बजट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाए
किसी के लिए बजट बढ़िया तो किसी ने बताया निराशाजनक
अमरावती प्रतिनिधि/दि.2 – गत रोज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने संसद में देश का आम बजट प्रस्तुत किया. जिसे लेकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों व वर्गों से अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही है. जहां कई लोगों ने इस बजट को बेहद शानदार बताते हुए इसे बढिया बजट बताया. वहीं कई लोगों की नजर में यह बजट काफी हद तक निराशाजनक रहा. बजट तो बढिया बतानेवाले लोगोें के मुताबिक इस बजट की वजह से उद्योग व व्यापार के साथ ही रोजगार के अवसर बढेंगे, वहीं दूसरी ओर बजट को निराशाजनक बतानेवालोें के मुताबिक उन्हें उम्मीद थी कि, सरकार बजट में आम करदाताओं को कुछ राहत देगी, लेकिन ऐसा बिल्कूल भी नहीं हुआ. समाज के ऐसे ही अलग-अलग क्षेत्रों व वर्गों का प्रतिनिधित्व करनेवाले गणमान्यों तथा राजनीतिक दलों के पदाधिकारियोें से हमने इस बजट को लेकर उनकी राय जाननी चाही.
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बजट नहीं बल्कि चुनावी घोषणापत्र
यह बजट नहीं बल्कि एक तरह से भाजपा का चुनावी घोषणापत्र है. जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है, उन राज्यों के लिए बडे-बडे पैकेज दिये गये है. वहीं सर्वाधिक रोजगार व टैक्स देनेवाले मुंंबई शहर व महाराष्ट्र के लिए इस बजट में कोई घोषणा नहीं की गई है. इस बजट में पीएम मोदी ने किसी काम की नहीं, बल्कि केवल अपने मन की बात की है और इस बजट को साफ तौर पर पॉलीटिकल एजेंडा के रूप में पेश किया गया है.
– एड. यशोमति ठाकुर, महिला व बाल विकास मंत्री, महाराष्ट्र
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सबका साथ-सबका विकासवाला बजट
इस बजट से सबका साथ-सबका विकास की संकल्पना साकार होगी और इस बजट में उनके द्वारा अमरावती जिले हेतु सुझाये गये कई सुझावों को मान्य किया गया है. जिससे यहां पर कई नई योजनाएं शुरू होगी, जिससे जिले का चेहरा-मोहरा बदल जायेगा. साथ ही जिले व राज्य सहित सभी घटकों को विकास की मुख्य धारा में शामिल किया जा सकेगा. इसके अलावा इस बजट में समूचे देश के समग्र विकास का ध्यान रखा गया है, ताकि समाज का हर तबका संतुलित ढंग से आगे बढ सके.
– नवनीत राणा, सांसद व केंद्रीय वित्त समिती सदस्य
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बजट ने किया सभी को निराश
केंद्र सरकार ने अपने इस बजट के जरिये देश की जनता को निराश किया है. कोविड काल के दौरान वित्तमंत्री ने कई योजनाओं की घोषणा की थी तथा किसानोें के लिए 1 लाख करोड रूपये की मदद घोषित की गई थी. जिसे लेकर इस बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया. बल्कि विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल व तमिलनाडू के लिए भरपुर आर्थिक पैकेज इस बजट में दिये गये है. ऐसे में इसे चुनावी बजट कहा जा सकता है.
– अनंत गुढे, पूर्व सांसद व शिवसेना संपर्क प्रमुख
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पेट्रोल व डीजल पर कृषि सेस से बढेगी महंगाई
इस बजट में जिस तरह से पेट्रोल व डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है, उससे इंधन दरवृध्दि में जबर्दस्त इजाफा होगा. जिसका सीधा असर महंगाई के रूप में दिखाई देगा. इसी तरह असंघटित कामगारोें के लिए न्यूनतम वेतन की घोषणा स्वागतयोग्य है. लेकिन इसे लेकर उद्योग क्षेत्र से मिल रही प्रतिक्रियाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती. साथ ही स्वास्थ्य एवं जलापूर्ति योजना के लिए बजट में महाराष्ट्र की अनदेखी की गई है. यह सीधे-सीधे महाराष्ट्र राज्य के साथ अन्याय है. इसके अलावा इस बजट में समाज के निचले तबके व मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया है और आम करदाताओं को किसी तरह की कोई राहत भी नहीं दी गई है.
– सुलभा खोडके, विधायक, अमरावती
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किसानों के लिए बेहद फायदेमंद बजट
इस बजट में किसानोें के लिए कर्ज मर्यादा को पांच लाख करोड से 16.5 लाख करोड तक बढायी गयी है. साथ ही बीज के लिए 10 लाख करोड, सिंचाई के लिए 10 हजार करोड, पशुपालन के लिए 40 हजार करोड रूपयों का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा पांच फिशरी हब व सात टेक्सटाईल पार्क का निर्माण किया जायेगा. वहीं कपास के लिए 5 लाख करोड का प्रावधान किया गया है. साथ ही अब जमीन के कागजात डिजीटल होंगे और इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढोत्तरी की गई है. जिससे रोजगार के अवसर बढेंगे. इसी तरह कृषि उपज को बढाने के लिए भी बजट में बेहतरीन प्रावधान किये गये है. जिससे आयपीओ में निवेश को बल मिलेगा. कुल मिलाकर यह बजट बेहद समाधानकारक व किसानोें के लिहाज से बेहद शानदार है.
– डॉ. अनिल बोंडेे, पूर्व मंत्री व भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष
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बेहतरीन व शानदार बजट
कोरोनावाले हालात के बीच केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किया बजट अपने आप में बेहद शानदार व बेहतरीन है. जिसमें देश के विकास हेतु अनेकों प्रावधान किये गये है और गैस पाईपलाईन का सुची में अमरावती का भी समावेश है. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक किसानों को डेढ गुना उत्पादन खर्च देने की घोषणा वित्त मंत्री सीतारामण द्वारा की गई है. साथ ही इस बजट के जरिये वरिष्ठ नागरिकोें को कर में छूट मिलेगी. इसके अलावा लोहा, सोना व चांदी पर कर सीमा को कम किया गया है. जिससे वित्त व्यवस्था को नई गति मिलेगी.
– रवि राणा, विधायक, बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र
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सर्व समावेशक व संतुलित बजट
इस बजट में समूचे देश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रोें मेें बुनियादी ढांचे वे स्वास्थ्य सुविधाओें को मजबूत करने पर खासा ध्यान दिया गया है. साथ ही सरकार द्वारा किसानों की आय में दोगुना वृध्दि किये जाने का संकल्प व्यक्त करने के साथ ही यह भी बताया गया है कि, वर्ष 2013-14 से अब तक गेहू, चावल व दाल को लेकर किसानों के लिए कितनी मदद दी जा चुकी है. वहीं इस वर्ष भले ही कोरोना को लेकर विकास दर काफी हद तक प्रभावित हुई है, लेकिन आगामी वर्ष 2022 में विकास दर को 11 फीसद रखने हेतु इसी बजट में मजबूत जमीन तैयार कर ली गयी है. जिसके परिणाम आगामी छह-सात माह में निश्चित तौर पर दिखाई देंगे और अगले वर्ष तक देश की विकास दर जबर्दस्त रफ्तार पकड चुकी होगी.
– डॉ. सुनील देशमुख, पुर्व विधायक
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पूंजिपतियों के लिए राहतकारी
कोरोना काल के दौरान कई लोगोें की नौकरियां गई और वेतन में कटौती हुई. ऐसे लोगोें के लिए इस बजट में कोई घोषणा नहीं की गई है. साथ ही आम जनता को टैक्स में कोई राहत भी नहीं दी गई है. इसके अलावा पेट्रोल व डीजल पर सेस बढा दिया गया है. साथ ही बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश को 49 फीसद से बढाकर 74 फीसद कर दिया गया है. इसके अलावा आगामी वर्ष 2022 में दो सरकारी बैंकोें को बेचन का प्रावधान इस बजट में किया गया है. यानी सीधे-सीधे निजीकरण को बढावा दिया जा रहा है. ऐसे में यह केवल पूंजीपतियोें को राहत देनेवाला बजट है.
-बबलु शेखावत, मनपा नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस शहराध्यक्ष
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आत्मनिर्भरता से परे बजट
इस बजट से किसान, कामगार व सामान्य जनता आत्मनिर्भर नहीं बन सकते. सामान्य जनता की आय कैसे बढेगी और उनके लिए रोजगार के अवसर कैसे बनेंगे, इसे लेकर बजट में कोई ठोस उपाय योजना नहीं की गई है. केवल उद्योगपतियोें को लाभ पहुंचाने हेतु बजट पर ध्यान दिया गया है. साथ ही सरकार ने हवाई अड्डे, सडक, बिजली जैसी सरकारी संपत्तियोें को निलाम करने की तैयारी कर ली है. जिसकी वजह से आनेवाले समय में अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब होगा.
