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नागपुर व बुलडाणा जिला बैंक के चुनाव हो सकते है स्थगित

आर्थिक दिक्कतों की रिपोर्ट देखकर लिया जा सकता है निर्णय

नागपुर/प्रतिनिधि दि.23 – आर्थिक समस्याओं से बाहर आने के लिए सरकार द्वारा 537 करोड रूपयों की सहायता उपलब्ध कराये जाने के बावजूद विदर्भ क्षेत्र की नागपुर, वर्धा व बुलडाणा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक अब भी आर्थिक दिक्कतों में फंसी हुई है. वहीं दूसरी ओर राज्य सहकार निर्वाचन प्राधिकरण द्वारा कार्यकाल खत्म होनेवाली जिला बैंकों में चुनाव करवाये जाने की घोषणा की जा चुकी है. किंतु आर्थिक दिक्कतों की रिपोर्ट को देखते हुए इन बैंकों के चुनाव को स्थगित किये जाने की संभावना है.
बता देें कि, राज्य सहकार विभाग के निर्वाचन प्राधिकरण द्वारा राज्य की 16 जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों में चुनाव करवाये जाने की घोषणा की गई है. जिनमें विदर्भ क्षेत्र की नागपुर व बुलडाणा जिला बैंक का भी समावेश है. वहीं वर्धा जिला बैंक में चुनाव कराये जाने की घोषणा ही नहीं की गई है. क्योंकि वर्धा जिला बैंक को इस वर्ष 228 करोड रूपयों का नुकसान हुआ है और इस बैंक का एनपीए 98 फीसद है. वहीं नागपुर जिला मध्यवर्ती बैंक का एनपीए 80 फीसद व घाटा 333 करोड तथा बुलडाणा जिला बैंक का एनपीए 54 फीसद व घाटा 253 करोड है. इन तीनों जिला बैंकों को राज्य सरकार द्वारा पूंजी निवेश के तौर पर 537 करोड रूपयों की सहायता की गई थी. लेकिन इसके बावजूद इन बैंकों की स्थिति नहीं सुधरी. वहीं आर्थिक दिक्कतें जारी रहने के दौरान ही बैंकों में चुनाव कराये जाने की घोषणा की गई. ऐसे में इन बैंकों ने निर्वाचन प्राधिकरण तथा सरकार के समक्ष अपनी आर्थिक स्थिती को लेकर रिपोर्ट पेश की है. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि, राज्य सरकार एवं निर्वाचन प्राधिकरण द्वारा नागपुर व बुलडाणा जिला मध्यवर्ती बैंकों को चुनाव को कुछ समय के लिए आगे स्थगित कर दिया जाये.
बता दें कि, केंद्र सरकार द्वारा सहकार मंत्रालय का निर्माण करते हुए उस मंत्रालय का जिम्मा गृहमंत्री अमित शाह के पास दिया गया है. जिसकी वजह से राज्य की 16 जिला मध्यवर्ती बैंकों के चुनाव जल्दबाजी में लिये जा रहे है. वहीं यदि केंद्र सरकार द्वारा सहकार नियमों में कुछ बदलाव किया जाता है, तो जिला बैंकों के चुनाव एवं सत्ताधारियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड सकता है.

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