मनपा उपायुक्त जुम्मा प्यारेवाले को पद से हटाया
मनपा के इतिहास में आयुक्त की यह पहली कार्रवाई
* अधिकारी व कर्मचारियों में मचा हडकंप
अमरावती/दि. 6 – काम में उदासिनता, मनमानी, शासन विरोध में वक्तव्य और प्रशासकीय कामकाज में असहयोग की भूमिका रखने का आरोप करते हुए सोमवार को मनपा आयुक्त देवीदास पवार ने उपायुक्त (सामान्य प्रशासन) जुम्मा प्यारेवाले को पद से हटाने के आदेश जारी किए है. इस आदेश के कारण खलबली मच गई है. प्रशासन में अधिकारियों के बीच खींचतान चलती रहने की बात इस घटना से स्पष्ट हुई है. मनपा के इतिहास में आयुक्त द्वारा इस तरह की यह पहली कार्रवाई बताई जाति है.
आयुक्त देवीदास पवार ने 5 फरवरी को जारी किए आदेश में अधिनियम की धारा 49 के तहत उपायुक्त का अधिकार, कर्तव्य निश्चित रहने की बात दर्ज की. इस निमित्त उपायुक्त जुम्मा प्यारेवाले की कृति असंवैधानिक रहने का आरोप लगाया गया है. मनपा स्तर के काम में उदासिनता, शासन के विरोध में खुलेआम वक्तव्य किया, मराठा समाज व ओपन प्रवर्ग के सर्वेक्षण में असहयोग की भूमिका निभाई, प्रशासन का आर्थिक नुकसान व शासन की प्रतिमा मलिन करने बाबत उन्हें कारण बताओं नोटिस दी गई. लेकिन दी गई समयावधि में उपायुक्त प्यारेवाले ने जवाब प्रस्तुत नहीं किया, ऐसा आदेश में कहा गया है. इस कारण उपायुक्त की काम करने की मानसिकता दिखाई नहीं देती. नकारात्मक बर्ताव, मनपा का आर्थिक नुकसान करनेवाली भूमिका, मनमानी और आम नागरिकों में शासन की प्रतिमा मलिन करनेवाली रहने से महाराष्ट्र मनपा अधिनियम 1949 की धारा 50, 56 तथा प्रस्तुत प्रकरण में लागू रहे अन्य कानून व नियम में शामिल रहे प्रावधान के मुताबिक प्राप्त रहे अधिकार के अनुसार उपायुक्त (सामान्य प्रशासन) को अमरावती मनपा के इस पद से 5 फरवरी 2024 को हटाया जा रहा है और शासन के नगर विकास विभाग के पास वापस भेजे जाने की बात आयुक्त ने अपने आदेश में स्पष्ट की है. इस कारण प्रशासन में खलबली मच गई है.
* आयुक्त को कार्यमुक्त करने का अधिकार नहीं
मेरी उपायुक्त पद पर राज्य शासन ने नियुक्ति की है. आयुक्त को मुझे कार्यमुक्त करने का अधिकार नहीं है. मै आज भी कार्यरत हूं. शासन की तरफ से आदेश आने पर मैं वापिस लौटूंगा. सीओ संवर्ग की गुटबाजी में इस तरह मुझे बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. शासन के विरोध में मैने कोई भी कृति अथवा अक्तव्य नहीं किया. लगातार मनपा के आर्थिक हित का विचार करता आया हूं. आयुक्त को इस संबंध में बार-बार सलाह भी दी. इसी कारण आयुक्त को यह बात पसंद नहीं आई होगी. शासन नीति का विरोध करने का कोई कारण नहीं है.
– जुम्मा प्यारेवाले, उपायुक्त, मनपा.
* केवल विरोधी भूमिका
उपायुक्त (सामान्य प्रशासन) की कृति यह शासन-प्रशासन विरोधी है. उनके पास 18 विषय की जिम्मेदारी रहते लगातार नकारात्मक भूमिका ली. प्रशासन के विरोध में काम करना, योजना को अमल में न लाना, कार्यालय में अनुपस्थिति, मराठा आरक्षण सर्वेक्षण में नोडल अधिकारी रहने के बावजूद प्रशिक्षण में गैरमौजूदगी, कर्मचारियों को प्रशिक्षण न देना, बाजार व परवान विभाग रहते हुए मनपा की आय में बढोतरी के लिए कोई भी प्रयास न करना, इतना ही नहीं बल्कि काम में लापरवाही प्रकरण में 5 दफा कारण दिखाओं नोटिस दी गई है.
– देवीदास पवार, आयुक्त, मनपा.