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झेडपी की जगह पर नगर सेवक के भाई का कब्जा

पीडब्ल्यूडी ने दी थी अनधिकृत मान्यता

  • जिला परिषद की जगह हासिल करने जिलाधिकारी से शिकायत

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२ – अमरावती तहसील परिसर की जिला परिषद की स्कीम की जगह पर एक नगर सेवक के भाई ने सार्वजनिक बांधकाम विभाग के गलत आदेश का फायदा उठाकर कब्जा कर लिया है. किंतु जिला परिषद को इसका पता चलते ही उन्होंने अब उनकी जगह हासिल करने शुरुआत में न्यायालय तथा अब जिलाधिकारी कार्यालय से शिकायत की है.
अमरावती शहर की मध्य बस्ती में रहने वाले तहसील परिसर में जिलापरिषद के पशु संवर्धन विभाग की 1700 से 1800 स्केअर फीट जगह व बांधकाम है. यह इमारत शिकस्त रहने से वह कई वर्षों से लावारिश पडी थी. इसका फायदा लेते हुए नगर सेवक अजय सारस्कर के भाई दिनेश सारस्कर ने जगह हासिल करने के लिए सार्वजनिक बांधकाम विभाग से मांग की है. शहर में कोरोना का प्रादुर्भाव शुरु रहते समय इसी दौरान एक वर्ष पहले यह जगह कोई भी अधिकार न रहते हुए सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग ने दिनेश सारस्कर को होटल के लिए दी. तत्काल उसपर सारस्कर ने ताबा भी कर लिया. किंतु अपनी जगह पर अतिक्रमण करने की बात ध्यान में आते ही जिला परिषद के पशु संवर्धन विभाग ने इसकी जांच पडताल की तब सारस्कर को यह जगह सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग नं.1 व्दारा दिये जाने की बात निदर्शन में आयी. जिला परिषद के जगह की मालकी सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग ने कैसे दिखाई यह प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है. जिससे जिला परिषद ने तत्काल इस बाबत बांधकाम विभाग को पत्र दिया तब इस विभाग ने आखिर गलती मान्य करते हुए दी हुई मान्यता रद्द की. किंतु सारस्कर ने मात्र जगह न छोडने से इस बाबत यह मामला न्यायप्रविष्ठ हुआ. किंतु न्यायालय ने जिला परिषद के पक्ष में निर्णय देते हुए जगह जिला परिषद को वापस देने के आदेश दिये है. इस बाबत जिलाधिकारी को इस तरह के निर्देश देने से इसकी सुनवार्ई फिलहाल निवासी उपजिलाधिकारी के पास शुरु है.

  • बांधकाम विभाग ने ली नर्म भूमिका

कोई भी अधिकार न रहते हुए जिला परिषद की जगह का वितरण परभारे करने से जिला परिषद ने उनका यह प्रकार निदर्शन में लाकर दिया. जिससे संबंधित अधिकारी ने बचाव की भूमिका लेते हुए अपनी गलती हो जाने की बात मान्य करते हुए दिये हुए आदेश तत्काल रद्द किये और नर्म भूमिका ली. किंतु इस मामले में अब संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होना जरुरी है.

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