– किरण गुडधे, वंचित बहुजन आघाडी
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राज्य व देश की जनता को किया निराश
पिछले छह वर्षों में मोदी सरकार ने जनता को केवल आश्वासन ही दिये है. जिसमें से एक भी आश्वासन को पूरा नहीं किया गया है. साथ ही अब इस बजट के जरिये देश की आर्थिक स्थिति को और भी अधिक खतरे में डालने की व्यवस्था की गई है. मोदी सरकार का आत्मनिर्भर भारत अभियान पूरी तरह से असफल साबित हुआ है. साथ ही इस बजट में देश के सबसे बडे करदाता राज्य महाराष्ट्र के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है. ऐसे में इस बजट को महाराष्ट्र सहित समूचे देश के लिए निराशाजनक कहा जा सकता है.
– राजेंद्र महल्ले, शहराध्यक्ष, राष्ट्रवादी कांग्रेस
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सर्वसमावेशक व प्रगतिशिल बजट
केंद्र सरकार का बजट सर्वसमावेशक व प्रगतिशिल रहने के साथ ही महत्वाकांक्षी और आश्वासनवादी है. इस बार सरकार ने विविध क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित किया है और मुलभुत सुविधाओं, स्वास्थ्य, किसान, युवा, महिला व कामगार वर्ग का इस बजट में पूरी तरह ध्यान रखा गया है. इस बार का सालाना बजट देश के प्रगति की ओर एक कदम आगे बढाता प्रतित हो रहा है. जिसके सार्थक परिणाम आनेवाले समय में निश्चित तौर पर दिखाई देंगे.
– जयंत डेहनकर, पूर्व शहराध्यक्ष, भाजपा
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शानदार व सर्वसमावेशक बजट
बीता वर्ष कोविड संक्रमण की वजह से काफी मुश्किलोभरा रहा. जिसके पश्चात इकॉनॉमिक सर्वे के बाद यह बजट प्रस्तुत किया गया. यह बजट सर्वसमावेशक होने के साथ ही ग्रोथ की बात करता है. जिसमें व्यापार व उद्योग क्षेत्र को बढावा देने के साथ ही रोजगार के साधन बढाने हेतु अच्छे सुझाव दिये गये है. साथ ही हेल्थ सेक्टर में भी खर्च पर प्रावधान किया गया है. इसके अलावा इन्शुरन्स सेक्टर का विचार करते हुए एफडीआई को 49 प्रतिशत से बढाकर 74 प्रतिशत किया गया है. यह नहीं भूलना चाहिए कि, लॉकडाउन की पहली तिमाही में विकास दर 24 फीसद थी, जो दूसरी तिमाही में 7 प्रतिशत पर आ गयी थी. लेकिन इसके बाद भी भारत ने सभी क्षेत्रों में काफी अच्छी रिकवरी की है. इस बजट में बहुत से ऐसे बदलाव किये गये, जिसके दूरगामी परिणाम दिखाई देंगे.
– सीए ललीत तांबी
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सभी की आशा-आकांक्षाओं को पूर्ण करनेवाला बजट
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण ने अपने ऐतिहासिक बजट को बेहद अलग पध्दति से प्रस्तुत किया और इस बजट में समाज के हर घटक का ध्यान रखा गया है. शेयर बाजार ने भी इस बजट को शानदार सलामी दी है. यह बजट समाज के सभी वर्गों की आशाओं व अपेक्षाओं को पूर्ण करनेवाला बजट है. साथ ही इसे निवेश को भी शानदार गति मिलेगी.
– संतोष बेहरे, म्युच्युअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर
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महंगाई बढानेवाला बजट
बजट में एक्साईज बढने की वजह से पेट्रोल व डीजल की दरे बढेंगी. जिसका सीधा असर महंगाई के रूप में सामने आयेगा और इससे समाज के सभी वर्गों पर प्रभाव पडेगा. वहीं इस बजट में आम करदाताओें को किसी तरह से कर में कोई छूट नहीं दी गई है. जिसकी वजह से इस बजट को बेहद निराशाजनक बजट कहा जा सकता है. इस बजट में नये स्टार्टअप् के लिए तो कई तरह की घोषणाएं की गई है, लेकिन कौशल्य विकास के लिए कोई प्रावधान नहीं है. वहीं दूसरी ओर उद्योजकोें व पूंजिपतियोें का इस बजट में खास तौर पर ध्यान रखा गया है, तथा किसानोें व मजदूरोें की अनदेखी की गई है.
