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खेतों की मुंडेर के विवाद होंगे खत्म, नक्शे आएंगे मोबाइल पर

अब जमीन की नापजोख के नक्शे पर होगा अक्षांश व देशांश का उल्लेख

* पहला प्रयोग किया गया वाशिम में, जल्द ही अन्य जिलों में भी होगा अमल
पुणे/दि.4 – राज्य में जमीन की हद को लेकर होने वाले विवादों को रोका जा सके. इस हेतु भूमि अभिलेख विभाग द्बारा नापजोख के नक्शे को अक्षांश व देशांश के साथ जोडा जाएगा. साथ ही अगले कुछ दिनों में किसानों को अपने खेत के नक्शे अपने मोबाइल पर दिखाई देंगे. राज्य में इससे संबंधित पहला प्रयोग वाशिम जिले के गुंज गांव में किया गया. जहां इस पद्धति से पहला नक्शा दिया गया है. साथ ही बहुत जल्द इस पर पूरे राज्य में अमल किया जाएगा.
जमीन की नापजोख के लिए अब समूचे राज्य में रोवर यंत्र की सहायता ली जा रही है. यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. नंदूरबार जिले में 1 अप्रैल से इस पद्धति से नापजोख शुरु हो गई है. साथ ही राज्य के अन्य जिलों के किसी एक तहसील में 15 अप्रैल से रोवर यंत्र के जरिए नापजोख की जाएगी. जिसके लिए राज्य को 902 रोवर यंत्र प्राप्त हुए है. जिसमें से 500 यंत्र हाल ही में खरीदे गए और 400 यंत्र जिला नियोजन समिति के मार्फत प्राप्त हुए है. इसमें से पुणे जिले में सर्वाधिक 69 तथा हिंगोली व धुलिया जिले में सबसे कम 10-10 रोवर यंत्र पहुंचे है. इसके अलावा राज्य को और भी 700 से 800 रोवर यंत्रों की जरुरत है. अगले कुछ दिनों में 600 रोवर यंत्र की खरीदी हेतु निविदा प्रक्रिया शुरु हो जाएगी. ऐसी जानकारी वरिष्ठाधिकारियों द्बारा दी गई है.

* स्थायी होगी वैधता
अक्षांश व देशांश मिलने के बाद इस ऑनलाइन नक्शे की वैधता स्थायी तौर पर रहेगी. नक्शे पर सभी को अक्षांश व देशांश दिखाई देगी. जिसकी पडताल करने हेतु जीपीएस और मोबाइल के जरिए अपनी जमीन की चतुुर्सिमा देखी जा सकेगी.

देश में महाराष्ट्र इस काम में सबसे आगे है, साथ ही आगामी 4-5 माह के भीतर पूरे राज्य में इस पर अमल पूर्ण किया जाएगा.
– निरंजन कुमार सुधांशू,
आयुक्त, जमाबंदी व भूमिलेख विभाग

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