विधायक साहब आज आप यह पानी पीकर देखिए…
कहा- हम तो रोज यह पानी पीते है
* लगातार दुषित पानी मिलने से संतप्त नागरिकों ने विधायक से कहा
यवतमाल/दि.25- दूषित पानी के कारण स्वास्थ को खतरा आने के कारण कोई भी इस पर ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है. विधायक अशोक उईके की जनता दरबार में न्याय मिले, इसके लिए गांववासियों आ पहुंचे. विधायक साहब हम तो रोज यही पानी पीते हैं. तुम भी आज यह पानी पीकर देखीए. ऐसा आग्रह नागरिकों ने विधायक से किया. विधायक ने इस गंदे पानी को देखकर ही नकार दिया. वही गंदा पानी गांववासियों ने पीकर अपना संताप व्यक्त किया. रालेगांव की इस घटना निमित्त यवतमाल जिले में दूषित पानी का मुद्दा चर्चा में आया है. यवतमाल जिले के 12 गांवों में पानी के नमुने दूषित पाए गए है.
दूषित पानी पीने से हुई दो कि मौत
पिछले कुछ दिनों से यवतमाल जिले में बारिश जोरों पर है. अनेक गांव में नागरिकों को दूषित पानी पीने पर मजबुर होना पड रहा है. जिसके कारण बीमारी का प्रमाण क्षेत्र में बढा है. झरी- जामनी तहसील के शुद्रापुर में आकांशा उईके (6) व गंगना अन्यालवार (55) का दूषित पानी पीने से मौत हो गई. गांव के अनेकों को गैस्ट्रो की बीमारी ने घेर लिया. परिस्थिती बहुत ही खराब होने के चलते पास के ही तहसील के स्वास्थ अधिकारी ने गांव में भेंट दी. मरीजों को उपचार कर पानी के नमुने प्रयोगशाला में जांच हेतु भेंजे गए है.
रालेगांव तहसील के कोच्ची में ग्रामीण पिछले डेढ वर्षो से दूषित पानी पी रहे है. इस बाबत गांववासियों ने अनेक बार पानी के नमुने लेकर संबंधित अधिकारियों को दिए. प्रशासकीय व्यवस्था फिर भी नहीं हिली. जिस पर नागरिकों को गुस्सा और बढ गया. वही ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए रालेगांव के भाजपा विधायक उईके ने जनता दरबार आयोजित कर जनता की परेशानियों को जाना.
टेबल पर रखा दूषित पानी, विधायक ने पीने से किया इंकार
जनता दरबार में धमके कोच्ची के गांववासियों ने दूषित पानी भरकर लाई हुई बोतल विधायक उईके के सामने टेबल पर रख दी और उन्हें लाया हुआ यह दूषित पानी पीने के लिए कहा गया. विधायक उईके ने जिससे इंकार कर दिया. जिस पर हम रोज यह पानी पीते है कहते हुए वही पानी पी लिया. इस पर विधायक उइके ने इस समस्या पर ध्यान देने का आश्वासन दिया.
पीने की पाईप लाईन हुई खराब
कोच्ची गांव में पीने के पानी की पाइप लाइन डालने वाले ठेकेदार को बिल दे दिया गया है. मगर यह पाइपलाइन अनेक जगह पर खराब हो चुकी है. ठेकेदार व अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं है. ऐसी गांववासियों ने शिकायत की है.