– इंजी. अविनाश कोठाले, अध्यक्ष, जीजाउ बैंक
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राहत देनेवाला शानदार बजट
यह अपने आप में एक अच्छा बजट है. जिसमें अफोर्डेबल हाउसिंग स्किम्स् को आगे बढाया गया है. यद्यपि इसमें उद्योग क्षेत्र को लेकर कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है. लेकिन स्टार्टअप् को आगे बढाया गया है.
जिससे इस क्षेत्र में नये उद्यमि आयेेंगे. हालांकि कोरोना व लॉकडाउन के कारण बुरी तरह चरमराई अर्थ व्यवस्था को देखते हुए इस बजट से काफी बडी उम्मीदे थी, जो पूर्ण रूप से पूरी नहीं हुई है. लेकिन फिर भी इस बजट में आम नागरिकोें को काफी राहत दी गई है.
– नरेंद्र भाराणी, उद्योजक
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बेहद संतुलित व शानदार बजट
कोविड संक्रमण व लॉकडाउन काल के बाद पेश किये गये बजट मेें विभिन्न क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है. ऐसे में इसे बेहद संतुलित बजट कहा जा सकता है. विभिन्न क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर का प्रावधान किये जाने के चलते यह बजट दूरदर्शी दिखाई दे रहा है और भविष्य में लाभदायक भी साबित होगा. इस बजट की वजह से कई महत्वपूर्ण सेक्टरोें को अच्छीखासी रफ्तार मिलेगी. साथ ही जीएसटी को लेकर कई प्रावधान किये जाने से यह बजट व्यापार को आकर्षित कर रहा है. ऐसे में इस बजट को संतुलित व शानदार बजट कहा जा सकता है.
– जयराज भागचंद बजाज, उद्योजक
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खेती किसानी व रोजगार के लिए शानदार बजट
इस बजट में स्वास्थ्य, रेल्वे व सडक के साथ ही कृषि क्षेत्र को लेकर विशेष प्रावधान किये गये है.ि इससे जहां एक ओर बडे पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, वहीं किसानोें को भी जबर्दस्त लाभ होगा. बीते वर्ष लॉकडाउन की वजह से समाज का हर वर्ग प्रभावित हुआ है. शायद इसी वजह से इस बार टैक्स को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया है. साथ ही लोहा व स्टील उद्योग के लिए बजट में राहत प्रदान की गई है. जो भवन निर्माण क्षेत्र के लिए लाभदायक साबित होगी. कुल मिलाकर इस बजट को समाज के सभी वर्गों हेतु शानदार कहा जा सकता है.
– नविन चोरडिया, एस. नविन बिल्डस
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बजट में महाराष्ट्र के लिए कुछ नहीं
केंद्र सरकार ने आज तक किसानोें व आम नागरिकों को कुछ भी नहीं दिया है. इस समय कई तरह के संकटों से जूझ रहे किसानोें को बजट से कई तरह की आशाएं थी. किंतु इस बजट ने किसानोें को काफी निराश किया है. महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी की सत्ता रहने के चलते जानबूझकर महाराष्ट्र के लिए कोई प्रावधान व घोषणा नहीं किये गये. इससे स्पष्ट होता है कि, केंद्र सरकार द्वारा सामान्य नागरिकोें, किसानों व मजदूरों के हितोें की अनदेखी की जा रही है और महाराष्ट्र के लिए सौतेला रवैय्या अपनाया जा रहा है.
– बबलू देशमुख, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस व जिप अध्यक्ष
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घोर निराशाजनक बजट
वित्त मंत्री द्वारा पेश किये गये बजट से घोर निराशा हुई है. इस बजट में किसानों के लिए कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही कोरोना काल के दौरान बेरोजगार हुए युवाओें के लिए भी इस बजट में कुछ नहीं है. ऐसे में इस बजट को किसानोें, उद्योजकोें व आम नागरिकों के लिहाज से निराशाजनक कहा जा सकता है.
– राजेश वानखडे, जिला प्रमुख, शिवसेना
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सर्वसमावेशक बजट
यह पूरी तरह से सर्वसमावेशक बजट है. जिसमें सभी क्षेत्रों के लिए कुछ न कुछ प्रावधान किये गये है. साथ ही किसानों, विद्यार्थियों व महिलाओं सहित सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछडे वर्ग के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार निर्मिती हेतु बेहतरीन कदम उठाये गये है.
