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रेस में कुलकर्णी, रासने, धर्माले व बोमरे के नाम आगे

नये स्थायी सभापति का अगले सप्ताह चयन

  •  सभी गुटों में जमकर चल रही लॉबींग व फिल्डींग

  •  भाजपा में दुबारा महिला सभापति को मौका दिये जाने की राय

  •  मनपा के आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया जायेगा निर्णय

  •  मौजूदा कार्यकाल के अंतिम सभापति की ओर लगी सभी की निगाहें

अमरावती/प्रतिनिधि दि.3 – विगत 1 मार्च को मनपा की स्थायी समिती सभापति राधा कुरील का कार्यकाल खत्म हो गया. साथ ही राधा कुरील सहित स्थायी समिती के आठ सदस्यों का द्विवार्षिक कार्यकाल भी समाप्त हो गया. ऐसे में अब 8 नये व 8 पुराने ऐसे कुल 16 सदस्यों द्वारा आगामी सप्ताह में स्थायी समिती की बैठक आयोजीत की जा सकती है. जिसमें स्थायी समिती के नये सभापति का चयन किया जायेगा. अत: अब जहां एक ओर नये सभापति पद का चयन करने हेतु मनपा सहित स्थायी समिती में स्पष्ट बहुमत रहनेवाली भाजपा में जबर्दस्त लॉबींग व फिल्डींग चल रही है. वहीं दूसरी ओर मनपा के मौजूदा सदन के अंतिम वर्ष में स्थायी समिति के अंतिम सभापति पद पर किसका चयन होता है, इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.
बता दें कि, आगामी वर्ष 2022 के फरवरी माह में महानगर पालिका के आम चुनाव होने है. ऐसे में यह मौजूदा पार्षदों के कार्यकाल का अंतिम वर्ष है. अत: अब सभी दलों द्वारा आगामी चुनाव को देखते हुए अपनी रणनीतियां तय की जा रही है. जिसके तहत मनपा में स्पष्ट बहुमत रखनेवाली भाजपा द्वारा आगामी चुनाव के बाद भी सत्ता में वापसी करने हेतु बेहद एहतियात के साथ निर्णय लिये जा रहे है, ताकि समाज के सभी वर्गों के हितों को साधा जा सके. पिछली बार भाजपा की ओर से स्थायी समिती के सभापति पद पर राधा कुरील का चयन करते हुए पहली बार किसी महिला को स्थायी समिती सभापति बनने का बहुमान दिया गया था. जिसकी चहुंओर प्रशंसा हुई थी. संभवत: भाजपा एक बार फिर उसी इतिहास को दोहरा सकती है, जिसके तहत स्थायी समिती सदस्य रहनेवाली स्वाती कुलकर्णी को नया सभापति बनाया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख गुट से पार्षद गोपाल धर्माले तथा पार्षद तुषार भारतीय गुट से पार्षद सचिन रासने के नाम भी सभापति पद की रेस में बताये जा रहे है. इसके अलावा बेहद दबे स्वर में पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील गुट समर्थक पार्षद चंद्रकांत उर्फ चंदू बोमरे का नाम भी सभापति पद की स्पर्धा में शामिल बताया जा रहा है. यदि सभापति पद को अनुभवी की कसौटी के लिहाज से देखा जाये, तो पार्षद सचिन रासने वे पार्षद चंदू बोमरे के पास मनपा के कामकाज का अच्छाखासा अनुभव है. ऐसे में उनकी दावेदारी को सशक्त माना जा सकता है. किंतु मनपा में निर्वाचित भाजपा के 45 पार्षदों में शामिल रहनेवाले कई नये सदस्यों को भी पार्टी द्वारा समय-समय पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई है. विशेष तौर पर महिला पार्षदों को जिम्मेदारियां सौंपने पर खासा ध्यान दिया गया है. ऐसे में इस बात की संभावना काफी अधिक दिखाई दे रही है. पार्षद स्वाती कुलकर्णी को सभापति पद की जिम्मेदारी देते हुए भाजपा द्वारा एक बार फिर महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया जाये.
हालांकि आगामी 8 मार्च तक लॉकडाउन लागू है. ऐसे में 8 मार्च से पहले स्थायी समिती की कोई सभा नहीं हो सकती. अत: संभावना है कि, आगामी 9 अथवा 10 मार्च को स्थायी समिती सदस्यों की बैठक बुलायी जा सकती है. जिसमें नये अध्यक्ष के चयन को लेकर फैसला किया जा सकता है.

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