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ओबीसी आरक्षण पर दिशाभूल कर रही मोदी सरकार

समता परिषद के प्रदेशाध्यक्ष भुजबल का कथन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.27 – ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण खत्म होने के लिए पूरी तरह से केंद्र की मोदी सरकार जिम्मेदार है. साथ ही मोदी सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी द्वारा लगातार झूठ बोलते हुए ओबीसी समाज की दिशाभूल करने का प्रयास किया जा रहा है और इसे लेकर राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को झूठे आरोपों के कठघरे में खडा करने का काम किया जा रहा है. इस आशय का प्रतिपादन अखिल भारतीय महात्मा फुले परिषद के प्रदेश अध्यक्ष बापूसाहब भुजबल द्वारा किया गया.
अ. भा. महात्मा फुले समता परिषद की जिला शाखा द्वारा अमरावती में आयोजीत कार्यकर्ता प्रबोधन शिबिर में हिस्सा लेने हेतु पहुंचे परिषद के प्रदेशाध्यक्ष बापूसाहब भुजबल ने यहां पर एक पत्रकार परिषद को भी संबोधित किया. जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलायी गयी इस पत्रकार परिषद में उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही बापूसाहब भुजबल ने कहा कि, जिस समय महाराष्ट्र में भाजपा की फडणवीस सरकार थी. उसी समय 21 जून 2018 को मोदी सरकार ने ओबीसी समाज की जातीनिहाय जनगणना की जानकारी देने से इन्कार कर दिया था और तत्कालीन फडणवीस सरकार ने भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाये थे. लेकिन आज वहीं फडणवीस और भाजपा ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर खुद को ओबीसी समाज का हितैषी बता रहे है और राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को आरोपों के कटघरे में खडा कर रहे है. जबकि हकीकत यह है कि खुद भाजपावालों ने ही ओबीसी समाज के राजनीतिक आरक्षण का बंटाढार किया है.
इस पत्रकार परिषद में पूछे गये एक सवाल के जवाब में बापूसाहब भुजबल ने भाजपा की ओर से लगाये जानेवाले आरोपों पर महाविकास आघाडी के नेताओं की चुप्पी पर भी आश्चर्य जताया. साथ ही कहा कि, इन दिनों भाजपा के खिलाफ आवाज उठानेवालों के पीछे केंद्र सरकार द्वारा ईडी लगा दी जाती है. संभवत: इस डर की वजह से भी राज्य के ओबीसी नेता इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहे. किंतु महात्मा फुले समता परिषद हमेशा ओबीसी समाज के हितों के लिए काम करती आयी है तथा आगे भी समाज के हितों हेतु काम करती रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि, महाविकास आघाडी द्वारा 23 अगस्त को राज्य में ओबीसी समाज की जातिनिहाय जनगणना करने और ओबीसी समाज का इम्पिरिकल डेटा जमा करने का कार्य शुरू करने के संदर्भ में अधिसूचना जारी की गई थी. किंतु कोविड संक्रमण की वजह से यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी. जिसे जल्द ही शुरू किया जायेगा. साथ ही राज्य सरकार अपनी ओर से पूरा प्रयास किया जा रहा है कि, ओबीसी आरक्षण के बिना राज्य में कोई भी चुनाव न हो. किंतु निर्वाचन आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए चुनाव स्थगित करने से मना किया जा रहा है.
इस पत्रकार परिषद में वरिष्ठ विचारक व साहित्यीक उत्तम कांबले, हरी नरके व जिलाध्यक्ष विपुल नाथे उपस्थित थे. सभी गणमान्यों ने इस पत्रकार परिषद में ओबीसी समाज की जनगणना, ओबीसी आरक्षण व ओबीसी समाज संरक्षण के विषय को लेकर अपने विचार रखे.

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