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७४७ संक्रमितों के नाम व पते गलत निकले

  • अनेकों ने गलत फोन नंबर लिखवाए

  • गलत नाम पते वाले मरीजों को खोजने में प्रशासन को हो रही दिक्कतें

अमरावती/प्रतिनिधि दि.३० – विगत सात-आठ माह से कोरोना से संबंंधित अधिकाधिक  टेस्ट होकर कोरोना संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों का जल्द से जल्द इलाज शुरु करने का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. किंतु पाया गया है कि, विगत सात की कालावधी के दौरान करीब ७४७ लोगों ने अपना थ्रोट स्वैब सैम्पल देते समय अपना नाम, पता व फोन नंबर गलत खिलवाया है. इन लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटीव आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्र्ती कराने हेतु प्रशासन को काफी परेशानियों का सामना करना पडा है.
बता दें कि जिले में विगत मार्च माह से कोरोना संक्रमण से संबंधित स्वास्थ्य जांच करना शुरु किया गया. उस समय कई लोग इस बीमारी को लेकर गलफहमी व डर की वजह से अपना थ्रोट स्वैब सैम्पल देने में घबरा रहे थे. साथ ही कई लोग अपना सैम्पल देते समय अपना नाम, पता गलत खिलवाने के साथ ही मोबाइल नंबर भी गलत दर्ज कराया. ऐसे में जब इन लोगों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आयी तो उनसे संपर्क करने और उन्हें ढूंढने में स्वास्थ्य प्रशासन सहित मनपा व पुलिस प्रशासन को अच्छा खासा पसीना बहाना पडा. हालांकि इसके बावजूद सभी पॉजीटिव मरीज खोजकर निकाले गए और कुछ लोगोंं को तो पुलिस की सहायता लेते हुए कोविड अस्पताल में भर्ती कराना पडा.
जानकारी मिली है कि कई बार परिवार के कई सदस्य एक साथ थ्रोट स्वैब सैम्पल देने हेतु आते है ऐसे में यदि किसी ने अपना नाम पता गलत दर्ज कराया तो उसके आगे पीछे रहने वाले नामों के जरिए मरीजों को खोजकर निकाला जाता है. साथ ही कुछ लोगों के नाम आधे अधूरे रहने पर संबंधित क्षेत्रों के पार्षदों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहायता लेकर ऐसे मरीजों की खोजबीन की जाती है. इसके अलावा जिन लोगों ने अपने नाम व पते पूरी तरह से गलत लिखवाए और इसके बाद उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आयी. ऐसे मरीजों को खोज निकालने के लिए पुलिस के खुफिया विभाग की भी सहायता ली गई और हर एक कोरोना संक्रमित मरीज को खोजकर कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया. किंतु इन तमाम उठापटक में कई कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने में विलंब हुआ और उनके संपर्क में आने की वजह से उनके ही परिवार व परिचय के कई लोग कोरोना संक्रमण की चपेट मेंं आए.

सितंबर माह में सर्वाधिक मामले

सितंबर माह के दौरान अमरावती मनपा क्षेत्र मे ७ हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए . इस माह में ४०० से अधिक मरीजों ने अपना थ्रोट स्वैब सैम्पल देते समय अपना नाम व पता गलत लिखवाया था. कुछ ने आधे अधूरे नाम लिखवाए थे वहीं कई लोगों ने अपने पते अस्पष्ट लिखवाए थे. ऐसे में इतने बडे शहर में इन मरीजों को खोजकर निकालना किसी चुनौति से कम नहीं था, लेकिन बावजूद इसके प्रशासन ने हर एक मरीज को खोजकर निकाला.

पहचान छिपाने के लिए अन्य जिलों के व्यक्ति भी अमरावती आए

अपने जिले में अपने गांव के नाम से पहचाना जा सकता है. इस बात के चलते वाशिम, बुलढाणा, अकोला व यवतमाल जिले के नागरिकों ने अमरावती जिले में आकर अपने थ्रोट स्वैब सैम्पल की जांच करवायी. पश्चात जब उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर स्वास्थ्य महकमे द्वारा उन्हें फोन किया गया तब पता चला कि वे लोग बाहरी जिलों के है. जिसके चलते स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन को संबंधित जिलों के स्वास्थ्य महकमे को फोन कर इसकी जानकारी देनी पडी. इसके साथ ही कई लोगों ने थ्रोट स्वैब सैम्पल देते समय यह भी कहा था कि उनके पास मोबाइल ही नहीं है और अपने किसी परिचित का मोबाइल नंबर दिया था. ऐसे में इस तरह के लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर उन्हें खोजने के लिए काफी दौडभाग करनी पडी.

थ्रौट स्वैब सैम्पल देते समय संबंधित व्यक्ति के मोबइल क्रमांक पर ओटीपी भेजा जाता है. ऐसे में यह मोबाइल क्रमांक काफी महत्वपूर्ण होता है. ऐसे स्थिति में यहि किसी व्यक्ति द्वारा नाम व पता गलत भी लिखवाया गया है तो उसके द्वारा दर्ज कराए गए मोबाइल नंबर के आधार पर खोजबीन करते हुए उसे इलाज के लिए भर्ती कराया जाता है.
– शैलेश नवाल, जिलाधीश अमरावती.

संक्रमण काल के दौरान अब तक ७४७ पॉजीटिव मरीजों के नाम, पते व फोननंबर में त्रुटियां पायी गई. उन्हें खोजने व इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने हेतु स्वास्थ्य पथक को काफी मेहनत करनी पडी. साथ ही दो चार केसेस मे तो पुलिस की सहायता भी लेनी पडी है.
– डॉ. विशाल काले, वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी अमरावती मनपा.

 

 

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