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मुस्लिम लीग ने कृषि कानूनों के खिलाफ निकाला मोर्चा

जिलाधीश के मार्फत राष्ट्रपति के नाम भेजा गया ज्ञापन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.21 – इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की जिला शाखा द्वारा नये कृषि कानूनों का विरोध करते हुए देश के राष्ट्रपति के नाम स्थानीय जिलाधीश के मार्फत एक ज्ञापन भेजा गया. जिसमें कहा गया कि, पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्ववाली सरकार ने किसान हितों के खिलाफ रहनेवाले कृषि कानून अमल में लाये है. जिसका फायदा केवल उद्योगपतियों व पूंजीपतियोें को होगा. ऐसे में तीनों कृषि कानूनों को तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए.
इस समय इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को अपना खुला समर्थन घोषित करने के साथ ही कहा कि, भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की बात कही थी, और सरकार ने अब अपने इस आश्वासन को पूरा करना चाहिए. साथ ही लीग के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार पर किसानों के मामले में लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि, भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ की हड्डी है. अत: अर्थव्यवस्था को मजबूत करने हेतु किसानों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है, लेकिन सरकार अपने कानूनों की आड लेकर किसानों को पूंजीपतियों के रहमोकरम पर छोडना चाह रही है. जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता.
ज्ञापन सौंपते समय मुस्लीम लीग के प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद अफसर अली, प्रदेश सचिव डॉ. अब्दुल रहीम भारती, मुस्लीम यूथ लीग के प्रदेश अध्यक्ष इमरान अशरफी, शहराध्यक्ष अब्दूल रहमान, जिला महासचिव हाफीज अहमद, यूथ लीग के शहराध्यक्ष नदीम अहमद सहित हाफीज सईद इक्बाल, हाफीज जुबेर अहमद, इर्शाद पठाण, इसरार आलम, इरफान खान, अब्दूल रशीद, मिर्जा नसीम बेग, मौलवी रहमत मिर्जा, राजीक बेग, नासीर सोलंकी, कामरान अंसारी, अब्दूल भारती, अब्दूल राजीक, इक्बाल लालखडी, हाफील हसमत, हाफीज असलम, वसीम मोहम्मद, इमरान सकलेम, शेख नाजीश, मोहम्मद सोहेल, जुनेद खान, मोहम्मद जाकीर, मोहम्मद फरदीन, फरहान शेख तथा नावेद सर आदि उपस्थित थे.

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