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कचरे व साफ-सफाई को लेकर ‘गोल-मोल’ रही मनपा की बैठक

कचरे व साफ-सफाई को लेकर ‘गोल-मोल’ रही मनपा की बैठक

  • ठेकेदारों पर नियंत्रण और काम के क्रियान्वयन में असफल रहने का लगाया आरोप

अमरावती/प्रतिनिधि दि.23 – दो दिन पूर्व दैनिक अमरावती मंडल द्वारा प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित करते हुए अमरावती शहर के हर गली-मोहल्ले में व्याप्त कचरे व गंदगी की समस्या को पूरी प्रखरता के साथ उजागर किया गया था. जिसके बाद स्थानीय जनप्रतिनिधि और मनपा प्रशासन अचानक ही हडबडाकर नींद से जागे तथा स्थानीय विधायक सुलभा खोडके ने आनन-फानन में मनपा अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई. मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे के दालान में बुलाई गई इस बैठक में स्वास्थ्य व स्वच्छता विभाग के सभी अधिकारियों सहित सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी तलब किये गये थे. जिसमें विधायक सुलभा खोडके ने शहर में व्याप्त गंदगी के लिए पूरी तरह से मनपा प्रशासन को कटघरे में खडा किया और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने का निर्देश देते हुए कहा कि, यदि पंद्रह दिन के भीतर यह समस्या हल नहीं होती है, तो इसे लेकर मंत्रालय स्तर पर बैठक बुलायी जायेगी.
मनपा मुख्यालय में आयोजीत इस बैठक के तुरंत बाद विधायक सुलभा खोडके सहित उनके पति व राकांपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके द्वारा एक पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए इस बैठक का ब्यौरा दिया गया. जिसमें बताया गया कि, अमरावती शहर को स्वस्थ, सुंदर व स्वच्छ रखने के लिए इस बैठक में डेंग्यू मच्छरों के नियंत्रण, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार तथा साफ-सफाई संबंधी कामों को लेकर विचार-विमर्श किया गया.
इस समय पूछे गये सवालों के जवाब में विधायक सुलभा खोडके ने स्पष्ट तौर पर कहा कि, इन दिनों मनपा के वरिष्ठ अधिकारी केवल अपने कैबिन में बैठकर कुर्सी तोड रहे है और उनका जमीनी स्तर पर होनेवाले काम की ओर कोई ध्यान नहीं है. जिसकी वजह से साफ-सफाई संबंधी कामों का जिम्मा रखनेवाले ठेकेदार काफी मुंहजोर व मगरूर हो गये है. किंतु इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, क्योंकि मनपा की पहली जिम्मेदारी ही शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था बनाये रखना है और इसी काम पर सर्वाधिक खर्चा किया जाता है. विधायक सुलभा खोडके के मुुताबिक साफ-सफाई संबंधी कामों के लिए पैसों की कोई कमी भी नहीं होने दी जाती और इस काम पर पूरा पैसा भी खर्च किया जाता है. ऐसे में साफ-सफाई से संबंधित कामों को लेकर किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा सकता. इस पर जब विधायक खोडके से पूछा गया कि, पैसा खर्च हो रहा है, लेकिन साफ-सफाई संबंधी काम नहीं हो रहे है, तो हकीकत में पैसा खर्च कहां हो रहा है. जिस पर विधायक सुलभा खोडके का कहना रहा कि, इन तमाम बातों की जांच की जायेगी.
साफ-सफाई संबंधी कामों में होनेवाली लापरवाही के लिए पार्षदों को पूरी तरह से क्लिनचिट देते हुए विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, पार्षदों का काम केवल पॉलीसी बनाने का होता है और वे शहर की समस्याओं को प्रशासन के सामने उपस्थित करते है. उन सभी समस्याओं को हल करने एवं योजनाओं का क्रियान्वयन करने का जिम्मा व अधिकार मनपा प्रशासन के पास होता है. किंतु कहा जा सकता है कि, प्रशासन अपना काम करने में काफी हद तक नाकाम रहा है. विधायक खोडके के मुताबिक स्वच्छता निरीक्षकों व सहायक आयुक्तों सहित स्वास्थ्य व स्वच्छता अधिकारी तथा मनपा आयुक्त का पूरा ध्यान ठेकेदारों के कामकाज पर होना चाहिए. लेकिन ठेकेदारों के काम पर संबंधितों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. जिसकी वजह से सारी समस्याएं बनी हुई है. ऐसे में मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने कैबिन में बैठकर काम करने की बजाय फिल्ड पर निकलना होगा और सभी कामों पर प्रभावी रूप से अमल करवाना होगा. विधायक खोडके के मुताबिक मनपा की कुल आमदनी का 74 फीसद हिस्सा मनपा अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन पर खर्च होता है और यह पैसा जनता द्वारा अदा किये गये टैक्स के पैसों से खर्च होता है. अत: स्थानीय नागरिकों को पूरा अधिकार है कि, उनके निवास क्षेत्र की सही ढंग से साफ-सफाई हो.
इसके अलावा इस बैठक और पत्रकार परिषद में अन्य कई विषयों पर भी चर्चा हुई. सबसे उल्लेखनीय यह रहा कि, डेंग्यू व साफ-सफाई संबंधी कामों को लेकर मनपा अधिकारियों को कटघरे में खडा करने के साथ ही विधायक सुलभा खोडके द्वारा कोविड संक्रमण काल में मनपा प्रशासन द्वारा किये गये कामों की तारीफ भी की गई. उन्होंने कहा कि, सुपर कोविड अस्पताल व स्वास्थ्य महकमे का काम तो कोविड संक्रमित मरीज मिलने के बाद शुरू होता था, किंतु कोविड संक्रमण न फैल पाये, इस हेतु तमाम आवश्यक कदम उठाने के साथ-साथ हर एक संदेहित व संक्रमित को खोजने, उन तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने तथा संक्रमण को रोकने हेतु समूचे शहर में सैनिटाईजेशन करने व प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू करने का काम मनपा प्रशासन द्वारा बडी मुश्तैदी से किया गया. जिसके लिए मनपा प्रशासन बधाई व अभिनंदन का हकदार है.

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