मुद्दा एमपीएससी छात्रों का, पुलिस व भाजपा आमने सामने
अमरावती/प्रतिनिधि दि.12 – राज्य सरकार ने कोरोना संसर्ग के चलते 14 मार्च को होने वाली महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग (MPSC) की परीक्षा फिर एक बार आगे ढकेलने का निर्णय लिया. इससे पहले कोरोना की पृष्ठभूमि पर पिछले एक वर्ष में चार बार रद्द की गई. एमपीएससी की परीक्षा फिर एक बार रद्द करने के निर्णय के चलते विद्यार्थी संतप्त हो गए. यह निर्णय अन्यायकारक रहने की भावना व्यक्त कर कल दोपहर के समय सैकडों विद्यार्थी पंचवटी चौक पर रास्ते पर उतर आये. इन विद्यार्थियों ने उस समय यातायात रोककर चक्काजाम आंदोलन किया. जिससे पंचवटी चौक पर कुछ समय ट्राफिक जाम हुआ. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर विद्यार्थियों को तितर बितर करने के उद्देश्य से उनपर लाठियां बरसाई. उसी समय वहां जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ.अनिल बोंडे पहुंच गए. उनकी गाडगे नगर के थानेदार आसाराम चोरमले के साथ इस मुद्दे पर बहस छिड गई. डॉ.अनिल बोंडे ने पीआई को सरकार का कुत्ता कहा. वहीं थानेदार चोरमले ने भी डॉ.बोंडे से गालीगलौच की, हमरी तुमरी की. इस बात की वीडियो तत्काल वायरल हुए. कुछ समय के लिए एमपीएससी के विद्यार्थियों को लेकर शुरु हुए इस आंदोलन ने राजनीतिक मोड ले लिया और भाजपा और पुलिस आमने सामने आ गए.
हुआ यु कि कल दोपहर 14 मार्च को होने वाली एमपीएससी की परीक्षा फिर एक बार आगे ढकेले जाने का मैसेज विद्यार्थियों को मिला. जिससे इस निर्णय को अन्यायकारक समझकर एमपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थी इस निर्णय का निषेध व्यक्त करने शासकीय तंत्रनिकेतन के सामने जमा हो गए. संवैधानिक मार्ग से चक्काजाम करने का निर्णय आंदोलक विद्यार्थियों ने लिया. विद्यार्थी पैदल चलकर पंचवटी चौक पर जमा हो गए और उन्होंने चक्काजाम आंदोलन कर यातायात ठप्प की. थोडी देर आंदोलन कर यह विद्यार्थी जिलाधिकारी को निवेदन सौंपने जाने ही वाले थे. उसी समय वहां पुलिस दल पहुंच गया. गाडगे नगर पुलिस के साथ ही एसआरपीएफ और क्यूआरटी का दल वहां तैनात किया. पुलिस ने विद्यार्थियों को सडक के किनारे करने का प्रयास किया, लेकिन विद्यार्थियों ने पुलिस और सरकार के खिलाफ नारे लगाए. जिससे पुलिस ने विद्यार्थियों पर लाठिया बरसाकर उनकी धरपकड मुहिम शुरु कर दी. विद्यार्थियों को पकडने का पुलिस का तरीका कुछ ऐसा था कि वे किसी शातिर बदमाश को पकड रहे है. एक वैन में पुलिस ने 19 छात्र और 4 लडकियों को ठूस ठूसकर भरा था. उसी समय पूर्व मंत्री अनिल बोंडे ने वहां पहुंचकर आंदोलन स्थल पर दो वैन रहते हुए छात्र, छात्राओं को एक ही वैन में बिठाने का विरोध किया. बोंडे का कहना था कि कोरोना के नाम पर विद्यार्थियों की परीक्षा रद्द की जा रही है, लेकिन इन्हीं विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उठाकर एक ही वैन में ठूस ठूसकर भरा जा रहा है, इसी बात को लेकर डॉ.अनिल बोंडे व गाडगे नगर के पीआई आसाराम चोरमले आमने सामने आ गये. डॉ.बोंडे ने थानेदार को सरकारी कुत्ता कहा, तब चोरमले भी आपे से बाहर हो गया और उन्होंने भी डॉ.बोंडे से गालीगलौच की. जिसके वीडियो आंदोलन के बाद वायरल हुए. हालांकि बाद में सभी को रिहा किया गया. पुलिस ने ना ही डॉ.अनिल बोंडे और विद्यार्थियों पर अपराध दर्ज किये, लेकिन डॉ.अनिल बोंडे आज भी पीआई चोरमले को निलंबित करने की मांग पर कायम है.
