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मां ने करवाई गर्भवती बेटी की प्रसूति

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हाजिर नहीं था मेडिकल स्टाफ

नासिक/दि.6 – सरकार की अनदेखी और स्वास्थ्य महकमें की लापरवाही के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं की मरण यातनाए अब तक खत्म नहीं हुई है. इसका एक उदाहरण त्र्यंबकेश्वर अंतर्गत अंजनेरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया. जहां पर जबर्दस्त वेदनाएं होने के चलते एक बुजुर्ग महिला ने अपनी गर्भवती बेटी को प्रसूति हेतु स्वास्थ्य केंद्र में लाया. लेकिन इस केंद्र की इमारत में मेडिकल स्टाफ का कोई भी व्यक्ति उपस्थित नहीं था. जिसके चलते मां ने ही अपनी बेटी की प्रसूति करने का निर्णय लिया. सौभाग्य से गर्भवती युवती की प्रसूति सुखरुप हो गई. जिसके बाद स्वास्थ्य केंद्र की परिचारिका यहां पर पहुंची. इस घटना के चलते अंजनेरी के स्वास्थ्य केंद्र में चलने वाला लचर कामकाज उजागर हुआ. साथ ही एक गर्भवती महिला की जान के साथ किए गए इस खिलवाड को लेकर काफी रोष व असंतोष भी व्यक्त किया जा रहा है.
मिली जानकारी के मुताबिक त्र्यंबकेश्वर तहसील अंतर्गत बरड्याची वाडी निवासी यशोदाबाई त्र्यंबक आव्हाटे नामक विवाहिता गर्भवती थी. जिसकी सहायता के लिए आंबई स्थित उसके मायके से उसकी मां सोनाबाई वालू लचके अपनी बेटी के पास आयी थी. जब यशोदाबाई को प्रसूतिपूर्व वेदनाए होनी शुरु हुई, तो दोनों मां-बेटी अंजनेरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंची. परंतु इस समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की इमारत का दरवाजा बंद था. ऐसे मेें सोनाबाई ने दरवाजा खुलवाने हेतु आवाज लगाई. इस समय दवाखाने में भर्ती मरीज के साथ रहने वाले एक छोटे बच्चे ने दरवाजा खोला. लेकिन इस समय स्वास्थ्य केेंद्र के भीतर मेडिकल स्टाफ का कोई भी सदस्य उपस्थित नहीं था. वहीं इस समय गर्भवती रहने वाली यशोदाबाई को तीव्र प्रसूतिपूर्व वेदनाएं हो रही थी. यह देखते हुए साथ में मौजूद मां सोनाबाई ने खुद ही अपनी बेटी की प्रसूति करवाने का निर्णय लिया. जिसके बाद वे अपनी बेटी को लेबर रुम में लेकर गई. जहां पर उसकी प्रसूति कराने के साथ ही बच्चे के वजन को दर्ज करने की प्रक्रिया भी खुद ही पूर्ण कर ली. इसके करीब आधे पौन घंटे बाद एक नर्स स्वास्थ्य केंद्र मेें पहुंची, तब उसे मां द्बारा अपनी बेटी की प्रसूति करवाए जाने की जानकारी मिली. इसके साथ ही सोनाबाई द्बारा पूरे मामले की सूचना अपने घर पर देने के बाद इसकी खबर कुछ सामाजिक संगठनों तक पहुंची. जिसके चलते कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अंजनेरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर जच्चा-बच्चा का हालचाल जाना. साथ ही स्वास्थ्य महकमे के लचर कामकाज पर असंतोष जताते हुए 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में रास्ता रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी.

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