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मेलघाट के आदिवासी तैयार नहीं वैक्सीन लगवाने

  •  वैक्सीन लगवाने से मौत होने की फैली है अफवाह

  •  गिरगुटी गांव के शिबिर में केवल एक ने लगवायी वैक्सीन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – इस समय आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में इस आशय की अफवाह ने जोर पकडा हुआ है कि, कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाये जाने से व्यक्ति की मौत हो जाती है. विगत चार दिनों के दौरान मेलघाट के 200 से अधिक गांवों में फैली इस अफवाह के चलते यहां के आदिवासी कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाने हेतु तैयार नहीं है. इस बात से अवगत होने के बाद जिप समाजकल्याण सभापति दयाराम काले व जिप सदस्य वासंती मंगरोले ने चिखलदरा तहसील के गिरगुटी गांव में मंगलवार को टीकाकरण शिबिर आयोजीत किया. किंतु इस शिबिर में गांव के केवल एक व्यक्ति ने ही आकर वैक्सीन लगवायी. इस व्यक्ति को भी काफी समझाबूझाकर लाना पडा था. वहीं इस शिबिर में वरूड, अंजनगांव सूर्जी, परतवाडा व अचलपुर आदि क्षेत्रों से आये 89 लोगों ने वैक्सीन लगवायी, लेकिन इन लोगों को वैक्सीन लगवाता देखकर भी गांव के आदिवासी वैक्सीन लगवाने हेतु तैयार नहीं हुए.
जानकारी के मुताबिक अंबापाटी गांव के कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी कि, कोविड वैक्सीन लगाने की वजह से लोगों की मौत हो रही है. देखते ही देखते यह अफवाह मेलघाट के 200 से अधिक गांवों तक पहुंच गयी. ऐसे में अब इस क्षेत्र के भोले-भाले आदिवासी वैक्सीन लगाने के लिए तैयार नहीं है. बल्कि वैक्सीन लगवाने से डर रहे है. ऐसे में आदिवासियों का डर दूर करने के साथ ही यहां जनजागृति करने हेेतु जिप समाजकल्याण सभापति दयाराम काले व जिप सदस्या वासंती मंगरोले ने गिरगुटी गांव में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कोविड टीकाकरण शिबिर का आयोजन किया. किंतु यहां पर एक भी आदिवासी वैक्सीन लेने हेतु तैयार नहीं हुआ. जिसके पश्चात सभी लोगों ने गांववासियों को समझाने और उनका भय दूर करने का प्रयास करना शुरू किया. जिसके बाद बडी मुश्किल से गांव में रहनेवाला एक व्यक्ति वैक्सीन लेने हेतु तैयार हुआ. वहीं इस शिबिर में अचलपुर, परतवाडा, वरूड व अंजनगांव ऐसी अन्य तहसीलों के लोगों ने ऑनलाईन पंजीयन करते हुए यहां आकर वैक्सीन लगवायी. किंतु बाहरी लोगोें को अपने गांव में आकर वैक्सीन लगवाता देखने के बावजूद यहां के आदिवासियों ने वैक्सीन को लेकर अपना मन नहीं बदला

  •  जनजागृति आवश्यक

उल्लेखनीय है कि, मेलघाट के धारणी व चिखलदरा तहसील में 16 से अधिक गांव कोविड संक्रमण के लिहाज से हॉटस्पॉट बने हुए है. वहीं दूसरी ओर यहां के आदिवासी आधुनिक इलाज कराने की बजाय अब भी भूमका यानी मांत्रिकों के जाल में अटके पडे है. साथ ही अब वे कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लेने से भी इन्कार कर रहे है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, जिला परिषद के मार्फत मेलघाट के हर एक गांव में जाकर कोविड टीकाकरण अभियान के बारे में जनजागृति की जाये.

इस समय मेलघाट में अफवाह फैली हुई है कि, वैक्सीन लेनेवाले लोगों की मौत हो जाती है. इस तरह की गलत फहमी को दूर करने हेतु गिरगुटी गांव में मंगलवार को टीकाकरण शिबिर आयोजीत किया गया था, लेकिन इस शिबिर में गांव का केवल एक ही व्यक्ति वैक्सीन लगाने हेतु तैयार हुआ.
– सतीश प्रधान
तहसील वैद्यकीय अधिकारी, चिखलदरा

गिरगुटी गांव के नागरिकों को कोविड टीकाकरण के बारे में पूरी जानकारी थी. लेकिन अथक प्रयासों के बाद केवल एक ही व्यक्ति वैक्सीन लगवाने हेतु तैयार हुआ. अब इस परिसर के सभी गांवों में जिला परिषद के मार्फत जनजागृति अभियान शुरू किया जा रहा है.
– दयाराम काले
समाजकल्याण सभापति, जिप अमरावती.

 

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