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ना लाठीचार्ज किया, ना गालियां दी- पीआई चोरमले
कल पंचवटी चौक पर आंदोलनकर्ता विद्यार्थियों पर हुए लाठीचार्ज के बारे में ‘दैनिक अमरावती मंडल’ ने जब गाडगे नगर के थानेदार आसाराम चोरमले से बात की तब उन्होंने कहा कि पुलिस ने विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज किया ही नहीं, केवल विद्यार्थियों को रास्ते से हटाने के उद्देश्य से उनपर लाठियां उठायी. उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे 23 विद्यार्थियों को केवल डिटेन कर आधे घंटे में ही उन्हें रिहा किया गया. चोरमले ने इस बात से स्पष्ट इन्कार किया कि उन्होंने पूर्व मंत्री डॉ.अनिल बोडे से गालिगलौच की, सिर्फ बोंडे से इतना ही कहा कि आप छोटी-छोटी बातों पर रास्ते पर उतर आते है, यह ठिक नहीं. गाडगे नगर के पीआई ने यह भी बताया कि कल पंचवटी चौक पर जो भी आंदोलन हुआ उस बारे में किसी पर भी उन्होंने अपराध दर्ज नहीं किया है.
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पीआई चोरमले को निलंबित करना ही होगा- डॉ.बोंडे
एमपीएससी की परीक्षा अचानक रद्द करने से उत्तेजित हुए विद्यार्थियों ने गाडगे नगर चौक पर कल दोपहर आंदोलन किया, लेकिन पुलिस ने उनपर बर्बरता से लाठियां बरसाई. आंदोलन स्थल पर पुलिस की दो वैन रहते हुए 23 छात्र, छात्राओं को एक ही वैन में ठुस ठुसकर भरा गया, ऐसा कहते हुए पूर्व मंत्री डॉ.अनिल बोंडे ने कहा कि कोरोना क्या केवल परीक्षा लेने से ही बढता है, विद्यार्थियों को इस तरह वैन में बिठाने से क्या कोरोना नहीं बढेगा. डॉ.बोंडे ने कल पंचवटी चौक पर घटीत घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस अधिकारियों के अपराधों पर पर्दा डालने का काम करती है. इसी कारण पुलिस वालों के हौसले बढ रहे है. अच्छे उद्देश्य से काम करने का पुलिस अधिकारियों का मनोबल सरकार ने तोडा है. कल विद्यार्थी शांतिपूर्ण मार्ग से आंदोलन कर जिलाधिकारी को निवेदन देने वाले थे, लेकिन थानेदार चोरमले ने माहोैल बिगाडा. यहां तक की मेरा ‘शहाणपन’ निकालने तक के हौसले उनके बढ गए. सरकार केवल आंदोलनों को लपेटने का प्रयास करती है, लेकिन विद्यार्थियों पर लाठियां बरसाने वाले पीआई चोरमले को जब तक निलंबित नहीं किया जाता मैं शांत नहीं बैंठुगा, ऐसा डॉ.अनिल बोंडे ने कहा.
एमपीएससी की परीक्षा नियोजित समय पर होना चाहिए यही मांग है. पुलिस ने बर्बता से लाठीचार्ज किया. लडकियों को आंदोलन स्थल से भगाने के लिए उन्हें लाठियां फेंककर मारी. पुलिस वैन से आरोपियों समान ले गए. यह बात अन्यायकारक है.
– अक्षय नरगले, आंदोलक विद्यार्थी.
कोरोना काल में स्वास्थ्य, रेलवे, एनसीबीसी, फार्मसी की परीक्षा हुई तो फिर एमपीएससी की क्यो नहीं? इस ओर सरकार ने ध्यान खिचने के लिए संवैधानिक मार्ग से चक्काजाम आंदोलन किया गया. किंतु पुलिस ने आंदोलक विद्यार्थियों के साथ आतंकवादी समान बर्ताव किया. लाठियां चलाकर विद्यार्थियों को हिरासत में लिया.
– किरण मोरे, आंदोलक विद्यार्थी.