* किराया की बसों की नीति तय
मुंबई/दि.7 – राज्य परिवहन निगम के बेडे में किराए की बसें शामिल करना, उसकी नीति तय करना, निगम अंतर्गत जमीन का विकास करना, मुद्रीकरण और प्रवासी व माल वाहक का किराया तय कर राजस्व बढाने के लिए सरकार ने पूर्व सनदी अधिकारी सुबोध कुमार की एक सदस्यीय समिति गठित की है. 6 माह में यह आयोग राज्य शासन को रिपोट देगा. इस बारे में सोमवार को जीआर जारी हुआ. जिसके अनुसार कुमार को हर माह 1 लाख 18 हजार रुपए मानधन दिया जाएगा.
* रोज 55 लाख प्रवासी
एसटी निगम के ताफा में 13 हजार बसें है. रोजाना लगभग 55 लाख यात्री इन बसों में सफर करते है. 70 प्रतिशत बसे कबाड हो रही है. निगम ने अपनी बस लेने की बजाय किराए की बसे चलाने का निर्णय किया है. अगले वर्ष के अंत तक निगम के बेडे में 22 हजार बसे करने का इरादा है. जिसमें से 7 हजार से अधिक बसेस भाडा तत्व की होगी. निगम का घाटा कम करने का मानस भी बताया जा रहा.
* 560 बस अड्डे
स्थायी संपत्ति की बात करें, तो एसटी निगम के पास 250 डिपो, 560 बस अड्डे, 3 केंंद्रीय वर्कशॉप और 9 टायर प्लाँट है. शीघ्र ही संपूर्ण जमीन का मुद्रीकरण किया जा रहा है. हालांकि विपक्ष सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहा है. जबकि सरकार का इरादा एसटी निगम की जमीन से अतिरिक्त राजस्व कमाकर उसका घाटा कम करना है. एसटी निगम अभी भी 9 हजार करोड के नुकसान में चल रहा है. निगम ने डेढ हजार साधारण बसेस खरीदने का प्रस्ताव किया है.