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विधायक भुयार बरी, 6 कार्यकर्ताओें को सजा

आष्टगांव के विद्युत उपकेंद्र में तोडफोड व मारपीट का मामला

अमरावती/प्रतिनिधि दि.30 – मोर्शी तहसील अंतर्गत आष्टगांव स्थित महावितरण के 33 केवी विद्युत उपकेंद्र में तोडफोड करने के साथ ही वहां तैनात महावितरण कर्मियों के साथ मारपीट करने और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के मामले की सुनवाई करने के बाद स्थानीय अदालत द्वारा मोर्शी-वरूड निर्वाचन क्षेत्र के विधायक देवेंद्र भूयार को बरी कर दिया गया है. वहीं मारपीट व तोडफोड करने के मामले में नामजद किये गये अन्य 6 लोगों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक 12 अक्तूबर 2015 की सुबह 11.30 बजे आष्टगांव स्थित विद्युत उपकेंद्र में प्रभारी सहायक अभियंता सुनील तायडे उपस्थित थे. इस समय अंबाडा गांव निवासी दीपक रामराव खोडस्कर (54), गजानन नामदेवराव दहेकर (43), शरद मनोहर खोडस्कर (45), वैभव सुधीरपंत खोडस्कर (36), सारंग विजयराव खोडस्कर (34) व शैलेश सुरेशराव झाडे (36) तथा उत्कर्ष धोटे सहित अन्य 15 लोग विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचे. इन सभी लोगों ने महावितरण द्वारा जानबूझकर कम दाबवाली विद्युत आपूर्ति किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि, इसकी वजह से उनके खेतों में विद्युत मोटर पंप नहीं चल रहे और उनका नुकसान हो रहा है. इस समय सहायक अभियंता तायडे ने इन सभी लोगोें को समझाने-बुझाने का प्रयास किया. किंतु इन सभी लोगों ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया और वरिष्ठाधिकारियों को मौके पर बुलाये जाने की मांग करते हुए कार्यालय में रखे कुर्सी, टेबल, कूलर व कांच के सामान सहित मोबाईल की तोडफोड करनी शुरू की. साथ ही कार्यालय में रखी कई महत्वपूर्ण फाईलों को भी उठाकर इधर-उधर फेंकते हुए यहां से होनेवाली विद्युत आपूर्ति को बंद कर दिया. इसके बाद तत्कालीन जिप सदस्य व मौजूदा विधायक देवेेंद्र भुयार भी अपने एक समर्थक के साथ विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचे. जिन्होंने तोडफोड करनेवाले लोगों का साथ देते हुए उनकी मांगों को पूर्ण करने की बात कही. इस समय तक महावितरण के वरिष्ठ अधिकारी चौधरी, जयस्वाल तथा बमई भी यहां पर पहुुंच चुके थे. जिन्हें संतप्त भीड ने चारों ओर से घेर लिया और उनके साथ भी धक्कामुक्की करने का प्रयास किया गया. किंतु वरिष्ठाधिकारियों द्वारा उपस्थितों को लिखीत आश्वासन देते हुए समझाने का प्रयास किया गया और जैसे-तैसे सहायक अभियंता तायडे को बंद कमरे से बाहर निकाला गया. जिन्होंने तुरंत मोर्शी पुलिस थाने पहुंचकर इस मामले की शिकायत दर्ज करायी और पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ धारा 353, 143, 147, 149, 341, 427, 504, 506 व 34 सहित सरकारी संपत्ति विद्रुपीकरण अधिनियम की धारा 3 के तहत अपराध दर्ज किया था और 19 अगस्त 2016 को जांच पूरी करते हुए मामले की चार्जशीट स्थानीय अदालत में प्रस्तुत की थी. जहां पर हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद अदालत ने देवेेंद्र भूयार को तो दोषमुक्त करार करते हुए बरी कर दिया. वहीं 6 लोगों को दोषी पाते हुए अलग-अलग धाराओं के तहत अलग-अलग कारावास व जुर्माने की सजा सुनायी. इसके तहत सभी आरोपियों को अधिकतम छह माह तक कारावास में रहना होगा और सभी सजाए एकसाथ चलेगी. वहीं प्रत्येक आरोपी पर 28 हजार 500 रूपये का जुर्माना लगाया गया है. जिला व सत्र न्यायाधीश क्रमांक 1 की अदालत के समक्ष इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता प्रफुल प्रकाश तापडीया तथा देवेंद्र भूयार की ओर से एड. परवेज खान ने पैरवी की.

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