे आयोजन है. हालांकि ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक नहीं रही. यहां इस ओर भी ध्यान दिलाया जा सकता है कि, सराफा बाजार परिसर में पार्किंग की भी काफी अधिक समस्या है. वहीं दूसरी ओर अब शहर के अलग-अलग इलाकों में स्वर्णाभूषण से शानदार शोरूम बनने लगे है. जहां पर पार्किंग के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध है. इसके चलते लोगबाग अब जवाहर गेट की सकरी सडक पर स्थित सराफा दुकानों की बजाय शहर के अन्य हिस्सों में स्थित प्रशस्त शोरूम में जाकर स्वर्णाभूषणों की खरीददारी करना पसंद कर रहे है. यह भी सराफा बाजार के लिए एक चिंता का विषय है.

  • व्यापारियोें के साथ ही ६०० कारागीर भी प्रभावित

उल्लेखनीय है कि स्थानीय सराफा बाजार में जहां एक ओर २०० से अधिक सराफा व्यवसायी व्यवसाय करते है, वहीं इन व्यवसायियों के साथ ५०० से ६०० कारागीरों की रोजी-रोटी भी जुडी हुई है, जो लॉकडाउन काल के दौरान पूरी तरह से बेरोजगार रहे. हालांकि लॉकडाउन काल के दौरान सभी सराफा व्यवसायियों ने अपने कारागीरों व सेल्समैनों की यथासंभव आर्थिक सहायता की.

  • कोलकाता, मुंबई व जलगांव से होती है सोने, चांदी व हिरों की आवक

स्थानीय सराफा बाजार में कोलकाता, मुंबई व जलगांव जैसी बाजारपेठों से सोने, चांदी व हीरे की आवक होती है. इसके अलावा चांदी की कई वस्तुएं अमरावती में ही तैयार होती है, वहीं बडे पैमाने पर सोने के तैयार आभूषण मुंबई से लाये जाते है. किंतु इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे एवं लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद रहने के साथ-साथ आभूषणों की ढुलाई भी बंद रही. ऐसे में लॉकडाउन काल के दौरान सराफा व्यवसाय में करीब ३५ से ४० करोड रूपयों का नुकसान हुआ है.
सराफा बाजार में केवल पांच से दस फीसदी ग्राहक आ रहे है. इस समय लोगों के पास कैश फ्लो काफी कम है और लोगबाग फिलहाल अपनी दैनिक व मुलभुत जरूरतों पर ही पैसा खर्च कर रहे है. जीवनावश्यक वस्तुओं की खरीददारी के बाद बचनेवाले पैसे ही सोने-चांदी के आभूषणों पर शौक अथवा बचत के तौर पर खर्च किये जाते है. ऐसे में आगामी कुछ समय तक बाजार में मंदी का माहौल दिखाई देना तय है. -अविनाश चुटके अध्यक्ष, सराफा व्यापारी एसो.
इस समय तो सराफा व्यवसाय पूरी तरह से ठप्प ही पडा हुआ है और कामकाज बेहद मंदा है. दीपावली के बाद ग्राहकी में कुछ तेजी आने की संभावना व्यक्त की जा सकती है. – मिलींद श्रॉफ कोषाध्यक्ष, सराफा व्यापारी एसो.
सराफा बाजार में पार्किंग की समस्या रहने के चलते यहां पर वैसे भी ५० फीसदी ग्राहकी कम हो चुकी है और रही-सही कसर कोरोना और लॉकडाउन ने पूरी कर दी है.
– राजेंद्र भंसाली सदस्य, सराफा व्यापारी एसो.

Related Articles

Back to top button