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सत्ताधारी व विरोधियों ने बनाया चुनाव को प्रतिष्ठा का मसला
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जिला बैंक का चुनाव आ रहा ‘फुल फार्म’ में
अमरावती/प्रतिनिधि दि.29 – आगामी 4 अक्तूबर को जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के 21 सदस्यीय संचालक मंडल का चुनाव होने जा रहा हैै. जिसमें से 4 संचालकों का पहले ही निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है तथा 17 सीटों के लिए 4 अक्तूबर को प्रत्यक्ष मतदान कराया जायेगा. जिसके लिए मैदान में कुल 46 प्रत्याशी मौजूद है. जिनमें से कई प्रत्याशियों का अपना राजनीतिक रसूख भी है और कई सीटों पर राजनीतिक रूप से कट्टर प्रतिद्वंदी रहनेवाले प्रत्याशियों की सीधी भिडंत होने जा रही है. साथ बैंक के सत्ताधारी व विरोधी पैनल द्वारा इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का मसला बना लिया गया है. ऐसे में हर कोई हर एक मतदाता को अपने पक्ष में करने की जुगत भिडा रहा है. जिसके लिए तरह-तरह के फंडे अपनाये जा रहे है. ऐसे में अब हर एक मतदाता की कीमत काफी अधिक बढ गई है तथा कई मतदाता तो मौके की नजाकत को समझते हुए जबर्दस्त भाव भी खा रहे है.
बता दें कि, जिला सहकारी बैंक के चुनाव में सेवा सहकारी सोसायटी निर्वाचन क्षेत्र को काफी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. चिखलदरा तहसील क्षेत्र में सोसायटी के केवल 16 मतदाता है. वहीं अन्य तहसीलों में भी इस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं की संख्या कुल जमा 50 से अधिक नहीं है. ऐसे में एक-एक वोट बेहद कीमती होता है. इसी तरह एससी-एसटी, वीजेएनटी, ओबीसी, महिला तथा क-1 व क-2 निर्वाचन क्षेत्रों में भी मतदाताओं की संख्या काफी हद तक सीमित होती है. जिसकी वजह से चुनाव लड रहे प्रत्याशियों द्वारा एक-एक मतदाता से व्यक्तिगत तौर पर मेल-मुलाकात का सिलसिला शुरू कर दिया गया है और हर एक मतदाता की आशाओं व अपेक्षाओं को बेहद ध्यानपूर्वक सुनने के साथ ही उन्हें तमाम तरह के आश्वासन भी दिये जा रहे है, ताकि जीत के लिए आवश्यक वोटों का कोटा पूरा किया जा सके.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, यदि तहसीलों में जिला बैंक के चुनाव हेतु मैत्रीपूर्ण भिडंत होती है, तो किसी एक उम्मीदवार को विजय हासिल करने हेतु आवश्यक वोटों का कोटा प्राप्त हो सकता है. जिसके चलते यह चुनाव जिले के लिहाज से ऐतिहासिक हो सकता है. इस चुनाव को लेकर इस समय राजनीतिक क्षेत्र में कई तरह की चर्चाएं भी चल रही है और सत्ताधारी व विपक्षी पैनल द्वारा इस चुनाव को प्रतिष्ठापूर्ण बना लिये जाने के चलते इस चुनाव में बेहद कांटे की टक्कर हो सकती है. चूंकि जिला बैंक के तहसील स्तरीय चुनाव में दोनों ही पैनलों को अपना-अपना अस्तित्व सिध्द करना है. अत: पैनलों की ओर से तय किये गये प्रत्याशियों व उनके समर्थकों द्वारा इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकी जा रही है. जिसके तहत हर एक मतदाता से बार-बार व लगातार संपर्क बनाये रखते हुए उन्हें अपने पक्ष में करने का सतत प्रयास किया जा रहा है. साथ ही कई मतदाताओं से सीधे बातचीत भी की जा रही है और विविध तहसीलों के मतदाताओं को एकत्रित करते हुए उन्हें आकर्षित करने का प्रयास भी किया जा रहा है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, ऐन मतदानवाले दिन मतदाताओं द्वारा किसके पक्ष में मतदान किया जाता ह ै.