पोटे ट्रस्ट के पदाधिकारियों की हुई जिलाधीश नवाल के साथ बैठक
जिला प्रशासन ने नि:शुल्क कोविड अस्पताल खोलने दिया आयुर्वेदिक या डेंटल कॉलेज का पर्याय
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सांस्कृतिक भवन का पर्याय लगभग हुआ खारिज
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ट्रस्ट ने दोनों नये स्थानों का किया मुआयना
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अंतिम फैसला जिला प्रशासन पर छोडा
अमरावती/प्रतिनिधि दि.29 – जिले के पूर्व पालकमंत्री तथा विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील की अध्यक्षतावाले प्रवीण पोटे पाटील एज्युकेशनल एन्ड वेलफेअर ट्रस्ट व मित्र मंडल द्वारा विगत दिनों जिला प्रशासन के समक्ष अमरावती शहर में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं रहनेवाला नि:शुल्क कोविड हॉस्पिटल शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया था. साथ ही अस्पताल शुरू करने हेतु सांस्कृतिक भवन अथवा सायन्सकोर स्कुल में जगह मांगी गयी थी. इसमें से जिला प्रशासन द्वारा सांस्कृतिक भवन के पर्याय को लगभग नकार दिया गया है. साथ ही पोटे ट्रस्ट को दस्तुर नगर मार्ग स्थित विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय अथवा वडाली परिसर स्थित डेंटल कॉलेज में कोविड हॉस्पिटल शुरू करने के नये पर्याय दिये गये है.
इस विषय को लेकर गुरूवार को पोटे ट्रस्ट के पदाधिकारियों की एक बैठक जिलाधीश शैलेश नवाल के साथ हुई. जिसमें जिला प्रशासन द्वारा पोटे ट्रस्ट की ओर से मिले प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा गया कि, सांस्कृतिक भवन अथवा सायन्सकोर स्कुल जैसे स्थानों पर कोविड हॉस्पिटल शुरू करने हेतु प्राथमिक स्तर से तैयारियां करनी होगी. इसकी बजाय जिन स्थानों पर पहले से चिकित्सा सुविधा व मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था उपलब्ध है, पोटे ट्रस्ट द्वारा ऐसे स्थानों के पर्याय पर विचार किया जाये. इसके तहत जिला प्रशासन ने पोटे ट्रस्ट के समक्ष हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा संचालित विदर्भ आयुर्वेद महाविद्यालय तथा विदर्भ यूथ वेलफेअर सोसायटी द्वारा संचालित डेंटल कॉलेज का पर्याय कोविड हॉस्पिटल शुरू करने हेतु दिया. साथ ही दोनों में से किसी भी एक स्थान पर प्रारंभिक चरण में 100 बेड का कोविड अस्पताल शुरू करने हेतु अनुमति देने की तैयारी भी दर्शाई. इन 100 बेड में ऑक्सिजन एवं जनरल बेड का समावेश रहेगा.
इस बैठक के बाद पोटे ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय तथा डेंटल कॉलेज इन दोनों स्थानों का दौरा करते हुए वहां उपलब्ध तमाम सुविधाओं व व्यवस्थाओं का जायजा लिया. साथ ही दोनोें में से किसी भी स्थान पर कोविड हॉस्पिटल शुरू करने की तैयारी दर्शाई. इस मुआयने के बाद पोटे ट्रस्ट के पदाधिकारी दुबारा जिलाधीश नवाल से मिलने पहुंचे और जिलाधीश नवाल को बताया गया कि, जिला प्रशासन दोनों में से जिस अस्पताल को निश्चित करेगा, वहां पर कोविड हॉस्पिटल शुरू किया जायेगा. ऐसे में अब नया कोविड अस्पताल कहां शुरू किया जाये, इस बारे में अंतिम फैसला जिला प्रशासन को लेना है.
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हम हर पर्याय के लिए तैयार
इस बारे में पोटे ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे का कहना रहा कि, वे अमरावती में नि:शुल्क कोविड अस्पताल शुरू करने हेतु पूरी तरह से कृतसंकल्प है और उनका मानस शहर के मध्यस्थल में स्थित किसी स्थान पर यह अस्पताल शुरू करने का है, ताकि जिले के ग्रामीण इलाकों से आनेवाले मरीजों व उनके परिजनों को अमरावती शहर में अस्पताल आने-जाने को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत न हो. साथ ही यदि प्रशासन द्वारा हमें किसी अन्य स्थान का पर्याय दिया जाता है, तो भी हम उस स्थान पर नि:शुल्क कोविड अस्पताल शुरू करने हेतु पूरी तरह से तैयार है और हमने इस बारे में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार प्रशासन को दिया है.
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हम पूरी सहायता करने के लिए तैयार
वहीं इस संदर्भ में डेंटल कॉलेज का संचालन करनेवाली विदर्भ यूथ वेलफेअर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. नितीन धांडे द्वारा कहा गया कि, प्रशासन द्वारा डेंटल कॉलेज के बारे में किये जा रहे विचार के बारे में जिलाधीश कार्यालय द्वारा उन्हें जानकारी दी गई है और वे इस काम में अपनी ओर से हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. साथ ही इस बारे में प्रशासन की ओर से मिलनेवाले प्रस्ताव का भी इंतजार कर रहे है. जिस पर सोसायटी के संचालक मंडल व कॉलेज की व्यवस्थापन समिती द्वारा विचार-विमर्श कर उसे मंजूरी दी जायेगी. डॉ. धांडे के मुताबिक यदि कोविड काल में उनकी सोसायटी अथवा कोई भी कॉलेज प्रशासन के किसी काम आते है, तो यह खुशी की बात होगी.
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हम तो पहले से हैं तैयार
इसके अलावा श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल की सचिव तथा विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय की संचालिका प्रा. डॉ. माधुरी चेंडके ने इस संदर्भ अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, उन्होंने काफी पहले ही जिला प्रशासन को पत्र लिखकर विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय में कोविड हॉस्पिटल या कोविड सेंटर शुरू करने का अनुरोध किया था और इस संक्रामक महामारी काल के दौरान अपनी ओर से जिला प्रशासन को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की पेशकश की थी. किंतु इस समय प्रशासन को शायद ऐसी कोई जरूरत नहीं पडी. वहीं प्रशासन यदि अब भी विदर्भ आयुर्वेदिक महाविद्यालय में खुद अथवा किसी संस्था के जरिये कोविड अस्पताल शुरू करना चाहता है, तो इसके लिए तमाम आवश्यक सहायता हव्याप्रमं एवं आयुर्वेदिक कॉलेज द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी.