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विधायक सुलभा खोडके की मांग हुई पूर्ण

विधानसभा व लोकसभा में महिलाओं हेतु मांगा था 33 फीसद आरक्षण

अमरावती /दि.19- कल केंद्रीय कैबिनेट ने जैसे ही सभी राज्य के विधानसभाओं तथा लोकसभा में 33 फीसद सीटें महिलाओं हेतु आरक्षित रखने से संबंधित बिल को मंजूरी दी और इस बिल को नारी शक्ति विधेयक का नाम दिया, वैसे ही विगत कई वर्षों से लोकसभा व विधानसभा में महिलाओं हेतु 33 फीसद आरक्षण लागू करने की मांग उठा रही विधायक सुलभा खोडके के प्रयास सफल हो गए. उल्लेखनीय है कि, नये संसद भवन में होने जा रहे संसद के विशेष सत्र को ध्यान में रखते हुए विधायक सुलभा खोडके ने हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखते हुए विशेष अधिवेशन के दौरान महिला आरक्षण संबंधी विधेयक को मंजूर करने की मांग की थी. एक महिला विधायक द्बारा उठाई गई इस मांग को संभवत: लोकसभा अध्यक्ष सहित केंद्र सरकार द्बारा सकारात्मकता व गंभीरता से लिया गया और इस मांग को मंजूरी भी प्रदान की गई.
बता दें कि, विगत करीब 27 वर्षों से महिला आरक्षण विधेयक अनियमित पडा था. जबकि समय-समय पर इसे लेकर काफी बातें की जाती थी और इसे अमली जामा पहनाने के दावे भी किए जाते थे. ऐसे में समूचे देशभर की महिलाओं द्बारा विधानसभा व लोकसभा में 33 ुफीसद महिला आरक्षण लागू करने की मांग की जा रही थी. इसी के तहत कल से शुरु हुए संसद के विशेष सत्र को ध्यान में रखते हुए विधायक सुलभा खोडके ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला को पत्र भेजकर निवेदन किया था कि, संसद के इसी विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण संबंधी विधेयक को लाया जाए और खुशी की बात यह है कि, केंद्रीय कैबिनेट ने विशेष सत्र के पहले ही दिन महिला आरक्षण विधेयक को नारी शक्ति वंदन विधेयक का नाम देते हुए मंजूरी प्रदान की. साथ ही अब इसे मंजूरी हेतु लोकसभा में भेजा जाएगा.
केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले पर हर्ष जताते हुए विधायक सुलभा खोडके ने इस हेतु लोकसभा अध्यक्ष के प्रति आभार ज्ञापित किया है.

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