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नगराध्यक्ष रवींद्र पवार का निधन

चांदूर बाजार शहर का एक राजनीतिक सितारा टूटा

  • समूचे शहर में शोक की लहर, हजारों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई

चांदूर बाजार प्रतिनिधि/दि.२७– चांदूर बाजार के नगराध्यक्ष रवींद्र पवार (City Magistrate Ravindra Pawar) का गत रोज पुणे के रूबी हॉल अस्पताल में उपचार के दौरान देहांत हो गया. बीती रात करीब 11.30 से 11.45 के दरमियान उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. बता दें कि, नगराध्यक्ष रविंद्र पवार विगत चार-पांच वर्षो से कैन्सर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे थे. हालांकि इसके बावजूद वे हमेशा शहरवासियों की सेवा में हमेशा तत्पर रहे. किंतु पिछले कुछ दिनों से उनके स्वास्थ्य में थोडी कमजोरी देखी गई, तब उन्हे करीब आठ-नौ रोज पहले अमरावती के डॉ. बोंडे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर स्वास्थ में सुधार के ना चलते शनिवार 24 अक्तूबर को उन्हे पुणे के रूबी अस्पताल में भरती कराया गया. जहां पर उन्होंने बीती रात अपनी अंतिम सांस ली.
पता चला है कि, कैंसर के साथ-साथ हाल में उन्हें पीलिया की शिकायत भी हो गई थी, जो दूसरे स्टेज पर पहुंच गई, जिसके चलते रवींद्र पवार ने इलाज के दौरान जिंदगी की जंग हार गये. रवींद्र पवार के निधन की खबर मिलते ही समूचे शहर में शोक की लहर दौड़ गई. सुबह से ही उनके घर पर सैकडों लोगों का तांता लगा रहा. मंगलवार की सुबह पुणे से उनके शव को चांदूर बाजार के लिए रवाना किया गया. करीब 2 बजे उनका शव चांदूर बाजार पहुंचा. इस दौरान समूचे शहर में सन्नाटा छाया रहा. शव के चांदूर बाजार पहुंचने के बाद रविंद्र पवार की उनके निवास से अंतिम यात्रा निकाली गयी और यहां के हिंदू स्मशान भुमि में उनके पार्थिव पर अंतिम संस्कार किये गये. इस समय हजारों नम: आंखों ने अपने प्रिय नेता को अंतिम बिदाई दी.

  • गजानन महाराज के अनन्य भक्त थे रवींद्र पवार

नगराध्यक्ष रवींद्र पवार अपने पश्चात पत्नी, 20 वर्षीय पुत्र व 17 वर्षीय पुत्री सहित 3 भाई तथा भतीजे-भतीजियों सहित भरापूरा परिवार छोड गए. गजानन महाराज के कट्टर सेवाकरी रवींद्र पवार को जनता ने 27 नवंबर 2016 को हुए चांदूर बाजार नगर पालिका चुनाव में भाजपा के बैनर तले सीधे जनता से नगराध्यक्ष पद पर विराजमान हुए. इससे पूर्व उनकी पत्नी भी नगर पालिका की नगर सेविका रह ीचुकी है. रवींद्र पवार कई दशकों से भाजपा के तहसील अध्यक्ष भी रह चुके है. साथ ही गजानन महाराज सेवा समिति में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है. अपने चार साल के कार्यकाल में अपने शांत स्वभाव के चलते जनता के दिलों में अपनी जगह बनाई. कोरोना महामारी में भी अपनी स्वास्थ की परवाह ना करते हुए जनता की सेवा में दिन-रात लगे रहे. अपने राजनीतिक, सामाजिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध रवींद्र पवार के चले जाने से राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा छाया हुआ है.

  • हजारों ने दी श्रध्दांजलि

नगराध्यक्ष रवींद्र पवार का पुणे में इलाज के दौरान निधन हो जाने की खबर मिलते ही मंगलवार की सुबह से ही उनके चांदूर बाजार स्थित निवास पर उनके समर्थकों और शोकाकुल नागरिकों का जूटना शुरू हो गया था. साथ ही दोपहर बाद जैसे ही नगराध्यक्ष पवार का पार्थिव उनके निवास पर पहुंचा, तो सैंकडों लोगोें ने उनके अंतिम दर्शन करते हुए उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित की. इस समय पालिका मुख्याधिकारी पराग वानखेडे, आरोग्य निरीक्षक रवींद्र जाधव व दिनेश शर्मा सहित नगर पालिका के सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे. साथ ही गटनेता मनीष नांगलिया, पार्षद टिकु अहीर, अतुल रघुवंशी, गोपाल तीरमारे, मीना काकडे, लविना अकोलकर, आबिद हुसैन, सरदार खान, नितिन कोरडे, सचिन खुले, नजीर कुरैशी, पूर्व नगराध्यक्ष रहमान भाई, पूर्व उपाध्यक्ष मुजफ्फर हुसैन, साजिद इकबाल, जावेद इकबाल समाजसेवक मनोज कटारिया, विनोद कोरडे, मनीष भट, राजेश भेले, सहित सभी नगर सेवक, समाज सेवक, सभी दलों व पार्टियों के पदाधिकारी एवं हजारों नागरिकों ने उपस्थित रहकर दिवंगत नगराध्यक्ष रवींद्र पवार को अंतिम बिदाई दी.

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