उपयोगी होने के साथ ही खतरनाक भी हो सकता है आधुनिक सूचना तंत्रज्ञान
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पुलिस आयुक्तालय व साईबर सेल पुलिस ने नागरिकों से किया सतर्क रहने का आवाहन
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सोशल मीडिया व ऑनलाईन व्यवहार में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की अपील
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२६ – मौजूदा दौर में हर कोई अपने-अपने तरीके से इंटरनेट का प्रयोग करता है तथा अब इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. क्योंकि सूचना तकनीक के किस साधन की वजह से जीवन के कई क्षेत्रों में कामकाज काफी आसान हो गया है. ऐसे में इंटरनेट के बेहद प्रभावी व उपयोगी माना जाता है, लेकिन ठीक उसी समय इंटरनेट के कई दुष्परिणाम व नुकसान भी सामने आ रहे है, क्योंकि कई शातीर अपराधियों व असामाजिक तत्वों द्वारा इंटरनेट का बडे पैमाने पर दुरूपयोग किया जा रहा है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, इंटरनेट के जरिये सोशल मीडिया का उपयोग तथा ऑनलाईन व्यवहार करते समय कुछ सावधानियां बरती जाये, ताकि ऑनलाईन जालसाजी व ठगी की वारदातों से बचा जा सके. इस आशय का आवाहन शहर पुलिस आयुक्तालय एवं साईबर पुलिस सेल द्वारा किया गया है.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों ऑनलाईन ठगबाजी के साथ ही सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक व अश्लील पोस्ट शेयर करने तथा सोशल मीडिया पर शेयर की गई फोटोज व वीडियोज के जरिये ब्लैकमेलिंग किये जाने के मामले काफी अधिक बढ गये है. ऐसे में शहर पुलिस आयुक्तालय की साईबर सेल शाखा द्वारा नागरिकोें से इंटरनेट व सोशल मीडिया का प्रयोग करते समय कुछ छोटी-छोटी सावधानियां बरतने का आवाहन किया गया है, ताकि वे साईबर अपराधी से बचे रह सके.
सोशल मीडिया पर प्रायवेसी सेटिंग करना जरूरी
इन दिनों फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम व वॉटसऍप जैसे सोशल मीडिया साईटस् का प्रयोग अधिकांश लोगों द्वारा किया जाता है. लेकिन करीब 90 प्रतिशत लोग अपने अकाउंट की प्रायवेसी सेटिंग को कभी चेक नहीं करते. ऐसे में सोशल मीडिया पर रहनेवाले उनके फोटो व पर्सनल जानकारी को दुनिया में कोई भी देख सकता है, और उसका बडी आसानी से दुरूपयोग भी कर सकता है. ऐसे में सोशल मीडिया साईटस् का उपयोग करनेवालों ने अपने अकाउंट का टू-स्टेप वेरिफिकेशन तुरंत करना चाहिए, ताकि उन्हेें भविष्य में पश्चाताप का सामना न करना पडे. साईबर सेल के मुताबिक इन दिनों साईबर अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाईल में लगा फोटो चुराकर उसी नाम से दूसरा अकाउंट तैयार किया जाता है और संबंधित व्यक्ति के नजदिकी लोगों को खुद के मुसिबत में फंसे होने का संदेश भेजते हुए पैसों की मांग की जाती है. कई लोग उसे अपना परिचित मानकर पैसों की सहायता भेज भी दी जाती है, जबकि बाद में पता चलता है कि, जिस व्यक्ति के नाम पर पैसे मांगे गये, उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है.
ऑनलाईन बैंकिंग में जरासी चूक पड सकती है भारी
मौजूदा दौर में ऑनलाईन बैंकिंग बेहद जरूरी हो गयी है, तथा करोडो लोग ऑनलाईन बैंकिंग, फोन पे, पेटीएम व गूगल पे आदि का आर्थिक लेन-देन के लिए प्रयोग करते है. ऐसे देखा जाये तो ऑनलाईन बैंकींग व वॉलेटस् पूरी तरह से सुरक्षित है, और किसी भी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसके बैंक में रखे पैसों को अन्य कोई व्यक्ति हाथ भी नहीं लगा सकता. लेकिन यदि इसमें थोडी सी भी चूक होती है, तो किसी भी व्यक्ति का बैंक अकाउंट पूरी तरह से खाली भी किया जा सकता है. जिसके संदर्भ में लोग जागरूक व सतर्क नहीं है. ऐसे में ऑनलाईन बैंकींग व ईवालेटस् का प्रयोग करते समय कई छोटी-छोटी सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है.
