महाराष्ट्रमुख्य समाचार

समूचे राज्य में धूमधाम से शुरू हुआ नवरात्रौत्सव

विभिन्न शक्तिपीठों व मंदिरों में विधि-विधान के साथ हुई घटस्थापना

मुंबई/दि.7 – कोविड संक्रमण के खतरे एवं लॉकडाउन के चलते राज्य के सभी मंदिरों को विगत डेढ वर्ष से बंद रखा गया था. जिन्हें राज्य सरकार द्वारा गुरूवार 7 अक्तूबर से खोलने की अनुमति दी गई. ऐसे में नवरात्र के पहले दिन नवरात्रौत्सव के पर्व पर समूचे राज्य में सभी धार्मिक स्थल सार्वजनिक तौर पर आम श्रध्दालुओं के लिए खोल दिये गये. साथ ही चहुंओर नवरात्रौत्सव की जबर्दस्त धूम दिखाई दी. साथ ही सभी शक्तिपीठों व देवी मंदिरों में भाविक श्रध्दालुओं की उपस्थिति के बीच घटस्थापना की गई और नवरात्रौत्सव का प्रारंभ हुआ. बता दें कि, गत वर्ष कडा लॉकडाउन लागू रहने के चलते मंदिरों में तो धार्मिक अनुष्ठान हुए थे, किंतु सभी मंदिरों को आम श्रध्दालुओं के लिए बंद रखा गया था.
आज महाराष्ट्र की कुलस्वामिनी व आराध्य दैवत कही जाती तुलजा भवानी के तुलजापूर स्थित मंदिर में नियमित एवं विभिन्न प्रकार के कुलाचार विधि-विधान के साथ नवरात्रौत्सव का प्रारंभ हुआ. पूर्ण शक्तिपीठ का दर्जा प्राप्त श्री तुलजा भवानी माता को आज समूचे राज्य की ओर से प्रथम पुष्पमाला अर्पित की गई.

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सीएम ठाकरे पहुंचे मुंब्रादेवी, पवार व पाटील ने किये सिध्दीविनायक के दर्शन

राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने पत्नी रश्मी ठाकरे तथा बेटे व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ मुंब्रादेवी मंदिर जाकर देवी के दर्शन लिये. इस समय मुंबई की महापौर किशोरी पेडणेकर व उपमहापौर सुहास वाडकर भी उपस्थित थे. वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार व जलसंपदा मंत्री जयंत पाटील ने सिध्दीविनायक मंदिर तथा स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने महालक्ष्मी मंदिर जाकर दर्शन किये.

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करवीर निवासीनी अंबाबाई को दी गई तोप की सलामी

साढे तीन शक्तिपीठों में से महत्वपूर्ण शक्तिपीठ रहनेवाले करवीर स्थित अंबाबाई मंदिर में तोप की सलामी से घटस्थापना की गई. इस समय मंदिर समिती के सचिव शिवराज नायकवडे ने तोप चलाते हुए करवीर नगरी में नवरात्रौत्सव का प्रारंभ होने का संकेत दिया. बता दें कि, मंदिर में घटस्थापना होने का संदेश करवीरवासियों को मिले, इस हेतु तोप की सलामी देने की परंपरा विगत अनेक वर्षों से चली आ रहे है और अंबाबाई मंदिर से चलनेवाली तोप की आवाज सुनने के बाद ही भाविकों द्वारा अपने घरों में घट की स्थापना की जाती है.

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डेढ वर्ष बाद दिखा भक्ति और शक्ति का अनूठा संगम

– कहीं आरती, तो कहीं जय माता दी व हर-हर महादेव का जयघोष
करीब डेढ वर्ष के बाद घटस्थापना के पर्व पर राज्य में मंदिरों सहित सभी धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों को सार्वजनिक तौर पर पूरी तरह से खुलने की अनुमति दी गई है. ऐसे में सभी धर्मशील नागरिकों व भाविक श्रध्दालुओं में जबर्दस्त उत्साह की लहर देखी गई. साथ ही राज्य के सभी मंदिरों में भाविक श्रध्दालुओं की भीड उपस्थित होने के साथ ही एक बार फिर पूजा-अर्चना व आरती का दौर शुरू हुआ. साथ ही मंदिर परिसरों में हर-हर महादेव, जय श्रीराम व जय माता दी का उद्घोष गूंजायमान हुआ. नवरात्र का प्रथम दिवस रहने के चलते और घटस्थापनावाले दिन भी मंदिरों के लंबे समय बाद खुलने के चलते भाविकों में अपार उत्साह देखा गया.

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