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विधायक रवि राणा की मुश्किलें बढी

जल्द साबित हो सकते है विधायक पद से अपात्र

  • हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दिये कार्रवाई करने के निर्देश

  • तय सीमा से अधिक चुनाव में खर्च करने का मामला

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१२ – विगत विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग द्बारा तय की गई सीमा से अधिक खर्च करने के चलते बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 10-ए अंतर्गत अपात्र साबित करने हेतु शुरु की गई कार्रवाई को जल्द से जल्द पूरा करने का आदेश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्बारा गत रोज भारतीय निर्वाचन आयोग को दिया गया है. इस आदेश के चलते विधायक रवि राणा की दिक्कतें बढती दिखाई दे रही है और उन पर अपात्रता की तलवार भी लटक रही है.
बता दें कि, विधानसभा चुनाव में विधायक रवि राणा ने निर्वाचन आयोग द्बारा तय की गई सीमा से अधिक किया है. अत: उन्हें उनके निर्वाचन को अपात्र घोषित किया जाए. इस आशय की याचिका शिवसेना के जिला प्रमुख सुनिल खराटे व सुनिल भालेराव द्बारा उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दाखिल की गई थी. जिस पर गत रोज न्यायमूर्ति द्बय सुनिल शुक्रे व अनिल किल्लोर के समक्ष सुनवाई हुई. इस समय निर्वाचन आयोग द्बारा अदालत को बताया गया कि, विधायक रवि राणा को 8 अक्तुबर 2021 को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 10-ए अंतर्गत कार्रवाई शुुरु करने की नोटीस जारी की गई है. साथ ही यह कार्रवाई आगामी 6 माह में पूर्ण की जाएगी. जिसके पश्चात अदालत ने विधायक रवि राणा को अपात्र घोषित करने की कार्रवाई जल्द से जल्द पूर्ण करने का निर्देश देते हुए इस याचिका पर अपनी सुनवाई पूर्ण की.
ज्ञात रहे कि, विगत विधानसभा चुनाव में अधिकतम खर्च की सीमा 28 लाख रुपए तय की गई थी. इसके बावजूद विधायक राणा द्बारा 41 लाख 88 हजार 402 रुपए खर्च किये जाने की बात सामने आयी थी. जिसे लेकर 25 नवंबर 2019 को जिलाधीश द्बारा भारतीय निर्वाचन आयोग को अपनी रिपोर्ट पेश की गई थी. किंतु इसमें लंबे समय तक कोई प्रगति ही नहीं हुई. जिसके चलते यह याचिका दाखिल की गई. इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. ओमकार भाले तथा निर्वाचन आयोग की ओर से एड. आनंद जयस्वाल व एड. निरजा चौबे ने पैरवी की. हाईकोर्ट द्बारा सुनाये गये इस फैसले के चलते विधायक राणा की दिक्कतें बढ गई है. साथ ही उन पर अब अपात्रता की तलवार भी लटक रही है.

  • न्यायालय ने यह पूछा था

विगत विधानसभा चुनाव में तय सीमा से अधिक खर्च करने को लेकर विधायक रवि राणा के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 10-ए के अंतर्गत शुरु की गई कार्रवाई का क्या हुआ. इस आशय का सवाल मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्बारा भारतीय निर्वाचन आयोग से पूछा गया था और इस पर जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का अतिरिक्त समय भी मांगा गया था. न्यायालय द्बारा पूछे गये इस सवाल के चलते निर्वाचन आयोग ने तत्काल ही विधायक रवि राणा को नोटीस जारी करते हुए अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा था.

  • विधायक राणा का ‘नो रिस्पॉन्स’

इस संदर्भ में जानकारिया व प्रतिक्रिया हेतु विधायक रवि राणा से अनेकों बार प्रयास करने के बावजूद संपर्क नहीं हो पाया. विधायक राणा के मोबाइल क्रमांक पर अनेकों बार कॉल लगाने पर भी उनकी ओर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला.

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