मां का 11 दिन पूर्व निधन
परंपरा कायम रखने नेत्रहीन पिता को वारी दर्शन करवाने वाला श्रावण
पुणे/दि.13- ग्यारह दिन पूर्व माता की मृत्यु हो गई. पिता नेत्रहीन हैं. मां की वारी की परंपरा को आगे कायम रखने व विठ्ठल भेंट की इच्छा को देखते हुए नेत्रहीन पिता सहित वारी को निकला. ऐसी भावना भिगवण के किशोर पवार ने व्यक्त की.
भिगवण के पास के मदनवाड़ी का मूल निवासी किशोर व उसके पिता संत ज्ञानेश्वर महाराज की पालखी का इंतजार करते संचेती हॉस्पिटल के पास चौक में खड़े थे. किशोर की माता शाकू पवार यह 16 वर्षों से आलंदी-पंढरपुर पैदल वारी में सहभागी होती थी. उनका हाल ही में निधन हो गया. एक ओर पत्नी के जाने का दुख और दूसरी ओर पंढरपुर वारी का उसका वारसा आगे ले जाने की इच्छा के चलते पिता-पुत्र माऊली की वारी में सहभागी हुए. यह जानकारी किशोर के पिता बेंगारी पवार ने दी. यह कहते समय पत्नी की याद में उनकी आंखें भर आई थी.
युवावस्था में हुए विवाद में बेंगारी पवार की आंखों में चोट पहुंची थी. कुछ वर्ष पूर्व दूसरी आंख में मधुमक्खी का डंक लगने से वह भी बंद हो गई. दोनों आंखों से स्पष्ट दिखाई न देने के बावजूद उन्होंने वारी करना नहीं छोड़ा. गत वर्ष तक पत्नी सहित वारी में सहभागी होते थे. इस बार पत्नी के निधन के बाद बेटे किशोर को साथ लेकर वारी में सहभागी हुए.