इस संदर्भ में साईबर सेल द्वारा बताया गया कि, किसी भी अंजान व्यक्ति के कहने पर उसे ऑनलाईन पैसे न भेजे. साथ ही किसी से भी पैसे प्राप्त करने हेतु किसी भी तरह के क्यूआर कोड को स्कैन न करे तथा पैसे प्राप्त करने हेतु ओटीपी या अपना पिन नंबर किसी को न बताये. याद रखें कि, क्यूआरकोड स्कैनिंग ओटीपी या पिन नंबर की जरूरत पैसे प्राप्त करने के लिए कभी नहीं पडती, बल्कि इनका उपयोग अपने खाते से किसी को पैसे देने यानी भुगतान करने के लिए किया जाता है. इसी तरह यदि किसी अंजान व्यक्ति द्वारा आपके मोबाईल पर किसी भी तरह की कोई लिंक भेजी जाती है, तो उसे बिल्कूल भी ओपन नहीं करे. साथ ही अंजान नंबर द्वारा भेजे गये किसी भी तरह के कोड नंबरवाले मैसेज को किसी अन्य नंबर पर फॉरवर्ड भी न करे. अन्यथा ऐसे लिंक या कोड नंबर का सहारा लेकर साईबर अपराधियों द्वारा एक मिनट के भीतर आपके बैंंक खाते को खाली किया जा सकता है.
ऑनलाईन शॉपिंग में भी सावधान रहें
इन दिनों कई लोग विभिन्न तरह के ऑनलाईन प्लेटफॉर्म से ऑनलाईन शॉपिंग करते है. साथ ही आजकल ऑनलाईन प्लेटफॉर्म के जरिये अपनी वस्तुओं को बेचा भी जा सकता है. इस बात के मद्देनजर साईबर अपराधियों द्वारा कई फर्जी ऑनलाईन ट्रेडिंग वेबसाईट बनायी गयी है. साथ ही ओएलएक्स जैसी नामांकित वेबसाईट के जरिये भी कई लोग फर्जीवाडा कर रहे है. जिसके तहत फर्जी प्रोफाईल बनाते हुए कोई वाहन बेचने का विज्ञापन डाला जाता है, और किसी ग्राहक के जाल में फंसने के बाद उससे कुरियर चार्जेस, जीएसटी व पेनॉल्टी ऐसे अलग-अलग कारण बताते हुए रकम ऐठी जाती है. अत: बेहद जरूरी है कि, किसी भी अंजान व्यक्ति के झांसे में आकर उसे कोई रकम न भेजी जाये. इसी तरह इन दिनों कई कंपनियों के नाम पर कैश बैक ऑफर के मैसेज मोबाईल पर भेजे जाते है, और उस मैसेज में दी गई लिंक पर क्लिक करने के बाद पिन नंबर पूछा जाता है. यदि वहां पर अपने बैंक अकाउंट का पिन नंबर डाला जाये तो साईबर अपराधी उसका आधार लेकर संबंधित व्यक्ति का पूरा अकाउंट खाली कर सकते है. अत: ऐसे किसी कैश बैक वाले झांसे में भी नहीं आना चाहिए.
गुगल सर्च पर भी साईबर अपराधियों ने बिछा रखा है जाल
इन दिनों कई लोग उन्हें आवश्यक जानकारी प्राप्त करने हेतु गुगल सर्च का सहारा लेते है. यहां पर भी साईबर अपराधियों द्वारा अपना जाल बिछाकर रखा गया है. यदि उदाहरण के तौर पर गुगल सर्च पर किसी बैंक या कस्टमर केयर का नंबर खोजना है, तो वहां एक जैसी दिखाई देनेवाली कई वेबसाईट दिखाई देती है. जिसमें से कुछ ही वेबसाईट असली होती है और बाकी सब फर्जी वेबसाईट होती है, जो साईबर अपराधियों द्वारा बनायी जाती है. ऐसी वेबसाईट पर उपलब्ध नंबरों पर कॉल करने पर संबंधित व्यक्ति से उसक बैंकींग से संबंधित जानकारी सहित ओटीपी, क्यूआरकोड व पिन नंबर के बारे में पूछा जाता है. जबकि असली कस्टमर केयर द्वारा ये तमाम जानकारियां कभी नहीं पूछी जाती. इस बात का सभी लोगों ने ध्यान रखना चाहिए.
जारी वर्ष में हुई 74 लाख रूपयों की जालसाजी, 20 लाख रूपयों की हुई रिकवरी
साईबर पुलिस द्वारा सभी नागरिकों से जागरूक व सतर्क रहने का आवाहन करते हुए बताया गया कि, जारी आर्थिक वर्ष में साईबर क्राईम से संबंधित 65 मामले दर्ज किये गये है. साथ ही जारी वर्ष के दौरान सर्वसामान्य लोगोें से 74 लाख रूपयों की ऑनलाईन ठगी हुई है. जिसकी तुरंत ही शिकायत मिलने के बाद साईबर सेल पुलिस ने महत प्रयास करते हुए करीब 20 लाख रूपये शिकायतकर्ताओं को वापिस दिलाने में सफलता हासिल की गई. वहीं अन्य मामलोें की अब भी जांच जारी है. इस जानकारी के साथ ही साईबर क्राईम ब्रांच ने सभी नागरिकोें, विशेषकर महिलाओं से आवाहन किया है कि, वे इंटरनेट तथा सोशल मीडिया साईटस का प्रयोग करते समय बेहद सावधानी बरते तथा किसी भी अनजान शख्स की बातोें पर एकदम भरोसा न करे.