* चर्चाओं व कयासों का दौर तेज
मुंबई/दि.10- विगत 40 दिनों से प्रलंबीत रहनेवाला शिंदे-फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का पहला चरण कल रविवार 9 अगस्त को पूर्ण हुआ. जब राजभवन में राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने 18 विधायकों को मंत्रीपद की शपथ दिलाई. जिनमें भाजपा के 9 व शिंदे गट के 9 विधायकों का समावेश था. लेकिन अब मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कुछ नामों को लेकर विवाद शुरू हो गया है. साथ ही मंत्रियों की सूची में कुछ नाम नहीं रहने को लेकर आश्चर्य भी जताया जा रहा है.
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा के कोटे से मंत्री बनाये जानेवाले 9 मंत्रियों की सूची में पहले संजय कुटे, प्रवीण दरेकर व चंद्रशेखर बावनकुले के नामों का भी समावेश था, लेकिन ऐन समय पर लॉबींग व फिल्डींग करने में माहिर कुछ लोगों द्वारा अपने राजनीतिक वजन का प्रयोग करते हुए इन तीनों नामों को सूची से हटा दिया गया. उल्लेखनीय है कि, इन तीनों नेताओं को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बेहद नजदिकी माना जाता है. ऐसे में अब फडणवीस के बेहद नजदिक रहनेवाले तीन लोगों के नामों को काटने के लिए दिल्ली में अपने राजनीतिक वजन का प्रयोग किसने किया, इसे लेकर विविध चर्चाएं चल रही है.
पता चला है कि, देवेंद्र फडणवीस ने अनुभवी लोगों के नामों को काटे जाने का विरोध किया था, क्योंकि अब स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव सिर पर है. वहीं पौने दो वर्ष में लोकसभा के व सवा दो वर्ष में विधानसभा के चुनाव होने है. ऐसे में चुनावी रणनीति तय करने एवं प्रत्यक्ष मैदान में उतरकर काम करने के लिए अनुभवी चेहरे ही साथ लगेंगे, ऐसा फडणवीस ने पार्टी के केंद्रीय नेताओं से कहा था. परंतू बावजूद इसके फडणवीस के बेहद करीबी रहनेवाले तीन लोगों के नाम संभावित मंत्रियों की सूची से कट गये. ऐसे में अब मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में दिग्गज नेताओं के साथ-साथ नये चेहरों का संतुलन साधना होगा.