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आज से नौतपा हुआ शुरू, रोहिनी नक्षत्र का भी प्रारंभ

2 जून तक तापमान में लगातार होगा इजाफा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२५ – रोहिनी नक्षत्र को बारिश के मौसम का पहला महानक्षत्र माना जाता है. जिसका शुभारंभ मंगलवार 25 मई से हुआ है. इसके साथ ही 25 मई से 2 जून के दौरान रहनेवाले नौतपा की भी शुरूआत हो गयी है. ऐसे में अब आगामी 2 जून तक तापमान में इजाफा होता दिखाई देगा.
पंचांग शास्त्रियों के मुताबिक रोहिनी नक्षत्र का वाहन भेड है और मंगलवार की सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर रोहिनी नक्षत्र की शुरूआत हुई है. सूर्य के नक्षत्र प्रवेश के समय एक भी जलकारक ग्रह जलराशि में नहीं रहने के चलते इस नक्षत्र में बारिश के योग बेहद कम है. साथ ही 25 मई को होनेवाला चंद्रग्रहण यद्यपि महाराष्ट्र में दिखाई नहीं देगा, किंतु यह चंद्रग्रहण बारिश के लिए थोडी अनुकूलता दिखा रहा है. ऐसे में 26 व 27 मई के दौरान बदरीला मौसम रहेगा तथा तेज आंधी-तूफान सहित मान्सूनपूर्व बारिश हो सकती है. इस नक्षत्र के दौरान केरल तथा राज्य के तटिय इलाकोंवाले कोंकण एवं मुंबई परिसर में जबर्दस्त बारिश होने की संभावना है. पश्चात 2 जून के बाद तापमान में कुछ कमी आ सकती है. किंतु इस नक्षत्र के दौरान नियमित बारिश होने के योग नहीं है. हालांकि ये तमाम अनुमान पंचांग शास्त्र अनुसार ग्रहों व नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित है. अत: किसानों ने मौसम विभाग द्वारा व्यक्त किये जानेवाले अनुमान के आधार पर खेती से संबंधित कामों का नियोजन करना चाहिए.
बता दें कि, नौतपा के नौ दिनों का संबंध आगामी बारिश के नौ नक्षत्रों के साथ जोडा जाता है. यदि नौतपा बेहद गर्म और शुष्क रहा तो उस वर्ष अच्छा पानी बरसता है. इससे उलट यदि नौतपा के नौ दिनों के दौरान तापमान कम रहता है अथवा बारिश होती है, तो उस दिन से संबंधित बारिश का नक्षत्र सूखा निकल जाता है या उस नक्षत्र में बारिश कम होती है, ऐसा जानकारी किसानों का कहना है. नौतपा के दिननिहाय आनेवाले नौ नक्षत्र मृग, आर्द्रा, पुनर्वसू, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा, उत्तरा व हस्त को माना जाता है.

  • क्या होता है नौतपा

पंचांग शास्त्र के मुताबिक चंद्र को केंद्र स्थान में रखकर सूर्य पूरे सालभर कुल 27 नक्षत्रों से होकर भ्रमण करता है. इस अनुसार वर्ष के 365 दिनों को 27 नक्षत्रों में विभाजीत किया गया है. जो विविध 12 राशियों के अंतर्गत आते है. ऐसे में एक नक्षत्र की कालावधि 13 दिनों से कुछ अधिक होती है. सूर्य का रोहिणी नक्षत्र मेें होनेवाला प्रवेश और इस कालावधि के पहले नौ दिनों को नौतपा माना जाता है. इस नौतपा काल के दौरान सूर्य कर्कवृत्त के बेहद पास पहुंचता है. ऐसे में इस दौरान भारत में तापमान में वृध्दि और गरमी की उच्चतम स्थिति रहती है. नौतपा के वातावरण तथा बारिशवाले नक्षत्र का स्थानीय परिणाम प्रत्येक गांव व स्थान के केंद्र से 50 किमी के दायरे में अनुभव लिये जा सकते है. ऐसा स्थानीय मौसम विशेषज्ञों का मानना है.

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