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नाथ समाज को न्याय दिलाए

अन्यथा किया जाएगा आंदोलन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२२ – नाथ समाज को जाति प्रमाणपत्र दिलवाने सहित समाज को न्याय दिलाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय नाथ समाज संगठन को बैनरतले आज संगठन पदाधिकारियों की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को निवेदन भेजा गया. निवेदन में बताया गया कि वर्ष १९६१ के बाद भटकीय जनजाति की मूल सूची में मूल २८जाति वर्ष २००० के बाद अनेक नई जनजातियों का पिछड़ा वर्ग प्रवर्ग से भटकी जनजाति प्रवर्ग में नये से समावेश किया गया. जिसके परिणामस्वरूप भटकीय जनजाति पर अन्याय हो रहा है. नई जनजाति का एनटीबी वर्ग में नये से समावेश करने पर भी भराडी, नाथ गारपगारी, नाथ जोगी नाथ बाबा, डवरी गोसावी को ० फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से यह समाज गांव गांव जाकर भींख मांगता है. इसलिए समाज को अस्थायी रूप से भिक्षामुक्त करने व उनकी भटकंती रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है. इसलिए आरक्षण बढ़ाया जाए अथवा नाथ जोगी नाथ पंथी समाज को अनुसूचित जनजाति में समावेश किया जाए. नाथ समाज को जातिय प्रमाणपत्र दिए जाए. नाथ समाज के लिए स्वतंत्र नाथ महामंडल की स्थापना की जाए. नाथ समाज के लिए गांव जहां वहां दफन भूमि के लिए जगह उपलब्ध कराई जाए. समाज को घरकुल योजना का लाभ दिया जाए. समाज के जरूरतमंद छात्रों को विदेशों में पढ़ाई करने के लिए जाने हेतु आर्थिक मदद दी जाए, सहित अन्य मांगे की गई. मांगों की पूर्तता न करने पर संपूर्ण महाराष्ट्र में लोकतंत्र मार्ग से जन आंदोलन करने की चेतावनी दी गई. निवेदन सौंपते समय नाथ संगठन के विदर्भ अध्यक्ष संतोष नाथ गोरे, अमरावती जिलाध्यक्ष राजूनाथ शिंदे, चंदननाथ सावंत, संगीता सोनुले, भाजेराव शिंदे, सुभाष शिंदे, गजानन शिंदे, दीपक शिंदे, गयाबाई शिंदे, रघुनाथ सावंत, धर्मा तंाबे, सुनील सोलंके आदि मौजूद थे.

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