– प्रताप अडसड, विधायक, चांदूर रेल्व
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देश को बेचने निकाला सरकार ने
केंद्र सरकार के इस बजट से महाराष्ट्र पर अन्याय हुआ है. साथ ही बजट को देखकर लग रहा है, मानो सरकार ने देश को बेचने निकाल दिया है. यदि ऐसे ही चलता रहा, तो एक दिन यह पूरा देश बिक जायेगा. इस बजट की वजह से किसानों व बेरोजगारों में निराशा देखी जा सकती है.
– राजकुमार पटेल
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किसानों के साथ हुआ अन्याय
केंद्र द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट किसानों, बेरोजगारोें व मजदूरोें पर अन्याय करनेवाला बजट है. क्योेंकि उनके लिए इस बजट में किसी तरह का कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही शिक्षा के लिए भी इस बजट में कोई निधी नहीं दी गई है, और विशेष तौर पर महाराष्ट्र की जानबुझकर अनदेखी की गई है. ऐसे में इसे निराशाजनक व अन्यायकारी बजट कहा जा सकता है.
बलवंत वानखडे, विधायक, दर्यापुर विधानसभा क्षेत्र
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बलवंत वानखडे, विधायक, दर्यापुर विधानसभा क्षेत्र
आर्थिक स्थिरता पर ध्यान नहीं
इस बजट में देश की आर्थिक स्थिरता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. साथ ही देश को सबसे अधिक राजस्व देनेवाले महाराष्ट्र राज्य के लिए भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किये गये है. उम्मीद की जा रही थी कि, कोविड संक्रमण व लॉकडाउन से जूझनेवाले देशवासियोें के लिए इस बजट में कई प्रावधान किये जायेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं अब तक पिछले बजट में किये गये प्रावधान भी पूर्ण नहीं हो पाये है. साथ ही इस बजट में वर्ष 2016 के दिव्यांग कानून में अपेक्षित प्रावधानों को लेकर भी कोई घोषणा नहीं की गई है. ऐसे में इस बजट को पूरी तरह से निराशाजनक कहा जा सकता है.
– किशोर बोरकर, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस दिव्यांग विकास विभाग
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किसान हितों का पूरा ख्याल रखा
इस समय यह बेहद जरूरी है कि, देश की अर्थव्यवस्था सहायता आधारित नहीं, बल्कि निवेश आधारित हो, और यह बात मोदी सरकार ने वर्ष 2014 के बजट में ही स्पष्ट कर दी थी. साथ ही उसी संकल्पना व परंपरा पर चलते हुए मोदी सरकार ने एक और बजट पेश किया है. जिसमें कृषि उपज के साथ ही कृषि आय को बढाने पर विशेष ध्यान दिया गया है. इस बजट में खेती-किसानी के सर्वांगीण विकास का पूरी तरह से ख्याल रखा गया है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि, किसानोें के आर्थिक हित मोदी सरकार में पूरी तरह से सुरक्षित है.
-अरविंद नलकांडे,अध्यक्ष, श्रम राज्य परिषद
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किसानों की झोली रही खाली
इस बजट में लघु व मध्यम उद्योगोें को मजबुती देने की कोई संकल्पना दिखाई नहीं दी. साथ ही किसानोें की झोली भी खाली ही रही. ऐसे में इस बजट ने कुल मिलाकर सभी को निराश किया है. उम्मीद की जा रही थी कि, कोरोना काल के बाद सरकार द्वारा रोजगार व विकास को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जायेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
– हर्षवर्धन देशमुख,अध्यक्ष,श्री शिवाजी शिक्षण संस्था
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आम करदाताओं को कोई राहत नहीं
इन्कम टैक्स रिटर्न की सीमा मेें इस बजट के तहत कोई राहत नहीं दी गई है. केवल 75 वर्ष से अधिक आयुवाले लोगों को ही कोई कैपिटल इन्कम नहीं होने पर रिटर्न में छूट मिली है. पेट्रोल व डीजल पर सेस से आमजनों पर कोई असर नहीं पडेगा.
हालांकि अब विदेशों में निर्मित मोबाईल महंगे होंगे, साथ ही एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी बढाये जाने से लोकल टू व्होकल को बढावा मिलेगा. इसी तरह सोने व चांदी पर ड्यूटी घटाने से अब इन्हें बाहरी देशों से लाना सस्ता हो जायेगा.
