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मेलघाट वासी पीने के पानी के लिए जंगल-जंगल भटक रहे

बारिश शुरु है फिर भी

  • मटमैला पानी पीने से स्वास्थ्य के लिए खतरा

  • कुआ, बिजली आपूर्ति, पानी की टंकी होने के बाद भी प्यासे

 मेलघाट/परतवाडा प्रतिनिधि/ दि.२९- इस समय जबर्दस्त बारिश शुरु है. ऐसे में मेलघाट के धारणी, चिखलदरा दोनों तहसील के लोग कई समस्याओं से जूझ रहे है. आकी ग्रामपंचायत के चौरामल, बारी, खारी, चुनखडी, हतरु, हिरडा, बिबा, बोरदा, पांचडोंगरी जैैसे अन्य गांव में कुएं, बिजली आपूर्ति, पानी की टंकी जैसी सुविधा होने के बाद भी इस मौसम में गांववासी पीने के पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे है. जंगली क्षेत्र के दुरदराज नदी, नालों से पानी लाना पडता है. इन गांवों में कुएं है, परंतु बारिश के कारण पहाडी क्षेत्र से गुजरकर आने वाली नदी, नालों का मटमैला पानी कुआें में भर जाता है. ऐेसे कुएं, नदी, नाले का पीने योग्य न रहने वाला पानी पीने से इन गांववासियों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है. मजबूरी में यहां से बहने वाली नदी, नाले का पानी पिकर वे अपनी प्यास बुझा रहे है. इस बारे में प्रशासन से कई बार शिकायत की गई. मगर अब तक किसी तरह का हल नहीं निकला. जिसके चलते गांववासी विवश होकर गंदगी युक्त पानी पीने के लिए विवश है.

टंकी में पानी कब आयेगा
पीने के पानी की टंकी पूरी तरह से बनकर तैयार है. मगर पानी न होने के कारण टंकी खाली पडी है. इस पानी की टंकी में कब पानी आयेगा और गांववासियों को टंकी का पानी पीने को कब मिलेगा, ऐसा प्रश्न गांववासियों ने संबंधित अधिकारियों से पूछा. इसपर अधिकारियों ने जो जवाब दिया, उसे सुनकर गांववासी भी दंग रह गए. अधिकारियों का कहना है कि यह तकनिकी समस्या है. हमारे हाथ में कुछ नहीं है. बिजली आपूर्ति न होने के कारण काम अपूर्ण पडा हुआ है. जल्द ही पीने के पानी की समस्या दूर होगी, ऐसा कहकर गांववासियों को टाल देते है. मगर इसके बाद फिर गांव में झांककर भी नहीं देखते. – बोरदा गांववासी 

माहभर तक बिजली आपूर्ति नहीं है
चौरामल गांव में शासन के लाखों रुपए जलापूर्ति योजना पर खर्च किये गए. कुआ बनाया गया, बिजली पंप भी लगाया गया, पानी की टंकी निर्माण की गई, गांव में नल योजना भी आयी, मगर बिजली आपूर्ति करने वाले कने्नशन गांव के फिडर से न देते हुए खेती को बिजली आपूर्ति करने वाले फिडर से दिये गए. मगर यह फिडर मन में आयेगा तब शुरु होता है, हमेशा तकनिकी खराबी रहती है. गांव में जलापूर्ति करने वाली बिजली आपूर्ति कभी सप्ताह तो कभी महिनाभर तक बंद रहती है, जिसके कारण गांववासियों को मटमैला पानी पिकर मजबूरी में जीवनयापन करना पड रहा है. – चौरामल गांववासी

१६ लाख रुपए का प्रस्ताव भेजेंगे
विद्युत कंपनी व्दारा गांवठाण फिडर बिजली आपूर्ति करने के लिए अंदाज पत्रक तैयार किया है, इसके लिए १६ लाख रुपए की निधि चाहिए, इस निधि की मांग के लिए जिला नियोजन को प्रस्ताव भेजा जाएगा. चौरामल गांव, आकी ग्रामपंचायत में खेत की फिडर होने के कारण लगातार बिजली आपूर्ति नहीं हो रही थी, अगर गांवठाण फिडर पर शिफ्ट किया गया तो पीने के पानी की समस्या हल होगी. बिजली विभाग ने अंदाज पत्रक बनाया है. नियोजन समिति व्दारा निधि के लिए प्रयास शुरु है. – प्रकाश पोल, दूग्धविकास अधिकारी, चिखलदरा

अधिकारी गांव में नहीं जाते
गांव में पानी की टंकी है, कुआ है, मोटर भी है, मगर बिजली की समस्या है. इसके कारण मजबूरी में वे लोग अन्य जगह से पानी भरते है. मोटर जली, डिपी जली, गांव के विकास को लेकर अधिकारी कभी गांव में नहीं जाते. मेलघाट के लोग जंगल में जी रहे है. कहा शिकायत करना, कैसे न्याय मिलेगा इसकी उन्हें जानकारी भी नहीं. आसपडोस का परिसर चिखलदरा पंचायत समिति का है, मगर गांव पर ध्यान नहीं दिया जाता. १५ अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व पर जोर-जोर से नारे लगाकर कहते है कि मेरा देश है, मेरे देश के लोग है. मगर दुख की बात यह है कि उन लोगों के साथ भेदभाव करते हुए वहां झांककर भी देखने के लिए भी समय नहीं है. – बंडू साने, खोज संस्था प्रमुख

 

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