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सांसद बोंडे ने रास में उठाया निराश्रीतों के सर्वेक्षण व मेडिकल कॉलेजों का मुद्दा

सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण को लेकर भी पूछी जानकारी

* संबंधित मंत्रियों ने दिए सांसद बोंडे को विस्तारपूर्वक जवाब
नई दिल्ली/दि.9 – राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्रवाई मेें हिस्सा लेते हुए देश में निराश्रीत महिलाओं व बच्चों के सर्वेक्षण मेडिकल कॉलेजों की स्थिति एवं सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण को लेकर संबंधित मंत्रालयों से अलग-अलग अतारांकित प्रश्न पूछे. जिनके संबंधित मंत्रियों द्बारा लिखित तौर पर समूचित व समाधानकारक जानकारी दी गई.
निराश्रीत महिलाओं व बच्चों के सर्वेक्षण को लेकर सांसद डॉ. बोंडे ने केंद्रीय महिला व बालविकास मंत्रालय से जानना चाहा कि, क्या विगत 5 वर्षों के दौरान देश में निराश्रीत महिलाओं व बच्चों की संख्या निर्धारित करने के लिए कोई सर्वेक्षण किया गया है, यदि हां तो इस अवधि के दौरान देश भर में पुनवर्सित महिलाओं व बच्चों की संख्या कितनी पता चली और इसमेें से कितनों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिला. साथ ही अगर नहीं, तो इसके पीछे क्या कारण है. इस सवाल पर लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय महिला व बालविकास मंत्री स्मृति जुबीन इरानी ने बताया कि, परित्यक्त महिलाओं व निराश्रीत बच्चों के पुनर्वास हेतु महिला व बालविकास मंत्रालय द्बारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है. जिसके तहत शक्ति सदन व मिशन वात्सल्य सबसे प्रमुख है. जिसके तहत 10 हजार 955 महिलाओं व 76 हजार 118 बच्चों तक विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया है.
इसके साथ सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय से जानना चाहा कि, इस समय देश में कितने सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज है और विगत 3 वर्षों के दौरान इन मेडिकल कॉलेजों के आधुनिकीकरण के लिए सरकार द्बारा प्रतिवर्ष कितनी राशि खर्च की गई है. साथ ही वर्ष 2023-24 में कितनी धनराशि खर्च किए जाने की संभावना है. इस सवाल पर लिखित जवाब देते हुए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती पवार द्बारा बताया गया कि, देश में इस समय 358 सरकारी व 296 निजी मेडिकल कॉलेज है. जिन्हें केंद्र सरकार द्बारा प्रतिवर्ष आधुनिकीकरण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, ताकि एमबीबीएस सहित पीजी सीटों में इजाफा हो सके. साथ ही प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के साथ जुडे अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं को भी अद्यावत करने हेतु सहायता प्रदान की जा रही है. जिसके तहत कुल 75 परियोजनाओं को अनुमोदित किया गया है. इसके अतिरिक्त स्थापना हेतु 22 एम्स को भी अनुमोदन प्रदान किया गया है.
इसके अलावा सांसद डॉ. बोंडे ने केंद्रीय आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय से स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत विगत 3 वर्षों के दौरान महाराष्ट्र में कितने सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण हुआ और इस मिशन के अंतर्गत कितनी धन राशि आवंटित, वितरीत और प्रयुक्त की गई, इसे लेकर जानकारी मांगी. जिसके जवाब में आवासन व शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर द्बारा बताया गया कि, अक्तूबर 2014 से शुरु किए गए स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) अभियान अंतर्गत महाराष्ट्र में कुल 1 लाख 76 हजार 465 सामूदायिक व सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है और इस मिशन के तहत 1677.80 करोड रुपए के आवंटन में से महाराष्ट्र राज्य द्बारा 1400.77 करोड रुपए की केंद्रीय हिस्सेदारी ली जा चुकी है. साथ ही 1117.66 करोड रुपए के उपयोगिता प्रमाणपत्र भी प्राप्त हो चुके है.

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