– एड. जगदीश शर्मा, कर विशेषज्ञ
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छोटे उद्यमियोें की अनदेखी
यह बजट काफी समाधानकारक है और इसमें कई अपेक्षाएं भी पूर्ण की गई है. लेकिन केंद्र सरकार ने जिस तरह से बडे उद्योजकों पर विशेष तौर पर ध्यान दिया है, उसी तरह छोटे उद्यमियों व व्यवसायियों के लिए भी बजट में कुछ अधिक प्रावधान होने जरूरी थे. हालांकि एमएसएमई द्वारा छोटे उद्यमियों की प्रगति के लिए बजट में कुछ प्रावधान किये गये है. लेकिन वे पर्याप्त नहीं है. यदि सरकार अधिक से अधिक छोटे उद्योगों को बढावा देगी, तो ही बडे-बडे उद्योगोें का निर्माण होगा, लेकिन इस बजट को फिर भी हर लिहाज से सभी के लिए समाधानकारक कहा जा सकता है.
– आत्माराम पुरसवानी, अध्यक्ष, रिटेल किराणा एसो.
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यादगार व ऐतिहासिक बजट
वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण द्वारा पेश किये गये बजट में समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. साथ ही बजट में कई ऐसे कदम भी उठाये गये है, जिनका हम आनेवाले कई वर्षों तक फायदा लेते रहेंगे. इस बजट में एफडीआई का शेयर 49 फीसदी से बढाकर 74 फीसदी किया गया है. जिससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अवसर बढेंगे और इसका सीधा असर देश की अर्थ व्यवस्था पर पडेगा. इस वर्ष होम लोन के ब्याज हेतु अतिरिक्त डेढ लाख रूपये की छूट सराहनीय है. इससे रियल ईस्टेट सेक्टर को बूस्टर मिलेगा और रोजगार के अवसर बढेंगे. ध्यान रखा जाना चाहिए कि, संतुलित बजट को शेयर मार्केट तुरंत भांप लेता है. कल भी ऐसा ही हुआ, और बजट पेश होते ही शेयर मार्केट ने जबर्दस्त छलांग लगायी. जिसका सीधा मतलब है कि, यह बजट बेहद दूरदृष्टि रखकर बनाया गया है और इसका असर आगामी कुछ दिनोें में हमें मिलना शुरू हो जायेगा. इस बजट में देश की अर्थव्यवस्था को गतिमान करने के लिए सरकार ने कई शानदार कदम उठाये है, जो आगे चलकर काफी महत्वपूर्ण साबीत होंगे.
– सुशीलकुमार बोकाडिया (जैन), वित्तीय परामर्शदाता
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व्यापार व उद्योग को मिलेगी गति
इस बजट से खेती-किसानी के साथ-साथ उद्योग व व्यापार जगत को अच्छीखासी रफ्तार मिलेगी. इस बजट में कृषि उपज, विशेषकर कपास पर आयात शुल्क बढाने से इसका फायदा किसानों को मिलेगा. साथ ही देश में सात नये मेगा टेक्सटाईल पार्क बनाने की घोषणा भी कपास उत्पादक किसानों के ही हित में रहेगी. वहीं इन टेक्सटाईल पार्क से रोजगार के अवसर भी बढेंगे. सरकार ने इस बजट में रियल ईस्टेट सेक्टर का भी विशेष तौर पर ध्यान रखा है और कोविड संक्रमण काल के दौरान दी गई राहत को आगामी 31 मार्च तक जारी रखने की घोषणा की है. जिसे रियल ईस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी. वहीं जीएसटी ऑडिट के प्रमाणीकरण के लिए अलग से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं होगी. जिससे व्यापारियों के काम का बोझ कुछ हद तक कम होगा और कार्पोरेट टैक्स में की गई कटौती से रोजगार बढेगा. बैंकिंग सेक्टर के लिए किये गये विशेष प्रावधान से राष्ट्रीयकृत बैंकिंग क्षेत्र को निजी बैेंकोें के मुकाबले अधिक मजबूती मिलेगी. इसके अलावा संवेदनशिल कहे जाते शेयर मार्केट ने जिस तरह उछाल भरकर वित्तीय बजट को सराहा है, उससे साफ है कि, व्यापार व उद्योग जगत को शानदार अवसर मिलेंगे.
– विनोद कलंत्री, अध्यक्ष,अमरावती चेंबर
ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज