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मयूर झांबानी 4 दिन से लापता

3 नवंबर को पुणे जाने की बात कहकर घर से निकला था

* आज 4 दिन बाद भी मयूर का कहीं कोई अता-पता नहीं
अमरावती/दि.7 – स्थानीय प्रतिष्ठित नागरिक तथा रेस्टारेंट व पेट्रोल पंप व्यवसायी राजूमल झांबानी का बेटा मयूर झांबानी विगत 4 दिनों से लापता है. कंवर नगर की गली नं. 2 में रहने वाला मयूर झांबानी विगत 3 नवंबर की रात पुणे निवासी अपने रिश्तेदार के यहां जाने की बात कहकर अपने घर से निकला था और रात करीब 3.45 बजे बडनेरा रेल्वे स्टेशन से होकर गुजरने वाली नागपुर-पुणे साप्ताहिक ट्रेन में बैठकर रवाना हुआ था. परंतु अगले दिन दोपहर मयूर झांबानी अपने रिश्तेदार के यहां पहुंचा ही नहीं और उसका फिलहाल तक कहीं कोई अता-पता नहीं है.
मयूर के लापता हो जाने की जानकारी उसके चचेरे भाई मनीष सुंदरलाल झांबानी ने 4 नवंबर की दोपहर 3.30 बजे बडनेरा रेल्वे सुरक्षा पुलिस थाने पहुंचकर दर्ज कराई थी. जिसकी रिपोर्ट रद्द करते हुए बडनेरा आरपीएस के पीएसआई वरठे ने तुरंत जांच पडताल करनी शुरु की. जांच के दौरान पता चला कि, मयूर के पास कोई मोबाइल फोन नहीं है. ऐसे में मयूर को खोजने में काफी दिक्कत पेश आ रही है और 4 दिन का समय बीत जाने के बावजूद भी मनीष का अब तक कहीं कोई अता-पता नहीं चल पाया है.
पता चला है कि, विवाहित रहने वाले मनीष के घर में उसकी पत्नी सहित 2 वर्ष का बेटा और 6 माह की बेटी भी है तथा वह खुद अपने पिता राजूमल झांबानी के साथ मिलकर पुराना बायपास रोड स्थित बगीया रेस्टारेंट और फरशी स्टॉप स्थित पेट्रोल पंप का व्यवसाय चलाने में मदद किया करता था. मयूर झांबानी के ज्यादातर रिश्तेदार नागपुर में रहते है और केवल एक रिश्तेदार ही पुणे में है. जिसके यहां जाने की बात कहते हुए मयूर अचानक ही अपने घर से निकला था और फिर लापता हो गया. ऐसे में मयूर इस समय कहां है और वह अचानक अपना घर छोडकर क्यों चला गया है. इस बारे में निश्चित तौर पर कोई जानकारी सामने नहीं आयी है. ऐसे में जहां एक ओर बडनेरा आरपीएफ द्वारा मयूर झांबानी की सरगर्मी से तलाश की जा रही है. वहीं मयूर झांबानी के परिवार में सभी लोगों से आवाहन किया है कि, यदि उनके पास मयूर से संबंधित कोई खबर है, या उन्होंने मयूर को कहीं देखा है, तो इस बारे में तुरंत ही कंवर नगर की गली नं. 2 में रहने वाले मयूर के परिवार को सुचित किया जाए. साथ ही बताया गया है कि, घर से निकलते वक्त मयूर झांबानी ने सफेद रंग की शर्ट व काले रंग की जिन्स पैंट पहन रखी थी तथा रंग से गोरा रहने वाले मयूर का कद साढे 5 फीट से अधिक है.

* लापता होने से पहल रात 1.30 बजे तक बगीया होटल पर था मयूर
– दोस्त को अचानक बुलाकर अर्जंट में बडनेरा छोडने हेतु कहा
– मोबाइल व होटल की चाबी कार में ही छोडी, दिन भर का गल्ला साथ ले गया
इस बीच यह जानकारी सामने आयी है कि, लापता होने से पहले 3 अक्तूबर को रात 1.30 बजे तक मयूर अपने बगीया होटल में ही था और ग्राहकी संभाल रहा था तथा रात 1.30 बजे के आसपास उसने अचानक ही पानठेला चलाने वाले अपने एक दोस्त को होटल पर बुलाया तथा उसे खुद को अर्जंट में बडनेरा छोड देने की बात कहीं. इस समय मयूर ने होटल की चाबियों का गुच्छा और अपना मोबाइल फोन होटल की पार्किंग में खडी अपनी कार में रख दिया. वहीं होटल की ग्राहकी के जरिए गल्ले मेें जमा हुए 47 हजार रुपए अपनी जेब में रखकर वह अपने दोस्त के साथ दोस्त के वाहन पर बडनेरा के लिए निकला. जहां पर मयूर का दोस्त उसे रेल्वे स्टेशन पर छोडकर वापिस लौट आया. जांच के दौरान रेल्वे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फूटेज में मयूर झांबानी नागपुर-पुणे साप्ताहिक ट्रेन में सवार होता भी दिखाई दिया है. लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से वहीं पुणे पहुंचा ही नहीं.

* क्रिकेट सट्टे का कनेक्शन आया सामने
– मयूर के पिता राजुमल झांबानी ने दी जानकारी
– मयूर द्वारा कई लोगों से एक-डेढ करोड रुपए उठाने की बात भी कहीं
इस पूरे मामले को लेकर जब दैनिक अमरावती मंडल ने मयूर झांबानी के पिता राजुमल झांबानी से उनके मोबाइल क्रमांक 9420076202 पर जानकारी हेतु संपर्क किया, तो राजुमल झांबानी ने बताया कि, मयूर ने उनके छोटे भाई से 34 लाख रुपए उठाये थे, इसके अलावा एक पानठेला वाले से 6 लाख रुपए लिए थे और एक पेट्रोल पंप वाले से 11 लाख रुपए लेकर रखे थे. इसके अलावा मकान बेचकर मिले 20 लाख रुपए व खेत बेचकर मिले 19 लाख रुपए भी मयूर ने अपने पास ले लिए थे. मयूर की गुमशुदगी के पीछे ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे की वजह रहने को लेकर पूछे गए सवाल पर राजुमल झांबानी ने बताया कि, मयूर के लापता होने तक उन्हें बिल्कुल भी पता नहीं था कि, मयूर किसी भी तरह से क्रिकेट सट्टे के व्यवसाय के साथ जुडा हुआ है. यह बात तो उनकी जानकारी में अब आयी है. साथ ही उन्हें अब यह पता चला है कि, लापता होने से पहले मयूर ने अपने घर की फर्मों के साथ ही दोस्त बिरादरी वाले लोगों और उनके प्रतिष्ठानों से करीब एक से डेढ करोड रुपए उठा रखे है. राजुमल झांबानी ने भी इस बात की पुष्टि की कि, जिस दिन मयूर झांबानी लापता हुआ, उससे पहले रात डेढ बजे तक वह बगीया रेस्टारेंट में ही था और ग्राहकी संभाल रहा था. जहां पर होटल की पार्किंग में खडी कार में मयूर ने अपना मोबाइल फोन व होटल की चाबियों का गुच्छा छोड दिया था. साथ ही उस वक्त मयूर की जेब में उसके आधार कार्ड सहित बगीया होटल के गल्ले के करीब 50 हजार रुपए रहे होंगे. इसके साथ ही राजुमल झांबानी ने यह भी बताया कि, बगीया होटल के साथ-साथ मयूर झांबानी फरशी स्टॉप पर रहने वाले परिवार के पेट्रोल पंप को भी संभालने का काम किया करता था और इस दौरान कभी भी यह महसूस नहीं हुआ कि, उसका ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे से किसी तरह का कोई कनेक्शन है. परंतु अब उसके लापता हो जाने के बाद उन्हें भी इसकी जानकारी मिली है.

* क्रिकेट सट्टे का कनेक्शन आया सामने
– मयूर के पिता राजुमल झांबानी ने दी जानकारी
– मयूर द्वारा कई लोगों से एक-डेढ करोड रुपए उठाने की बात भी कहीं
इस पूरे मामले को लेकर जब दैनिक अमरावती मंडल ने मयूर झांबानी के पिता राजुमल झांबानी से उनके मोबाइल क्रमांक 9420076202 पर जानकारी हेतु संपर्क किया, तो राजुमल झांबानी ने बताया कि, मयूर ने उनके छोटे भाई से 34 लाख रुपए उठाये थे, इसके अलावा एक पानठेला वाले से 6 लाख रुपए लिए थे और एक पेट्रोल पंप वाले से 11 लाख रुपए लेकर रखे थे. इसके अलावा मकान बेचकर मिले 20 लाख रुपए व खेत बेचकर मिले 19 लाख रुपए भी मयूर ने अपने पास ले लिए थे. मयूर की गुमशुदगी के पीछे ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे की वजह रहने को लेकर पूछे गए सवाल पर राजुमल झांबानी ने बताया कि, मयूर के लापता होने तक उन्हें बिल्कुल भी पता नहीं था कि, मयूर किसी भी तरह से क्रिकेट सट्टे के व्यवसाय के साथ जुडा हुआ है. यह बात तो उनकी जानकारी में अब आयी है. साथ ही उन्हें अब यह पता चला है कि, लापता होने से पहले मयूर ने अपने घर की फर्मों के साथ ही दोस्त बिरादरी वाले लोगों और उनके प्रतिष्ठानों से करीब एक से डेढ करोड रुपए उठा रखे है. राजुमल झांबानी ने भी इस बात की पुष्टि की कि, जिस दिन मयूर झांबानी लापता हुआ, उससे पहले रात डेढ बजे तक वह बगीया रेस्टारेंट में ही था और ग्राहकी संभाल रहा था. जहां पर होटल की पार्किंग में खडी कार में मयूर ने अपना मोबाइल फोन व होटल की चाबियों का गुच्छा छोड दिया था. साथ ही उस वक्त मयूर की जेब में उसके आधार कार्ड सहित बगीया होटल के गल्ले के करीब 50 हजार रुपए रहे होंगे. इसके साथ ही राजुमल झांबानी ने यह भी बताया कि, बगीया होटल के साथ-साथ मयूर झांबानी फरशी स्टॉप पर रहने वाले परिवार के पेट्रोल पंप को भी संभालने का काम किया करता था और इस दौरान कभी भी यह महसूस नहीं हुआ कि, उसका ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे से किसी तरह का कोई कनेक्शन है. परंतु अब उसके लापता हो जाने के बाद उन्हें भी इसकी जानकारी मिली है.

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