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25 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका
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अमरावती न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला
अमरावती/प्रतिनिधि दि.7 – दो वर्ष पहले स्थानीय मुधोलकर पेठ स्थित महात्मा फुले विद्यालय के सामने दिनदहाडे घटीत अर्पिता ठाकरे बहुचर्चित हत्याकांड मामले के आरोपी मलकापुर निवासी तुषार मस्करे को आज स्थानीय जिला न्यायालय ने दफा 302 के तहत आरोपी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 25 हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना अदा न करने की शर्त में एक वर्ष अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई है. इस हत्याकांड के बाद यानी 9 जुलाई 2019 को हुई गिरफ्तारी के बाद से हत्यारा तुषार मस्करे यह अमरावती के मध्यवर्ती जेल में ही बंद था. विशेष यह कि प्रेम प्रकरण के चलते अमरावती शहर में इस तरह के दो जघन्य हत्याकांड हो चुके है. इन दोनों हत्याकांड यानी साईनगर में घटीत प्रतीक्षा मेहत्रे हत्याकांड और उसके बाद अर्पिता ठाकरे के हत्यारे को उम्रकैद की सजा सुनाई जाने से प्रतीक्षा के साथ ही अर्पिता को न्याय मिला है.
जानकारी के अनुसार कवठा बहाले निवासी 17 वर्षीय अर्पिता ठाकरे व उसी गांव के समीप मलकापुर निवासी तुषार मस्करे के बीच प्रेमसंबंध थे, लेकिन किसी कारणवश उनमें मनमुठाव हुआ था. जिससे अर्पिता ने तुषार के खिलाफ बडनेरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की थी. इस मामले में पुलिस ने तुषार को समझाबुझाकर छोड दिया था. उसके बाद 9 जुलाई 2019 को दोपहर 2.30 बजे के दौरान अर्पिता ठाकरे उसकी सहेली के साथ शहा कोचिंग क्लासेस से मुधोलकर पेठ होते हुए गांधी चौक की ओर जा रही थी. उसी समय पीछे से आकर तुषार मस्करे ने अर्पिता पर चाकू से सपासप वार कर दिये. इस हमले में गंभीर रुप से जख्मी अर्पिता को उसी की सहेली ने पहले समीप के एक निजी अस्पताल में और वहां से इर्विन अस्पताल में लाया था. अर्पिता की सहेली ने ही इस घटना की जानकारी उसके माता-पिता को दी थी. खबर मिलते ही अर्पिता के माता-पिता इर्विन अस्पताल पहुंचे थे. इधर हमले के बाद घटनास्थल से तुषार मस्करे चुना भट्टी होते हुए नमुना में भागा. लोगों ने पीछा कर उसकी बुरी तरह से पीटाई की और उसे पुलिस के हवाले किया. अर्पिता की सहेली की शिकायत पर राजापेठ पुलिस ने इस मामले में दफा 302, 324, 354 (ड) व पोस्को की धारा 8, 12 के तहत अपराध दर्ज कर तुषार को जांच के बाद जेल भेज दिया. स्थानीय चौथे जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्रीमती एस.ए.सिन्हा के न्यायालय में इस मुकदमें पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान न्यायालय में कुल 12 गवाहों का परिक्षण किया गया. सरकार की ओर से जिला सरकारी वकील एड.परिक्षित गणोरकर ने दलीलें पेश की. न्यायालय ने चष्मदीद गवाहों के बयान को अहमियत देते हुए आज अर्पिता के हत्यारे तुषार मस्करे को दफा 302 के तहत उम्रकैद व 25 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की शर्त में एक वर्ष अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई. वहीं दफा 354 (ड) में 2 वर्ष की सश्रम कैद व 2 हजार रुपए जुर्माने की सजा आज न्यायालय ने सुनाई.
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मृतका के परिजन को उचित मुआवजा देने की राय
न्यायाधीश श्रीमती एस.ए.सिन्हा ने बहुचर्चित अर्पिता ठाकरे हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए जिला विधि सेवा प्राधिकरण को इस मामले में मृतक अर्पिता ठाकरे के परिजनों को उचित मुआवजा देने की दिशा में प्रयास करने की राय जिला विधि सेवा प्राधिकरण को दी.
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अर्पिता की सहेली थी चष्मदीद गवाह
जिस समय हत्यारे तुषार मस्करे ने अर्पिता पर चाकू से हमला किया उस समय अर्पिता की सहेली उसके साथ घटनास्थल पर थी और वहीं इस हत्याकांड की शिकायतकर्ता और चष्मदीद गवाह थी. अर्पिता की वह सहेली रहने से घटना के पहले से वह हत्यारे तुषार मस्करे को जानती थी. इस कारण उसी ने पुलिस को सबसे पहले तुषार का नाम बताया था. यहां तक की न्यायालय में भी उसी ने तुषार को पहचाना था. इसके अलावा जब तुषार ने हमला किया तब वहां के कुछ लोगों ने उसका पीछा किया और उसे पकडा. हत्यारे का पीछा करने वाले उन युवकों को भी इस हत्याकांड में चष्मदीद गवाह बनाया गया था. जिनका बयान न्यायालय में मृत अर्पिता को न्याय दिलवाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ.