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तीन वर्षों से रोजाना दो हजार गरीबों की भूख मिटा रही नानक रोटी

  •  शहर में 13 स्थानों पर किया जाता है भरपेट भोजन का वितरण

  • भोजन में रोटी-सब्जी व दाल-भात सहित मिठाई का समावेश

  •  कोरोना काल में रिकॉर्ड ब्रेक भोजन सेवा दी गई

  •  सिंधी समाज के अधिकांश महिला व पुरूष देते है सेवा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – धर्मशास्त्रों में अन्न को पूर्णब्रह्म कहा गया है. साथ ही जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र व सिर छिपाने के लिए जगह उपलब्ध कराने से बडा कोई पुण्य नहीं है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए शहर के सिंधी समुदाय द्वारा विगत तीन वर्षों से नानक रोटी उपक्रम के तहत रोजाना दो हजार गरीब व जरूरतमंद लोगों को दोनों समय भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही कोरोना काल में नानक रोटी संस्था ने सडकों पर रहनेवाले हजारों लोगों की भूख मिटाने का काम किया.
नानक रोटी ट्रस्ट ने सिंधी कैम्प निवासी शंकरलाल ओटवानी, राजकुमार दुर्गाई, मनोज पुसवानी, संदीप आसानी व गणेश थावरानी का प्रमुख रूप से समावेश है. वहीं इंद्रकुमार लुल्ला, किशनचंद पिंजानी, अजय पिंजानी, कीमतराम दणकानी, अमर कुकरेजा, अमरलाल देवानी, बलराम वरयानी, दीपक पंजवानी व सतीश थावरानी सहित 75 से अधिक नागरिक इस उपक्रम में निरंतर सेवा देते है. सिंधी कैम्प परिसर में किसी के भी घर में जन्मदिवस, विवाह समारोह अथवा कोई भी शुभ कार्य रहने पर संबंधितों द्वारा ट्रस्ट को दान दिया जाता है. यदि कोई एक रूपये का भी दान देता है, तो ट्रस्ट द्वारा इसे स्वीकार किया जाता है. साथ ही यदि किसी ने फोन करते हुए जरूरतमंदों के भोजन हेतु सहायता मांगी, तो नानक रोटी ट्रस्ट का वाहन तुरंत ही उस परिसर में पहुंचकर भोजन का वितरण करता है.
बता दें कि, शंकरलाल ओटवानी, राजकुमार दुर्गाई, मनोज पुसवानी, संदीप आसानी व गणेश थावरानी ने साथ मिलकर तीन वर्ष पहले नानक रोटी ट्रस्ट की स्थापना की और सिंधी कैम्प निवासी राजकुमार दुर्गाई के निवासस्थान के सामने दुर्गाई के ही खाली पडे मकान में नानक रोटी का मुख्यालय स्थापित किया गया. शहर में खुले आसमान के नीचे रहनेवाले अंध-अपंग भिखारियों व घुमंतूओं सहित जिन गरीब लोगोें को दो वक्त का भोजन नहीं मिल पाता, ऐसे लोगोें की भूख मिटाने हेतु ट्रस्ट द्वारा नानक रोटी नामक अन्नवाहिनी शुरू की गई. इसके तहत नानक रोटी ट्रस्ट का वाहन भोजन लेकर शहर में रोजाना शाम के वक्त सडकों पर घुमना शुरू करता है और 13 प्रमुख स्थानों पर रूक कर जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित किया जाता है. यहां पर यह विशेष उल्लेखनीय है कि, नि:शुल्क वितरित किये जानेवाले इस भोजन की गुणवत्ता काफी बेहतरीन होती है और जरूरतमंदों को भोजन में सब्जी-रोटी व दाल-चावल सहित मिष्ठान्न भी दिया जाता है. साथ ही हर एक को भरपेट भोजन भी कराया जाता है. इसके अलावा इस वाहन में ठंडा पानी व बिस्कीट के पैकेट भी हमेशा रहते है. नानक रोटी की यात्रा जैसे-जैसे आगे बढती गयी, वैसे-वैसे सिंधी समाज के लोगों ने स्वयंस्फूर्त तौर पर इस ट्रस्ट को मदद करनी शुरू की और आज देखते ही देखते विगत 19 अप्रैल को इस उपक्रम ने तीन वर्ष पूरे कर लिये. इस उपक्रम के तहत सिंधी समाज के कई महिला व पुरूष रोजाना बारी-बारी से भोजन तैयार करने में स्वयंस्फूर्त तौर पर सेवा देते है. वहीं कई नागरिकों द्वारा अनाज अथवा नकद राशि का दान दिया जाता है. साथ ही भोजन वितरण करने हेतु शहर में घुमनेवाले वाहन पर भी सेवाधारियों द्वारा सेवा प्रदान की जाती है.
नानक रोटी का यह वाहन रोजाना शाम 7 बजे अपनी यात्रा शुरू करता है और मयूर चौक, पीडीएमसी अस्पताल, पंचवटी चौक, राठी स्कूल, जुना कॉटन मार्केट चौक, बालाजी मंदिर, रेलवे स्टेशन चौक, बस स्थानक चौक, सायन्सकोर मैदान, कंवरनगर, दस्तुरनगर व सिंधू नगर ऐसे 13 इलाकों का चक्कर लगाते हुए लोगों को गरमागरम व स्वादिष्ट भोजन का वितरण किया जाता है. ट्रस्ट द्वारा भविष्य में एक और वाहन शुरू करते हुए शहर के अन्य प्रमुख चौक-चौराहों पर खडे रहकर भोजन वितरित करने का मानस है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, ट्रस्ट की ओर से कोरोना काल के दौरान विगत एक वर्ष से रिकॉर्डब्रेक भोजन वितरण किया गया. इस दौरान अमरावती शहर में फंसे परप्रांतिय मजदूरों ने भी इस भोजन सेवा का लाभ लिया. साथ ही ट्रस्ट द्वारा अब तक भोजन के साथ-साथ एक लाख से अधिक मास्क का भी वितरण किया गया. इसके अलावा इस ट्रस्ट द्वारा पीडीएमसी व इर्विन अस्पताल सहित शहर के कई निजी अस्पतालों में कोविड संक्रमित मरीजों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है.

  • जल्द ही शीतल जलवाहिनी होगी उपलब्ध

नानक रोटी ट्रस्ट द्वारा शहर में जल्द ही शीतल जलवाहिनी सेवा शुरू की जायेगी. जिसके लिए एक वाहन विशेष रूप से तैयार करवाया जा रहा है. जिसमें ठंडे पानी का स्टोरेज रहेगा और वाहन के तीन ओर नल लगे रहेंगे. नानक रोटीवाले वाहन की तरह ही शीतल जलवाला यह वाहन रोजाना सुबह से लेकर रात तक शहर के प्रमुख चौक-चौराहों का चक्कर लगायेगा, ताकि गरमी के मौसम के दौरान गरीब व जरूरतमंद लोगों के साथ-साथ सभी लोगों की प्यास बुझायी जा सके.

  • बंदोबस्त में तैनात पुलिसवालों के लिए चाय-नाश्ते का प्रबंध

जब से कोविड संक्रमण और लॉकडाउन का दौर शुरू हुआ है, तब से पुलिस अधिकारियोें व कर्मचारियों पर बंदोबस्त का तनाव बढ गया है. ऐसे में लॉकडाउन काल के दौरान सडकों पर बंदोबस्त में तैनात रहनेवाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए रोजाना सुबह चाय-नाश्ता, ठंडे पानी तथा मास्क व सैनिटाईजर के वितरण का काम नानक रोटी ट्रस्ट द्वारा शुरू किया गया है, जो इस समय जारी संचारबंदी के समय भी शुरू है.

  • एक फोन कॉल पर उपलब्ध होती है सेवा

गत वर्ष कोरोना काल में अचानक लागू किये गये लॉकडाउन में नागरिकों को अच्छीखासी दिक्कतोें व असुविधाओं का सामना करना पडा. कई परप्रांतिय मजदूर अमरावती शहर में अटक गये और लॉकडाउन काल के दौरान आय व रोजगार के साधन खत्म हो जाने की वजह से कई झोपडपट्टियों में चूल्हे नहीं जले. उस समय यदि किसी व्यक्ति द्वारा ट्रस्ट को फोन करते हुए ऐसे लोगों के बारे में जानकारी देते हुए सहायता मांगी जाती थी, तो महज कुछ मिनटों के भीतर नानक रोटी ट्रस्ट का वाहन संबंधित क्षेत्र में पहुंचकर जरूरतमंदों को भोजन सेवा उपलब्ध कराता था. यह काम अब भी जारी है. इस जरिये विगत एक वर्ष के दौरान नानक रोटी ट्रस्ट द्वारा स्थानीय जरूरतमंदों की भूख मिटाने के साथ-साथ हजारों परप्रांतिय मजदूरों को भी भोजन उपलब्ध कराया गया.

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