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बिजली का करंट लगकर नाना व नाती की मौत

दीपावली वाले दिन शेमडा शिवार की घटना

नागपुर/दि.16 – समिपस्थ नरखेड पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत शेमडा शिवार परिसर में विगत रविवार 12 नवंबर को दोपहर 3.30 से 6.30 बजे के दौरान अपने खेत में गए नाना व नाती की एक खेत के चारों ओर सुरक्षाबाड में छोडे गए बिजली के करंट के संपर्क में आकर मौत हो गई. ऐन दीपावली वाले दिन घटित इस घटना के चलते पूरे परिसर में शोक की लहर व्याप्त है. वहीं पुलिस ने मृतक व्यक्ति के खिलाफ सदोष मनुष्यवध का अपराध दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है.
जानकारी के मुताबिक शेमडा गांव निवासी बारिकराम फदाली कडवे (80) का गांव के ही निकट खेत है. बारिकराम की बेटी व दामाद अपने 9 वर्षीय बच्चे तुषार अरुण डोंगरे (वडचिचोली, तह. सौंसर, जि. छिंदवाडा, मप्र) के साथ दीपावली मनाने हेतु शेमडा गांव आए हुए थे. ऐसे में बारिकराम अपने नाती तुषार को साथ लेकर अपने खेत की ओर गया था. जहां पर खेत के चारों ओर लगाई गई तार की बाड में बिजली का करंट प्रवाहित था. खेत में खेलते-खेलते तुषार ने अचानक ही खेत की सुरक्षा बाड को स्पर्श कर लिया. जिसके चलते उसे बिजली का जोरदार झटका लगा. इस समय बारिकराम ने जैसे ही अपने नाती को पकडने का प्रयास किया, तो उन्हें भी बिजली का जबर्दस्त करंट लगा और दोनों ही काफी देर तक अपने खेत में ही पडे रह गए. कुछ देर बाद पडोसी किसान का जैसे ही इस ओर ध्यान गया, तो उसने उसकी जानकारी कडवे परिवार सहित पुलिस को दी. पश्चात पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया और दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए नरखेड के ग्रामीण अस्पताल में भिजवाया. साथ ही इस मामले में बारिकराम कडवे के खिलाफ भादंवि की धारा 304 के तहत सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु की.
उल्लेखनीय है कि, शेमडा खेत परिसर में विगत कई दिनों से वन्यजीवों का अच्छा खासा आंतक बढा हुआ है. जो फसलों की बर्बादी करते है. इस बारे में बार-बार जानकारी देने के बाद भी वनविभाग द्वारा वन्य प्राणियों का बंदोबस्त नहीं किया जाता. जिसकी वजह से किसानों का बडे पैमाने पर आर्थिक नुकसान होता है. जिसकी ऐवज में वनविभाग द्वारा किसानों को बेहद अल्पत्य मुआवजा दिया जाता है. ऐसे में अपनी फसल को वन्यजीवों से बचाने हेतु बारिकराम कडवे ने अपनी खेत के चारों ओर तार की सुरक्षाबाड लगाई थी. जिसमें बिजली का करंट भी छोड रखा था. परंतु इस बिजली की वजह से किसी वन्य प्राणी की बजाय खुद बारिकराम कडवे और उनकी नाती की जान चली गई.

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